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जब अमेरिकी नौसेना के 6 बॉम्बर्स समुद्री क्षेत्र में खो गए, फिर चर्चा में आया बरमूडा ट्रायंगल

आज की तारीख इतिहास की उस एक घटना से जुड़ी है, जिसने आधुनिक समय में एक ऐसे रहस्य को हवा दी, जो आजतक अनसुलझा है. आज के दिन ही अमेरिकी नौसेना के पांच एवेंजर टॉरपीडो बॉम्बर्स ने एक गाइड प्लेन के साथ फ्लोरिडा के फोर्ट लॉडरडेल एयर स्टेशन से नियमित प्रशिक्षण मिशन के लिए उड़ान भरी थी. इसके बाद ये सारे विमान कभी लौटकर नहीं आए.

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ऐसे चर्चा में आया बरमूडा ट्रायंगल का रहस्य
ऐसे चर्चा में आया बरमूडा ट्रायंगल का रहस्य

5 दिसंबर 1945 की दोपहर 2:10 बजे. फ्लाइट 19 में शामिल पांच अमेरिकी नौसेना एवेंजर टॉरपीडो-बॉम्बर्स फ्लोरिडा के फोर्ट लॉडरडेल नेवल एयर स्टेशन से नियमित तीन घंटे के प्रशिक्षण मिशन पर उड़ान भरते हैं. अपना उद्देश्य पूरा करने के बाद फ्लाइट 19 को उन्हें अतिरिक्त 67 मील के लिए पूर्व की ओर ले जाना था. फिर 73 मील के लिए उत्तर की ओर मुड़ना था और उसके बाद वापस कुल 120 मील की दूरी तय कर एयर स्टेशन पर लौटना था. लेकिन, वे कभी वापस नहीं लौटे.

उड़ान शुरू होने के दो घंटे बाद स्क्वाड्रन लीडर, जो छह महीने से अधिक समय से इस क्षेत्र में उड़ान भर रहे थे. उन्होंने बताया कि उनका कम्पास और बैकअप कम्पास विफल हो गया है और उनकी स्थिति अज्ञात है. अन्य 5 विमानों में भी इसी तरह के उपकरण खराब हुए. खोए हुए स्क्वाड्रन का पता लगाने के लिए जमीन पर रेडियो फैसिलिटी से संपर्क किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली.

दो घंटे बाद मिले थे कुछ भ्रामक रेडियो संदेश
उड़ान भरने वालों से भ्रमित संदेशों के दो और घंटों के बाद स्क्वाड्रन लीडर से शाम 6:20 बजे एक विकृत रेडियो ट्रांसमिशन सुना गया, जिसमें जाहिर तौर पर उनके लोगों को ईंधन की कमी के कारण एक साथ अपने विमान को छोड़ने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया था. इस घटना के होने तक कई ग्राउंड रडार स्टेशनों ने अंततः तय किया कि फ्लाइट 19 बहामास के उत्तर में और फ्लोरिडा तट के पूर्व में कहीं थी.

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उस क्षेत्र में गया खोजी विमान भी हो गया गायब
इसके बाद एक खोज और बचाव विमान ने 13-सदस्यीय चालक दल के साथ उड़ान भरी. तीन मिनट बाद खोजी विमान ने अपने होम बेस को रेडियो पर बताया कि उसका मिशन शुरू है. फिर कभी भी उस खोजी विमान को नहीं सुना गया. बाद में फ्लोरिडा के तट पर मंडरा रहे एक टैंकर से शाम 7:50 बजे एक विस्फोट की सूचना मिली.

फ्लाइट 19 के 14 लोगों और मेरिनर के 13 लोगों के लापता होने के बाद उस समय तक की सबसे बड़ी हवाई और समुद्री खोज की गई और सैकड़ों जहाजों और विमानों ने अटलांटिक महासागर, मैक्सिको की खाड़ी और फ्लोरिडा के अंदरूनी इलाकों में हजारों वर्ग मील की तलाशी ली. शवों या विमान का कोई सुराग कभी नहीं मिला.

फिर बरमूडा ट्राईएंगल का रहस्य के रहस्य की बात आई सामने
हालांकि, नौसेना अधिकारियों ने कहा कि छह विमानों और 27 लोगों के अवशेष नहीं मिले. क्योंकि तूफानी मौसम ने सबूत नष्ट कर दिए, लेकिन 'खोए हुए स्क्वाड्रन' की कहानी ने बरमूडा त्रिभुज की किंवदंती को पुख्ता करने में मदद की. अटलांटिक महासागर का एक ऐसा क्षेत्र जहां जहाज और विमान बिना किसी निशान के गायब हो जाते हैं. कहा जाता है कि बरमूडा ट्रायंगल दक्षिणी अमेरिकी तट से बरमूडा तक और क्यूबा और सैंटो डोमिंगो के अटलांटिक तट तक फैला हुआ है.

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1918 में यूएसएस साइक्लोप्स जहाज का गायब होना 
1918 में अमेरिकी नौसेना का सबसे बड़ा कोलियर जहाज, यूएसएस साइक्लोप्स, वेस्ट इंडीज से बाल्टीमोर जाते समय गायब हो गया. जहाज पर 300 से अधिक लोग सवार थे. इसका कोई मलबा या संकेत आज तक नहीं मिला. अमेरिकी नौसेना के सबसे बड़े जहाजों में से एक बिना किसी सुराग के गायब हो गया था. 100 से ज़्यादा साल बाद भी, इसका क्या हुआ, यह पता नहीं चल पाया है. 

क्या है बरमूडा ट्रायंगल का रहस्य 
दशकों से जहाज़ के गायब होने के बारे में कई सनसनीखेज सिद्धांत सामने आते रहे हैं, क्योंकि यह जहाज तथाकथित बरमूडा त्रिभुज में रहस्यमय तरीके से गायब हुए 100 से ज्यादा जहाजों और विमानों में से एक था. यह क्षेत्र बरमूडा, मियामी और प्यूर्टो रिको से घिरा हुआ है. क्या जहाज को समुद्र के किसी जानवर ने खा लिया था, या यूएफओ द्वारा सबूत के तौर पर ले जाया गया था, या बस तूफ़ान ने उसे नष्ट कर दिया था?

उस समय, लोगों को आश्चर्य हुआ कि क्या जहाज़ और चालक दल किसी जर्मन पनडुब्बी या हमलावर का शिकार हो गए थे. युद्ध शुरू हुए अभी एक साल ही हुआ था और साइक्लोप्स ने रणनीतिक लक्ष्य बनाया होगा. फिर भी कुछ नहीं हुआ और जैसे-जैसे समय बीतता गया, इस बात की संभावना कम होती गई कि जर्मन जहाज उस क्षेत्र में थे.

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बरमूडा ट्रायएंगल की चर्चाओं का इतिहास
बरमूडा त्रिभुज फ्लोरिडा के तट पर स्थित अटलांटिक महासागर का लगभग 500,000 वर्ग मील का विस्तार है. इसकी सीमाओं का वर्णन अलग-अलग है, लेकिन अधिकांश विवरणों में "त्रिकोण" के तीन बिंदुओं को मियामी, प्यूर्टो रिको और बरमूडा द्वीप के रूप में बताया गया है. इस क्षेत्र में विचित्र गतिविधियों की रिपोर्टें क्रिस्टोफर कोलंबस के दिनों से मिलती हैं , जिन्होंने नई दुनिया की यात्रा करते समय इस क्षेत्र से गुजरते समय असामान्य कम्पास गतिविधि की सूचना दी थी. बाद में 20वीं सदी में जहाजों के अस्पष्ट रूप से गायब होने की एक श्रृंखला के बाद त्रिभुज को विमानों और जहाजों के लिए एक मृत क्षेत्र के रूप में ख्याति मिली. 

चार्ल्स बर्लिट्ज़ जैसे लेखकों ने 1960 और 1970 के दशक में बरमूडा त्रिभुज के रहस्य को लोकप्रिय बनाने में मदद की. अंतरिक्षीय पोर्टल और समय भंवर से लेकर असाधारण घटनाओं और यहां तक ​​कि अटलांटिस के खोए हुए शहर तक हर चीज के लिए इसे जिम्मेदार ठहराया गया है. 

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अन्य संशयवादियों का कहना है कि यह त्रिभुज उस क्षेत्र में स्थित है जो उग्र लहरों और तूफानों के लिए प्रसिद्ध है. वे किसी भी प्रकार के लुप्त होने के लिए समुद्र की अत्यधिक गहराई और गल्फ स्ट्रीम के प्रभाव को जिम्मेदार ठहराते हैं, जो मिलकर विमान दुर्घटनाओं और जहाजों के डूबने के सभी साक्ष्यों को शीघ्रता से मिटा सकते हैं.

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प्रमुख घटनाएं 

6 दिसंबर 1956 - भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का निधन. इसे 'महापरिनिर्वाण दिवस' के रूप में मनाया जाता है.

6 दिसंबर  1992 - अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराया गया, जिसके बाद देशभर में सांप्रदायिक तनाव फैला.

6 दिसंबर  1240 - मंगोल नेता बटु खान ने कीव शहर को नष्ट किया.

6 दिसंबर  1492 - क्रिस्टोफर कोलंबस ने हैती द्वीप की खोज की और इसे "ला नविदाद" नाम दिया.

6 दिसंबर  1768 - ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ कैप्टन जेम्स कुक ने अपना पहला समुद्री अभियान शुरू किया.

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