बॉलीवुड एक्ट्रेस राधिका आप्टे इन दिनों अपनी फिल्म'साली मोहब्बत' को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं. इस थ्रिलर फिल्म का प्रीमियर 12 दिसंबर, 2025 को ZEE5 पर हो रहा है. इससे पहले इस मूवी को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) और शिकागो साउथ एशियन फिल्म फेस्टिवल सहित कई जगहों पर सराहना मिल चुकी है.
एक्ट्रेस राधिका आप्टे ने बताया कि पुरानी बॉलीवुड फिल्मों में महिलाओं को जिस तरह दिखाया जाता है, उसका उन पर उस समय जितना असर हुआ था, उससे कहीं ज्यादा गहरा असर हुआ. उन्होंने बताया कि जिस तरह की खूबसूरती और ऑन-स्क्रीन बिहेवियर को वह देखती हुई बड़ी हुईं, उसने कॉलेज के दौरान उनकी इनसिक्योरिटी को बनाया. एक्ट्रेस ने इस बात पर जोर दिया कि कलाकार अपने काम से जुड़े बड़े सामाजिक असर से खुद को अलग नहीं कर सकते.
क्रिकेट और फिल्मों का असर ज्यादा
दरअसल Zoom के साथ एक खास इंटरव्यू में राधिका आप्टे ने बताया, 'मुझे लगता है कि इस देश में चाहे आपको पसंद हो या न हो, क्रिकेट और सिनेमा दो सबसे मशहूर चीजें हैं. यही उनकी प्रेरणा की एक चीज है, वे इसी के लिए जाने जाते हैं. तो चाहे आपको पसंद हो या न हो, आपका बहुत असर होता है. चाहे आप मेरे जैसे छोटे एक्टर हो या बड़े स्टार इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. आपका असर होता है और इसके साथ एक जिम्मेदारी भी आती है. आप सिर्फ बातें करते नहीं रह सकते.'
एक्ट्रेस ने आगे कहा, 'लोगों की जिंदगी कभी-कभी आपकी कही छोटी-छोटी बातों से बनती है या आप नहीं कहते, क्योंकि मेरी जिंदगी ऐसी ही थी. जिन एक्टर्स और एक्ट्रेसेज को मैं पसंद करती थी, उनकी वजह से मैंने बहुत उतार-चढ़ाव देखें और मुझे लगा कि मैं सच में इसका एक उदाहरण हूं.'
बॉलीवुड में महिलाओं के रिप्रेजेंटेशन पर बोलीं राधिका
राधिका आप्टे ने बॉलीवुड में महिलाओं के रिप्रेजेंटेशन पर बात करते हुए कहा, 'मैंने अपना पूरा कॉलेज टाइम यह सोचते हुए बिताया कि मैं सुंदर नहीं हूं और मेरा शरीर ठीक नहीं है और ये सब बातें क्योंकि मैं बहुत सी चीजों में फिट नहीं बैठती थी. रोमांटिक फिल्मों का पूरा ट्रेंड जहां लड़कों को ना कहना कूल था और फिर पीछा किया जाना कूल था और ये सब, ये सब चीजें और महिलाओं के साथ कैसा बर्ताव किया जाता था और उनके साथ कैसा बर्ताव किया जाता था. इसने मुझ पर बहुत असर डाला और मैं उसका हिस्सा थी.
'जाहिर है, किस्मत से, आप हर चीज पर सवाल उठाते हैं और आपको एहसास होता है कि यह सब बकवास है, लेकिन इसका बहुत बड़ा असर होता है. इसलिए मुझे लगता है कि आपकी कुछ जिम्मेदारी है और आप खुद को पॉलिटिक्स से अलग नहीं कर सकते. राधिका आप्टे ने इसे समझाते हुए कहा, 'पॉलिटिक्स सिर्फ चुनाव या पॉलिटिकल पार्टियों के बारे में नहीं है. यह रोजमर्रा की जिंदगी, समाज कैसे काम करता है, आप क्या सोचते हैं, और उसमें आपकी क्या जिम्मेदारी है, इसके बारे में भी है.