समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam khan) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. लगभग दो सालों से आजम खान जेल में हैं. आजम खान के साथ 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से विधायक चुने गए उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम खान और उनकी पत्नी तनजीम फातमा भी जेल में थी. हालांकि अब्दुल्लाह आजम खान और उनकी पत्नी को अब जमानत मिल चुकी है.
अब्दुल्लाह आजम रामपुर की 34 स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी घोषित किए गए हैं और चुनावी मैदान में हैं. इन चुनावों में एक बार फिर अब्दुल्लाह आजम के सामने पिता की विरासत को संभालने की चुनौती है. इन चुनावों में भी अब्दुल्ला आजम की राह आसान नहीं होने वाली है, क्योंकि उनके ऊपर अब भी 3 दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं.
आजम खान की आवाज अब्दुल्ला
2014 के विधानसभा चुनाव में जब चुनाव आयोग ने आजम खान के भाषण पर रोक लगाई थी तब अब्दुल्ला आजम ही उनकी आवाज बनें थे. अब्दुल्ला आजम ने चुनावी मंच को संभालते हुए कई भाषण दिए और रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और यहां से 4 बार विधायक रहे रामपुर के नवाब परिवार के काजिम अली खान को हरा दिया.
चुनाव हारने के बावजूद काजिम अली खान ने हिम्मत नहीं हारी और राजनीतिक लड़ाई को अदालत में खींच ले गए, जहां उन्होंने दावा किया के अब्दुल्लाह आजम खान ने जब 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था तब उनकी उम्र 25 साल से कम थी और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 173 बी के अंतर्गत 25 वर्ष से कम उम्र में जनप्रतिनिधि का चुनाव नहीं लड़ा जा सकता. अपने आरोपों के समर्थन में काजिम अली ने अब्दुल्लाह आजम खान का जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के सीबीएसई बोर्ड की मार्कशीट पेश की थी.
हालांकि अपनी सफाई देते हुए अब्दुल्लाह आजम खान ने हाईकोर्ट में जन्म प्रमाण पत्र जो कि लखनऊ से जारी हुआ था और उसके मुताबिक उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 थी लगाते हुए बचाव किया. इसके बाद इलाहाबाद होईकोर्ट ने उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए उनका चुनाव शून्य घोषित कर दिया और उनकी विधायकी खत्म कर दी. हाईकोर्ट के फैसले को चुनौतीक देते हुए अब्दुल्ला आजम ने एक रिट दायर की और जब तक लंबित है. यही कारण है कि स्वार में अब तक उपचुनाव नहीं हो पाए हैं.
इसी मामले में धोखाधड़ी करने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ 420 467 468 के तहत मामले दर्ज किए गए. इतना ही नहीं आजम खान के खिलाफ 100 से अधिक मामले, उनकी पत्नी के खिलाफ 2 दर्जन से अधिक और खुद अब्दुल्लाह आजम के खिलाफ कुल 44 मामले दर्ज किए गए. जिनमें से 2 तो जांच में ही झूठे पाए गए, लेकिन 42 में से 41 मामलों में अदालत में आरोप पत्र दिया जा चुका है और एक ही विवेचना लंबित है.
इन मुकदमों की जमानत कराने में अब्दुल्लाह आजम को लगभग 23 महीने जेल में रहना पड़ा और 26 फरवरी 2020 से जेल में बंद अब्दुल्लाह आजम खान को 15 जनवरी 2022 को जेल से रिहाई मिली है. इस बार फिर वह 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के 34 विधानसभा स्वार क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं उनका मुकाबला काजिम अली खान के बेटे हैदर अली खान से है जो कि बीजेपी की सहयोगी दल अपना दल के प्रत्याशी हैं.
अब्दुल्ला के कंधों पर दोहरी जिम्मेदारी
अब्दुल्ला अपने चुनाव की कमान तो संभाल ही रहे हैं, साथ ही जेल में बैठे पिता के लिए भी चुनाव संभाल रहे हैं. हालांकि, उनके समर्थकों का मानना है कि आजम खान निर्दोष हैं और जल्द ही यह साबित हो जाएगा. आजम जल्द जेल से छूटकर वापस आ जाएंगे.