इंडिया टुडे वुमन समिट 2021 का लाइव आयोजन शनिवार को किया गया. इस शो में इंडस्ट्री की एक्ट्रेसेज और महिला क्रिएटर्स ने शिरकत की. शो के सेशन Binge Is King में पूजा भट्ट, नेटफ्लिक्स इंडियन की डायरेक्टर सृष्टि बहल आर्या और यूट्यूबर प्राजक्ता कोली हमसे जुड़ीं. इस मौके पर मॉडरेटर शिव अरूर संग बातचीत में पूजा भट्ट ने बॉलीवुड में अपने करियर, अपनी नेटफ्लिक्स सीरीज बॉम्बे बेगम्स समेत अन्य विषयों पर बात की.
बॉलीवुड में नहीं बढ़ती मर्दों की उम्र
पूजा भट्ट से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि इंडस्ट्री में महिलाओं को लेकर कई स्टीरियोटाइप हैं. इसपर उन्होंने सहमति जताई कि हां, इंडस्ट्री में महिलाओं को लेकर स्टीरियोटाइप हैं, लेकिन समय के साथ महिलाओं के किरदारों को लेकर भी नए स्टीरियोटाइप खड़े किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा- जैसे मेरी उम्र यानी 49 साल की किसी महिला को फिल्म में आराम से कास्ट कर लिया जाएगा, लेकिन मुझे किसी ऐसे एक्टर की मां का रोल दिया जाएगा, जिसके साथ मैंने 20 साल पहले कोई फिल्म की थी. हम 53 साल के आदमी के कॉलेज स्टूडेंट दिखने में बहुत सहज हैं, हमें उसके बोटॉक्स और झुर्रियों से खास फर्क नहीं पड़ता. लेकिन ऐसी ही अगर कोई महिला आ जाए तो हमें अच्छा नहीं लगता.
बॉम्बे बेगम्स में अपने किरदार को लेकर बोलीं पूजा
पूजा ने अपनी इस बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि बॉम्बे बेगम्स जिसे शो के जरिए महिलाओं खुद को दोबारा जन्म देती हैं. उन्होंने कहा- तो मुझे लगता है कि आप अपने आप को ऐसे शोज से दोबारा जिन्दा करते हो. इसमें खास ये है कि मैं सिर्फ एक एक्टर की भूमिका नहीं निभा रही हूं. मैं एक ऐसी महिला का किरदार निभा रही हूं जो इस उम्र में एक कंपनी को कमांड कर रही हैं. उसकी भी इच्छाएं है, वो गिरती है और चालाक भी है. आपको कम ही ऐसे प्रोजेक्ट्स मिलते हैं, जिनमें आपको सिर्फ 5 महिलाएं नहीं मिलतीं बल्कि महिलाओं के अंदर महिलाएं मिलती हैं जो उन्हें काम्प्लेक्स बनाती और जिंदगी ऐसी ही है. महिलाओं और पुरुषों को एक समान देखने के दिन जा चुके हैं और अब समय है कि हम दर्शकों की सोच से जुड़ें.
प्राजक्ता कोली ने रखे अपने विचार
इस विषय पर यूट्यूबर और एक्ट्रेस प्राजक्ता कोली ने भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा- हमारी जनता को अब असली दिखने वाला कंटेंट चाहिए. मैं खुद को खुशनसीब मानती हूं कि मैं ऐसे समय में जी रही हूं जब जनता स्टीरियोटाइप को रिजेक्ट कर रही है. आप बड़े से बड़े स्टार हो सकते हैं लेकिन अगर दर्शक अपना पैसा और समय सब्सक्रिप्शन में खर्च कर रहे हैं तो वह फालतू चीज देखने में संतुष्ट नहीं होंगे. इससे क्रिएटर्स को सशक्तिकरण मिलता है. ये समय है जब नॉर्मल लोगों के बारे में नॉर्मल कहानी को नॉर्मल तरीके से परोसा जाए. मैं खुश हूं कि नेटफ्लिक्स में असली कहानियां दिखाने का दम है.
कंटेंट को बनाते समय क्या सोचती हैं प्राजक्ता?
साथ ही प्राजक्ता कोली ने ये भी बताया कि क्या उन्हें अपना कंटेंट जेनेरेट करते वक्त किसी बात का डर रहता है. उन्होंने कहा- कंटेंट के मामले में आप क्या चाह रहे हो ये मायने रखता है. मुझे पता है कि ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो मैं नहीं करना चाहूंगी. लेकिन मैं रोज अपने कंटेंट की वजह से कुछ ना कुछ सीख रही हूं. इंटरनेट की बेस्ट चीज है कि अब लोग अपने दिमाग की बात सही में कहते हैं. मैं सोच समझकर चलने जैसा कुछ नहीं करती हूं क्योंकि मेरी टीम बहुत अच्छी है और हम दर्शकों के हिसाब से काम करते हैं. हम हमेशा जिम्मेदारी निभाने की कोशिश करते हैं जो हमारे दर्शकों की तरफ है.
नेटफ्लिक्स में हैं 50% महिलाएं
नेटफ्लिक्स इंडिया की डायरेक्टर सृष्टि बहल आर्या ने बताया कि नेटफ्लिक्स में कैसे बदलाव लाया जा रहा है. उन्होंने कहा- हम खुश हैं कि पूजा भट्ट ने अपने अंदाज में बॉम्बे बेगम्स में रानी के रोल को निभाया. हम नेटफ्लिक्स में ज्यादा से ज्यादा जिंदगियां दिखाना चाहते हैं. हमारी 50% फिल्मों और सीरीज में महिलाएं हैं. साथ ही हमने कई महिलाओं को बतौर राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के रूप में रखा है. अभी हमें भारतीय शोज और फिल्में बनाते हुए 3 साल ही हुए हैं, लेकिन और मेहनत के साथ हम बहुत आगे जाने की तैयारी में है.