India Today Woman Summit 2021 में भूमि पेडनेकर ने शिरकत की. इस लाइव शो में भूमि पेडनेकर ने सेशन Wonder Woman: She Dares, She Speaks में हिस्सा लिया. यहां उन्होंने मॉडरेटर नबीला जमाल के साथ अपने बॉलीवुड करियर, इंडस्ट्री में मेल और फीमेल आर्टिस्ट की सैलरी में फर्क और सुंदरता को अलग परिभाषा देने के बारे में बात की.
सुंदरता की नई परिभाषा
भूमि ने बताया कि वह शुरू से ही एक्टिंग करना चाहती थीं, लेकिन बहुत से ऐसे लोग थे जिन्होंने उन्हें ऐसा ना करने की सलाह दी थी. भूमि को खुदकर भी पूरी तरह भरोसा नहीं था क्योंकि वह फिल्मों में आमतौर पर दिखने वाली गोरी चिट्टी लड़की नहीं थीं. उन्होंने कहा- मैं अपने सिनेमा के जरिए बदलाव लाना चाहती थी, जनता को सीख देना चाहती थी कि वो जैसे हैं अच्छे हैं. मैं ब्यूटी को अलग नॉर्म देना चाहती थी. आपको एक्ट्रेस बनने के लिए या अपने मन का कुछ और करने के लिए गोरा चिट्टा होने की जरूरत नहीं है.
दम लगा कर हईशा को करने में आए मजे
भूमि पेडनेकर ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म दम लगा कर हईशा से की थी. इस बारे में उन्होंने बताया - मुझे इस फिल्म में काम करने में मजा आया था, क्योंकि मुझे मेरी दो फेवरेट चीजें- खाना और एक्टिंग करने को मिल रहा था. उन्होंने बताया कि कैसे यशराज के ऑफिस में वह इस फिल्म के लिए दूसरों का ऑडिशन लेने के साथ-साथ खुद भी रोल के लिए ऑडिशन दे रही थीं.
भूमि ने कहा- शरद मेरे साथ सख्त थे क्योंकि वो मुझे सिर्फ इसलिए ही नहीं लेना चाहते थे क्योंकि मैं यश राज में काम करती हूं. मैं मुंबई की लड़की हूं और मेरी हिंदी काफी अर्बन थी. तो मुझे साबित करना पड़ा कि मैं ये कर सकती हूं. और 4 महीने की ऑडिशनिंग के बाद उन्होंने मुझे कहा कि ठीक है ये रोल तुम्हारा हो गया है.
ट्रांफॉर्मशन देखकर डर गए थे लोग
दम लगा के हईशा में अपने रोल के बारे में भूमि ने बताया- मेरे आसपास के लोग मेरे मोटापे की वजह से परेशान हो गए थे क्योंकि मेरा वजन बढ़ रहा था और मुझे किसी को भी बताने से मना किया गया था कि मुझे फिल्म मिल गई है. तो लोगों को लगने लगा था कि मेंटल हेल्थ का कोई इश्यू है. इस चीज ने मुझे बताया कि लड़कियों को सेल्फ लव नहीं सिखाया गया है. आप जैसे हो वैसे सही हो. बिकिनी बॉडी हम बोलते हैं लेकिन असल में बिकिनी बॉडी का मतलब है कि बिकिनी को आपकी बॉडी में फिट होना है ना कि आपकी बॉडी को बिकिनी के हिसाब से फिट होना है.
जब भूमि को मिली थी 5% फीस
भूमि पेडनेकर ने बताया कि उन्हें मिलने वाली फिल्मों की सभी स्क्रिप्ट पढ़ती हैं. उन्होंने कहा- मैं हर तरह की स्क्रिप्ट जो मुझे मिलती है मैं पढ़ती हूं, भले ही किसी ने मुझे किसी गांव से ही भेजी हो. मैं मानती हूं कि आपको अच्छी कहानी कहीं भी मिल सकती है. इंडस्ट्री में सैलरी गैप को लेकर भूमि ने बताया कि वह कभी भी अपना हक मांगने में पीछे नहीं हटती हैं, लेकिन करियर की शुरुआत में उनके साथ ऐसा जरूर हुआ था. उन्होंने बताया कि एक प्रोजेक्ट के लिए उन्हें अपने मेल को-स्टार की सैलरी का 5 परसेंट मिला था. उन्होंने कहा कि मैंने भी बराबर की मेहनत की है तो फिर ऐसा क्यों. हालांकि मेकर्स नहीं माने थे. इसके बाद भूमि ने ठान लिया कि वह दोबारा ऐसा अपने साथ नहीं होने देंगी.
सुशांत सिंह राजपूत को याद करती हैं भूमि
सुशांत सिंह राजपूत के बारे में भी भूमि पेडनेकर ने बात की. उन्होंने बताया कि सुशांत को वह हमेशा याद रखेंगी. भूमि ने कहा कि सोन चिड़िया उनके लिए खास फिल्म रही है क्योंकि उसको करने में बहुत मेहनत लगी थी और बहुत से बढ़िया एक्टर्स ने उसमें काम किया था. उन्होंने कहा कि मैं सुशांत को दोस्त की तरह याद रखती हूं. मैंने सेट्स पर सबसे ज्यादा समय उन्हीं के साथ बिताया था क्योंकि हमारा सफर साथ था. उन्होंने वातावरण को काफी अच्छा बनाकर रखा था और हमारे बीच काफी हेल्दी कम्पटीशन था, जहां हम दोनों अपना बेस्ट देने की कोशिश कर रहे थे.
लॉकडाउन में भूमि पेडनेकर के कैसे थे हाल?
लॉकडाउन में रहना सभी के लिए मुश्किल था. ऐसे में भूमि ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ थीं और इस बात की उन्हें खुशी है. उन्होंने कहा- मैंने 17 साल की उम्र में काम करना शुरू किया था और ये पहली बार था जब मेरे पास कुछ भी करने को नहीं था. हम लोग काफी पैनिक कर रहे थे और घर की खूब सफाई कर रहे थे. लोग कोरोना के मरीजों के साथ बहुत बुरा व्यवहार कर रहे थे. मुझे याद है एक लीडिंग सिंगर के साथ जो हुआ वो मुझे देखकर बहुत बुरा लगा था. वो समय काफी बुरा था.
भूमि ने ये भी बताया कि वह अपने इनिशिएटिव क्लाइमेट वारियर के साथ लगातार काम कर रही हैं और वेजीटेरियन हो गई है. इसके साथ ही उन्होंने फैंस को पर्यावरण को बचाने और उसकी सुरक्षा करने की टिप्स भी दीं. उन्होंने कहा- सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करें. नेचुरल रिसोर्स का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करें. अपने कचरे को अलग-अलग करना शुरू करें. गीले और सूखे कूड़े को अलग करना शुरू करें. आप क्या कंज्यूम करते हैं उसपर ध्यान दें.
OTT रेगुलेशन को लेकर बोलीं भूमि
भूमि ने OTT प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को रेगुलेट करने की बात पर कहा कि यह पूरी तरह सही नहीं है. उन्होंने कहा- मुझे सिनेमा पसंद है लेकिन OTT भी पसंद है, क्योंकि मुझे लगता है कि हम OTT के जरिए दुनिया से ज्यादा अच्छे से जुड़ सकते हैं. दोनों के अपने अलग मायने हैं लेकिन जिस तरह की रीच आपको OTT से मिलती है वो एकदम अलग ही है. सेंसरशिप मुझे बहुत अच्छे से समझ नहीं आती है. लेकिन अपनी फिल्मों से मुझे सीखने को मिला है. कंट्रोल करना है तो जरूर करें लेकिन मैं बस कहना चाहती हूं कि आर्ट को दबाया ना जाए बस.