राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता ने इस्तीफा दे दिया है. दरअसल, पश्चिम बंगाल के चुनाव में स्वपन दासगुप्ता को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने टिकट दिया है. स्वपन दासगुप्ता, राज्यसभा के मनोनित सदस्य हैं और नियम के मुताबिक, वह किसी पार्टी से जुड़े नहीं रह सकते हैं. इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सवाल उठाया था.
टीएमसी के सवाल के बाद स्वपन दासगुप्ता ने राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को अपना इस्तीफा भेज दिया है. अब वह पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए फ्री हो गए है. आपको बता दें कि बंगाल की राजनीति के बड़े चेहरों में गिने जाने वाले स्वपन दासगुप्ता को हुगली जिले की तारकेश्वर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने स्वपन दासगुप्ता की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने की मांग की थी. महुआ मोइत्रा ने संविधान की 10वीं अनुसूची का हवाला देते हुए कहा था कि कोई भी मनोनीत राज्यसभा सांसद शपथ लेने के 6 महीने बाद किसी पार्टी में शामिल होता है तो उसे राज्यसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किए जाने का नियम है.
Swapan Dasgupta is BJP candidate for WB polls.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 15, 2021
10th Schedule of Constitution says nominated RS member to be disqualified if he joins any political party AFTER expiry of 6 months from oath.
He was sworn in April 2016, remains unallied.
Must be disqualified NOW for joining BJP. pic.twitter.com/d3CDc9dNCe
महुआ मोइत्रा ने अपने ट्वीट में कहा था, 'स्वपन दासगुप्ता पश्चिम बंगाल चुनावों में बीजेपी के उम्मीदवार हैं, संविधान की 10वीं अनुसूची में कहा गया है कि अगर कोई शपथ के साथ 6 महीने के बाद किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है तो राज्यसभा सदस्य को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. उन्हें अप्रैल 2016 में शपथ दिलाई गई थी. बीजेपी में शामिल होने के लिए अब अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए.'
स्वपन दासगुप्ता ने दी थी ये सफाई
इस मामले में स्वपन दासगुप्ता ने कहा था, 'नियमों के बारे में मुझे पता है, ये सवाल अगर नामांकन करने के बाद उठता तो इसमें बोलने के लिए कुछ होता. अब जब मैं नामांकन भरा ही नहीं तो इसपर मुझे कुछ टिप्पणी नहीं करनी है, लेकिन इतना बता सकता हूं कि सभी नियमों का पालन करते हुए ही नामांकन भरा जाएगा.'
कौन हैं स्वपन दासगुप्ता
आपको बता दें कि स्वपन दासगुप्ता को अप्रैल 2016 में राज्यसभा सदस्य के तौर पर मनोनित किया गया था. वे पेशे से पत्रकार भी हैं. साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उन्हें साल 2015 में पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है. स्वपन दासगुप्ता ऑक्सफोर्ड के नफ़िल्ड कॉलेज में एक जूनियर रिसर्च फेलो के पद पर भी रहे हैं.
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने जिन चार सांसदों को मैदान में उतारा है, उसमें स्वपन दासगुप्ता का भी नाम है. पश्चिम बंगाल के तारकेश्वर विधानसभा सीट से स्वपन दासगुप्ता को बीजेपी ने मैदान में उतारा है. इस बीच टीएमसी ने उनकी राज्यसभा सदस्यता पर सवाल उठाया, जिसके बाद स्वपन दासगुप्ता ने इस्तीफा दे दिया है.