व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं. ऐसे में उनको लेकर तमाम ऐसी बातें चर्चा में हैं, जिसे जानने को लेकर लोगों में उत्सुकता बनी रहती है. ऐसी ही चर्चा पुतिन के हाथ और बॉडी डबल को लेकर होती रहती है. कहा जाता है कि चलते वक्त उनका राइट हैंड नहीं हिलाता है. साथ ही वो सुरक्षा के दृष्टिकोण से अपना बॉडी डबल भी रखते हैं. ऐसे में जानते हैं क्या ये ऐसा सच है और ऐसा है तो इसकी वजह क्या है.
पुतिन को हाथ में कोई बीमारी नहीं है. उन्हें स्ट्रोक या पार्किंसंस भी कभी नहीं हुआ है, फिर भी चलते समय उनका दाहिना हाथ एकदम स्थिर रहता है. इस पर जब एक्सपर्ट ने ध्यान देना शुरू किया तो रूस के राष्ट्रपति का यह खास हाव-भाव चर्चा का विषय बन गया.अब शोधकर्ताओं को लगता है कि उन्हें इसका कारण पता चल गया है. संभवतः यह केजीबी द्वारा हथियार प्रशिक्षण का की वजह से हुआ है.
एनबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नीदरलैंड के रेडबाउड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के न्यूरोलॉजी प्रोफेसर बास्टियान ब्लोम और उनके सहकर्मियों ने देखा था कि पुतिन अक्सर अपने दाहिने हाथ को स्थिर रखते हैं. वह एकदम हिलता-डुलता नहीं है. वहीं उनका बायां हाथ स्वतंत्र रूप से घूमता रहता है.
पुतिन को नहीं है किसी तरह की बीमारी
ब्लोम ने कहा कि हमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की लगातार कई YouTube रिकॉर्डिंग देखकर आश्चर्य हुआ, जिनमें उनके दाहिने हाथ का घुमाव स्पष्ट रूप से कम दिखाई दे रहा था. ब्लोम और उनके सहयोगियों ने ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के ऑनलाइन प्रकाशन द बीएमजे में इस पर लिखा.
ब्लोम एक गति विकार विशेषज्ञ हैं और उन्होंने तथा उनके कुछ सहकर्मियों ने कुछ समय के लिए सोचा था कि क्या यह पार्किंसंस रोग हो सकता है, जिसके कारण गति में कठोरता आ जाती है. उन्होंने लिखा कि संभावित स्पष्टीकरण की तलाश में, हमें पूर्व रूसी केजीबी का एक प्रशिक्षण मैनुअल मिला.
हथियार प्रशिक्षण की वजह से बन गई है ऐसी चाल
इस मैनुअल के अनुसार, केजीबी सदस्यों को निर्देश दिया गया था कि वे अपने हथियार को अपने दाहिने हाथ में छाती के पास रखें और एक तरफ से आगे बढ़ें, आमतौर पर बाईं ओर से, ताकि दुश्मन से सामना होने पर व्यक्ति जितनी जल्दी हो सके बंदूक निकाल सके.
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जिस प्रकार क्रेमलिन पर नजर रखने वाले लोग सोवियत संघ के शीत युद्ध के दिनों में तस्वीरों के माध्यम से यह जानने का प्रयास करते थे कि कौन सत्ता में है और कौन सत्ता से बाहर है, उसी प्रकार समूह ने वीडियो में अन्य साक्ष्यों की तलाश की.
पुतिन के अलावा दूसरे कमांडर के हाव-भाव में दिखी यही समानता
उन्होंने प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव, दो पूर्व रक्षा मंत्रियों और अनातोली सिदोरोव नामक एक सैन्य कमांडर में भी यही अजीब चाल देखी. इसके बाद टीम ने निष्कर्ष निकाला. ब्लोम ने कहा कि हमारा प्रस्ताव है कि यह नया चाल पैटर्न, जिसे हम 'गनस्लिंगर की चाल' कहते हैं.
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यह संभवतः एक व्यवहारिक अनुकूलन का परिणाम हो सकता है, जो संभवतः केजीबी या अन्य प्रकार के हथियार प्रशिक्षण से प्रेरित है, जहां प्रशिक्षुओं को चलते समय अपना दाहिना हाथ छाती के पास रखने के लिए सिखाया जाता है, जिससे वे दुश्मन का सामना होने पर तुरंत बंदूक निकाल सकें.
पुतिन के बॉडी डबल रखने की भी होती है चर्चा
पुतिन के हाथ के अलावा उनके बॉडी डबल रखने की भी चर्चा होती रहती है. अब बीबीसी की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि ऐसा कुछ नहीं है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक इंटरव्यू के दौरान स्वीकार किया था कि उन्हें सुरक्षा उद्देश्यों के लिए बॉडी डबल का उपयोग करने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस विचार को अस्वीकार कर दिया था.
बॉडी डबल रखने का पुतिन ने किया था खंडन
कई वर्षों से वह ऑनलाइन षड्यंत्र के सिद्धांतों का विषय रहे हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि वह सुरक्षा के लिए अपने जैसे दिखने वाले लोगों का इस्तेमाल करते हैं. पुतिन ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि यह योजना 2000 के दशक के शुरुआत में पेश की गई थी, जब रूस चेचन्या में अलगाववादियों के खिलाफ युद्ध लड़ रहा था.
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जब पत्रकार ने पूछा था- आप असली हैं?
आंद्रेई वंडेंको नामक पत्रकार ने पुतिन के सामने यह सवाल उठाया था.उन्होंने रूस की तास समाचार एजेंसी के लिए पुतिन का इंटरव्यू लिया था. उन्होंने पुतिन से पूछा था किक्या आप असली हैं? जवाब में पुतिन ने पुष्टि की कि वह असली थे. साथ ही उन्होंने सुरक्षा कारणों से बॉडी डबल्स का इस्तेमाल करने से इनकार किया था.