scorecardresearch
 

कभी परिवार को नहीं भूले धर्मेंद्र, करोड़ों की संपत्त‍ि परिवार को ग‍िफ्ट में दी थी

धर्मेंद्र का फिल्म करियर 65 सालों का रहा. लेकिन वो हमेशा अपनी पैतृक जड़ों से गहरा जुड़े रहे. उनका परिवार लुधियाना के डंगों गांव में रहता है, जहां उन्होंने अपनी जमीन अपने परिवार को सौंप दी थी. उनके भतीजे बूटा सिंह देओल ने बताया कि धर्मेंद्र नियमित रूप से परिवार से संपर्क में रहते थे.

Advertisement
X
जड़ों से जुड़े थे धर्मेंद्र (Photo: X/@MaddockFilms)
जड़ों से जुड़े थे धर्मेंद्र (Photo: X/@MaddockFilms)

बॉलीवुड के ही-मैन रहे धर्मेंद्र भले ही दुनिया से चले गए हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा सभी के दिलों में रहेगी. धर्मेंद्र ने 65 साल के शानदार शोबिज करियर के बाद दुनिया को 89 साल की उम्र में अलविदा कहा. उनकी जड़ें पंजाब के लुधियाना से करीब 25 किलोमीटर दूर डंगों गांव में थीं. बॉलीवुड का बड़ा और चमकता सितारा बनने के बाद भी वो कभी अपनी जड़ें नहीं भूले.

जड़ों को कभी नहीं भूले धर्मेंद्र

1935 में अपने ननिहाल नसराली (लुधियाना के पास ही) में जन्मे धर्मेंद्र (असली नाम धरम सिंह देओल) का डंगों गांव से गहरा भावनात्मक लगाव था. वे अक्सर वहां जाया करते थे. कुछ साल पहले उन्होंने अपनी पैतृक जमीन अपने विस्तारित परिवार को गिफ्ट कर दी थी, जो आज भी वहीं रहता है. द न्यूज इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उनके भतीजे बूटा सिंह देओल ने कहा, 'धर्मेंद्र अंकल मेरे पिता मनजीत सिंह के चचेरे भाई थे. आखिरी बार वे 2019 में गांव आए थे, जब उनके बेटे सनी देओल गुरदासपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे. मैं भी उनके लिए प्रचार करने गुरदासपुर गया था.'

बूटा सिंह ने कहा, 'उससे पहले वे 2015-16 में आए थे, जब उन्होंने 19 कनाल 3 मरला जमीन मेरे पिता मनजीत सिंह और चाचा शिंगारा सिंह (जो अब दिवंगत हैं) के नाम ट्रांसफर कर दी. चूंकि वे दशकों पहले मुंबई चले गए थे, इसलिए हमारा परिवार उनकी जमीन की देखभाल और खेती करता रहा. वे कभी अपनी जड़ों और हमें नहीं भूले.'

Advertisement

गांव में परिवार के साथ था गहरा कनेक्शन

धर्मेंद्र की पैतृक हवेली में आज बूटा सिंह, उनकी पत्नी गुरप्रीत कौर, पिता मनजीत सिंह और 103 साल की दादी प्रीतम कौर रहते हैं, जो एक्टर की ताई हैं (उनके ताऊ स्व. जगीर सिंह की पत्नी). बूटा सिंह याद करते हैं, 'मैं अपने दादाजी और फिर पिताजी के साथ हर साल मुंबई जाता था ताकि धर्मेंद्र अंकल को जमीन के कागजात दिखा सकें, जिससे उन्हें यकीन रहे कि उनकी पैतृक जमीन सुरक्षित है. कुछ साल पहले वे खुद आए और जमीन मेरे पिता-चाचा के नाम कर दी, क्योंकि हमने उसकी देखभाल की थी.'

उन्होंने बताया कि परिवार का धर्मेंद्र से नियमित संपर्क बना रहता था. आखिरी बार उन्होंने करीब दो महीने पहले उनसे बात की थी. सनी देओल और बॉबी देओल से भी संपर्क बना रहता था. उन्होंने बताया, 'वे अपने चचेरे भाई शिंगारा सिंह (मेरे ताऊजी) के बहुत करीब थे. जब ताऊजी का देहांत हुआ तो वे बहुत दुखी हुए थे. उन्होंने हमसे वीडियो कॉल पर बात की थी.'

दिवंगत एक्टर धर्मेंद्र के पिता केवल कृष्ण सरकारी स्कूल में शिक्षक थे और मां सतवंत कौर गृहिणी थीं. उन्होंने अपना शुरुआती जीवन साहनेवाल गांव में बिताया और ललटन कलां (लुधियाना) के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई की. बूटा सिंह ने बताया, 'पिताजी का ट्रांसफर होते रहने की वजह से अंकल साहनेवाल में ही बड़े हुए.' 1950 के शुरुआती दशक में धर्मेंद्र साहनेवाल से ट्रेन पकड़कर मुंबई चले गए थे. लेकिन इसके बाद भी वे डंगों, साहनेवाल और ललटन आकर अपने पुराने दोस्तों और परिवारवालों को सरप्राइज देते थे.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement