प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीसरी सरकार के पहले विदेशी दौरे पर इटली जा रहे हैं. इटली में पीएम मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. 13 से 15 जून के बीच होने वाला जी-7 शिखर सम्मेलन इटली के अपुलिया में होने वाला है, जिसे पुगलिया भी कहा जाता है. पीएम मोदी के दौरे की वजह से इटली की भी चर्चा हो रही है. वैसे इटली अपने फेमस चर्च और रोम की खास इमारतों को लेकर फेमस है और यहां का कैथलिक कल्चर भी लोगों को काफी पसंद आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कैथलिक ईसाइयों के अलावा वहां किन-किन धर्मों के लोग रहते हैं?
इटली में किस धर्म के लोग हैं सबसे ज्यादा?
इंडिपेंडेंट सेंटर फॉर स्टडीज ऑफ न्यू रिलिजन्स की ओर से साल 2021 में जारी की गई एक रिपोर्ट के हिसाब से इटली में 74.5 फीसदी लोग कैथलिक हैं, जिसमें इटली के निवासी और विदेशी शामिल हैं. इसके अलावा 15.3 फीसदी वो लोग हैं, जो एथिस्ट हैं यानी वो किसी भी भगवान में विश्वास नहीं रखते हैं. इसके अलावा 4.1 फीसदी नॉन कैथलिक ईसाई हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि यहां करीब 80 फीसदी आबादी ईसाई धर्म को मानने वाली है.
कितने हैं हिंदू-मुस्लिम?
इसके अलावा अन्य धर्मों की बात करें तो यहां दूसरे धर्म को मानने वाले सिर्फ 5 फीसदी लोग रहते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, अन्य धर्मों में यहां सबसे ज्यादा मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं, जिनकी संख्या करीब 3.7 फीसदी बताई जाती है. मुस्लिम धर्म के अलावा यहां यहूदी, हिंदू, बौद्ध आदि धर्म के लोग भी यहां रहते हैं.
अगर हिंदुओं की बात करें तो इटली में 0.3 फीसदी लोग हिंदू हैं, जिसमें 0.1 फीसदी इटली के रहने वाले और बाकी लोग बाहर से आए हुए हैं. बताया जाता है कि यहां हिंदुओं की कुल जनसंख्या डेढ़ लाख के करीब है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में यह संख्या थोड़ी कम भी बताई गई है. हिंदुओं के अलावा इटली में 25 से 30 हजार लोग यहूदी धर्म को मामने वाले हैं, जो इटली के रोम, मिलान आदि शहरों में बसे हुए हैं.