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एजुकेशन

फेल होने पर बेटा न उठा ले गलत कदम, पिता ने किया ये काम

फेल होने पर बेटा न उठा ले गलत कदम, पिता ने किया ये काम
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12वीं का रिजल्ट 26 मई को जारी कर दिया गया है. जहां रिजल्ट अच्छा रहा, लेकिन ऐसे भी कई छात्र हैं जिनके 12वीं में कम नंबर या फेल हो गए हैं. अगर इस साल आपके बच्चे का रिजल्ट खराब आया है या वह फेल हो गया, तो उसे डांटने और फटकारने से पहले सुरेंद्र व्यास के बारे में जान लें. जिन्होंने मध्यप्रदेश बोर्ड की 10वीं कक्षा में 4 विषयों में अपने बेटे के फेल हो जाने पर मिठाइयां बांटी, पटाखे जलाए और मोहल्ले को पार्टी दी. उनके ऐसा करने के पीछे की वजह जानकर आप भी ऐसा ही करेंगे.
(फोटो: सोशल मीडिया)

फेल होने पर बेटा न उठा ले गलत कदम, पिता ने किया ये काम
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सुरेंद्र कुमार व्यास हैं सिविल कॉन्ट्रेक्टर हैं और उनके बेटे का नाम आशु व्यास हैं. जब सुरेंद्र को मालूम चला कि उनका बेटा मध्यप्रदेश बोर्ड की 10वीं परीक्षा में फेल हो गया तो उन्होंने बेटे पर चीखने-चिल्लाने की बजाय जश्न मनाने का ऐलान कर दिया.
(फोटो: सोशल मीडिया)

फेल होने पर बेटा न उठा ले गलत कदम, पिता ने किया ये काम
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बेटे के फेल हो जाने पर आतिशबाजी और मिठाइयां बांटते हुए देख लोगों के मन में सवाल उठने लगा कि आखिर ये कैसे पिता हैं, जो अपने बेटे की असफलता पर खुशियां मना रहे हैं.

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उन्होंने आगे कहा जब मुझे मालूम चला कि मेरा बेटा 6 विषयों में से 4 में फेल हो गया तो मैंने जबरदस्त पार्टी करने का ऐलान कर दिया. क्योंकि मुझे अपने बेटे को मोटिवेट करने का इससे बेहतर तरीका नहीं मिला. मुझे डर था कहीं मेरा बेटा फेल हो जाने के डर से आत्महत्या का रास्ता न चुन लें.

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वहीं सुरेंद्र ने टाइम्स ग्रुप से बात करते हुए कहा कि मैंने अक्सर देखा कि जब बच्चे फेल हो जाते हैं समाज और लोगों के डर से आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं वह खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं. उन्हें लगता है जीवन में फेल हो जाने के बाद कोई जिंदगी बाकी बची ही नहीं. 


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उन्होंने कहा जो बच्चे फेल हो जाते हैं मैं उनसे कहना चाहता हूं बोर्ड परीक्षाएं अंतिम परीक्षाएं नहीं होती है. आप दोबारा भी परीक्षा दे सकते हैं. साथ ही मैं उनके माता-पिता से भी ये कहना चाहता हूं ऐसी सिचुएशन में अपने बच्चे का पूरा साथ दें.
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वहीं उनके बेटे आशु ने बताया, ‘मैं अपने पिता के इस फैसले की सराहना करता हूं. मैं अब वादा करता हूं कि और भी मेहनत से पढ़ाई करते हुए अगले साल कहीं बेहतर नंबर लेकर आऊंगा.'
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बता दें, इस साल मध्य प्रदेश बोर्ड के रिज्लट 14 मई को जारी किए थे. 10वीं कक्षा में कुल 66 फीसदी छात्र पास हुए थे. वहीं ये सच है कि आज भी बच्चे फेल हो जाने पर आत्महत्या का रास्ता चुन लेते हैं. अगर बच्चों को सही समय पर मोटिवेट किया जाए तो वह इस सिचुएशन से उबर सकते हैं.
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