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'मैंने प्यार किया' के लिए भाग्यश्री को 7 बार स्क्रिप्ट सुनाने गए थे डायरेक्टर, फिर हुईं राजी

भाग्यश्री ने बताया- सब कुछ सुनने के बाद सूरज बड़जात्या जानना चाहते थे कि मैं फिल्म करूंगी या नहीं. तो मैंने कहा कि स्क्र‍िप्ट पसंद आने के बावजूद मैं वो नहीं कर सकती.

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भाग्यश्री
भाग्यश्री

बॉलीवुड एक्ट्रेस भाग्यश्री की फिल्म मैंने प्यार किया भला कौन भूल सकता है. 1989 में सूरज बड़जात्या द्वारा निर्देश‍ित इस फिल्म में सलमान खान और भाग्यश्री लीड रोल में थे. जहां फिल्म ने दर्शकों के बीच अपनी जगह बनाई वहीं सलमान और भाग्यश्री ने भी खूब शोहरत हास‍िल की. सुमन के किरदार में भाग्यश्री का खूबसूरत किरदार आज भी यादगार है. लेक‍िन क्या आपको पता है भाग्यश्री को इस फिल्म के लिए मनाना इतना आसान नहीं था. 

व‍िदेश जाकर पढ़ना चाहती थीं भाग्यश्री 

भाग्यश्री ने सूरज बड़जात्या की कामयाब कोश‍िश के बारे में बताया है. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंड‍िया से बात करते हुए कहा क‍ि कैसे मैंने प्यार क‍िया फिल्म के लिए सूरज बड़जात्या उनके पास कई दफा आए थे. इससे पहले ये बता दें कि भाग्यश्री विदेश जाकर पढ़ना चाहती थीं. एक्ट्रेस ने कहा- मेरे पिता चाहते थे कि मैं भारत में ही रहकर अपनी पढ़ाई पूरी करूं और हमारी उस बहस के बीच ही मैंने प्यार किया का ऑफर आया. 

एक्ट्रेस ने आगे बताया कि उन्होंने सूरज बड़जात्या को कह दिया था कि वे फिल्मों में काम नहीं करना चाहती हैं. लेक‍िन जब सूरज ने स्क्र‍िप्ट सुनाई तो उन्हें वह अच्छा लगा. भाग्यश्री ने बताया- सब कुछ सुनने के बाद सूरज बड़जात्या जानना चाहते थे कि मैं फिल्म करूंगी या नहीं. तो मैंने कहा कि स्क्र‍िप्ट पसंद आने के बावजूद मैं वो नहीं कर सकती. 

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आठवीं बार में भाग्यश्री ने फ‍िल्म के ल‍िए द‍िया ये जवाब 

उनके इस जवाब को सुनने के बाद सूरज उनके पास सात बार आए, हर बार उनकी स्क्र‍िप्ट में थोड़े बदलाव रहते थे और हर बार खुद भाग्यश्री एक नया बहाना रख देती थीं. आठवीं बार उन्होंने फिल्म करने के लिए हामी भर दी. भाग्यश्री बताती हैं- वो इस बात पर बिल्कुल अड‍िग थे कि मैं ही वो फिल्म करूं. दिल से कहती हूं कि वो कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी थी और जब भी मैं उन्हें लौटा देती थी तो मुझे बुरा लगता था.  

 

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