बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान की गहन जांच के बाद निर्वाचन आयोग ने एक भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान की सिफारिश नहीं की है. निर्वाचन आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. बिहार चुनाव के पहले चरण में 121 विधानसभा क्षेत्रों के 45,341 पोलिंग बूथ पर मतदान हुआ था. निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने, छोटी से छोटी गड़बड़ी का पता लगाने और जरूरत पड़ने पर पुनर्मतदान की सिफारिश करने के लिए फॉर्म 17A (मतदाता रजिस्टर) और मतदान के दिन के अन्य दस्तावेजों की जांच के निर्देश जारी किए थे.
सभी उम्मीदवारों को जांच की तिथि, समय और स्थान के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था. इस प्रक्रिया में 121 रिटर्निंग अधिकारियों (RO) और 121 जनरल ऑब्जर्वर (GO) की उपस्थिति में दस्तावेजों की जांच सुचारू रूप से पूरी की गई. करीब 455 उम्मीदवार या उनके एजेंटों ने भी इस जांच प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लिया. जांच के दौरान किसी भी मतदान केंद्र पर कोई गड़बड़ी और फर्जी वोटिंग का मामला नहीं पाया गया. इसके बाद आयोग ने स्पष्ट किया कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कहीं भी पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं है.
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पूरी जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की गई ताकि पारदर्शिता पर कोई सवाल न उठे. जांच पूरी होने के बाद फॉर्म 17A और संबंधित सभी दस्तावेजों को आरओ की मुहर के साथ पुनः सील कर दिया गया. निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'यह जांच प्रक्रिया न केवल तकनीकी रूप से मजबूत थी, बल्कि सभी पक्षों की भागीदारी से विश्वसनीयता भी हासिल की गई. बिहार में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है.' अब राज्य में 11 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान की तैयारियां जोरों पर हैं. बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना 14 नवंबर, 2025 को होगी.
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