भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अगले साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के नई दिल्ली स्थित आवास पर आज कोर ग्रुप की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जहां पार्टी के शीर्ष नेताओं ने विधानसभा चुनाव की रणनीतियों पर चर्चा की.
सूत्रों के मुताबिक, गिरिराज सिंह के आवास पर हुई इस बैठक के साथ ही बिहार में भाजपा के चुनाव अभियान की शुरुआत हो गई. इस मीटिंग के दौरान राज्य में पार्टी की उपस्थिति को और मजबूत करने से संबंधित रणनितियों पर फोकस रहा. बैठक में उपस्थित नेताओं ने उम्मीदवार चयन, कैंपेन स्ट्रेटेजी और गठबंधन सहित चुनाव के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया.
अगले 15 दिनों में बीजेपी अपने विस्तारित कोर ग्रुप की एक और महत्वपूर्ण बैठक करने की तैयारी में है. इस बैठक से बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति को और मजबूती मिलने की उम्मीद है. सूत्रों की मानें तो 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद, बिहार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेता एक समन्वय बैठक के लिए बुलाएंगे.
आज दिल्ली स्थित हमारे आवास पर पार्टी की कोर कमिटी की छोटी टोली की बैठक आयोजित की गई। इसमें संगठन के भविष्य की योजनाओं और कार्यों पर विस्तृत चर्चा की गई। pic.twitter.com/Hh3cf9GzDI
बिहार चुनाव की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) November 22, 2024
इस बैठक का उद्देश्य एनडीए सहयोगियों के साथ मिलकर चुनाव रणनीति को अंतिम रूप देना है. बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. भाजपा और उसके सहयोगी एक व्यापक चुनाव योजना पर काम कर रहे हैं, जिसे अगले छह महीनों में लागू किया जाएगा. बता दें कि एनडीए में बीजेपी, जदयू, एलजेपीआर और हम शामिल हैं.
इधर बीजेपी की सहयोगी जदयू भी चुनाव की तैयारी में जुट गई है. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य की यात्रा पर निकलने वाले हैं. इस बार उनकी यात्रा का नाम होगा 'महिला संवाद यात्रा'. बता दें कि सीएम नीतीश गत दो दशक में बिहार में 14 यात्राएं निकाल चुके हैं. उन्होंने 2004 में परिवर्तन यात्रा से इसकी शुरुआत की थी, जिसके बाद 2005 में राष्ट्रीय जनता दल की सत्ता से विदाई हुई थी और एनडीए की सरकार बनी थी.