आमिर खान बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट हैं. लेकिन उन्हें अपने करियर में बड़ा और चमकता सितारा बनने के लिए कई पापड़ बेलने पड़े हैं. एजेंडा आजतक 2025 में आमिर खान ने अपने करियर और फिल्म 'कयामत से कयामत तक' के बाद के दौर को लेकर बात की. 'कयामत से कयामत तक' के बाद एक वक्त ऐसा भी आया था जब एक्टर की फिल्में फ्लॉप हो रही थीं. बड़े डायरेक्टर उन्हें काम नहीं दे रहे थे. ऐसा क्यों था?
गलतियों से आमिर खान ने सीखा
आमिर खान ने बताया, 'कयामत से कयामत तक की सफलता रातोरत आई थी. मैं अचानक स्टार बन गया. मुझे खुद समझ में नहीं आ रहा था कि लोग इतना पागल क्यों हो रहे हैं. मैं बस हैरान था. लेकिन सौभाग्य से मेरा फोकस हमेशा काम पर रहा है. तो जब मैंने कुछ 7-8 फिल्में साइन की, 'कयामत से कयामत तक के बाद अगले 6-8 महीनों में. तो वो जो 2-3 साल मेरे गए. सबसे ज्यादा मैंने सीखा उन 2-3 सालों में. और सबसे ज्यादा गलतियां मैंने उस वक्त कीं. उन गलतियों से मैंने सीखा. तो आज जो कुछ भी मैं हूं, वो सिर्फ अपनी कामयाबीकी वजह से ही नहीं, अपनी गलतियों की वजह से भी हूं. क्योंकि मेरी गलतियों ने मुझे सबसे ज्यादा सिखाया. एक डायरेक्टर कितना महत्वपूर्ण है, एक अच्छी स्क्रिप्ट कितनी महत्वपूर्ण है. अच्छा प्रोड्यूसर कितना जरूरी है, एक अच्छी टीम कितनी जरूरी है. ये सारी चीजें मुझे समझ में आईं.'
बड़े डायरेक्टर नहीं दे रहे थे काम
उन्होंने आगे कहा, 'जो मैंने फिल्में साइन कीं. उस समय जो टॉप डायरेक्टर थे, जिनके साथ मैं काम करना चाहता था. वो मुझे उस वक्त फिल्में नहीं दे रहे थे. उस वक्त मुश्किल होता था. कयामत से कयामत के बाद भी मुझे ए ग्रेड डायरेक्टर काम नहीं दे रहे थे. उनकी भी मजबूरी है, वो अपनी-अपनी फिल्में कर रहे थे, वो मेरे बारे में क्यों सोचते. सुभाष घाई, भट्ट साब (महेश भट्ट), राहुल रमेश, शेखर कपूर, जेपी दत्ता... ये सभी उस समय के टॉप डायरेक्टर थे. मैं उन सबके साथ काम करना चाह रहा था और किसी न किसी वजह से, वो बिजी थे या उनके पास मेरे लिए रोल नहीं थे, उन्होंने मुझे काम नहीं दिया.'
आमिर के मुताबिक, यहां से उनका मुश्किल दौर शुरू हुआ था. अपने मन मुताबिक वो फिल्में चुन रहे थे और उन्हें ऑफर हुई फिल्में फ्लॉप हो रही थीं. ऐसे में उन्हें लगा कि उनका करियर खत्म हो जाएगा. लेकिन अपनी गलतियों से सीखने के बाद आमिर खान एक्टर से सुपरस्टार बने और आज हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम हैं.