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दिखने में मुरमुरे के लड्डू जैसी... ऐसी है कज़ान की मिठाई 'चक-चक', जो ब्रिक्स नेताओं को दी गई

BRICS Summit: रूस के कज़ान में हो रही ब्रिक्स समिट में ब्रिक्स देशों के लोग पहुंचे हुए हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल है. यहां चक-चक नाम की मिठाई भी बांटी गई है, जिसकी काफी चर्चा हो रही है.

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नरेंद्र मोदी का तातारियन डिश चक-चक और कोरोवाई रोटी से स्वागत किया गया था.
नरेंद्र मोदी का तातारियन डिश चक-चक और कोरोवाई रोटी से स्वागत किया गया था.

रूस के कज़ान में हो रही ब्रिक्स समिट में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे तो उनका स्वागत रूसी व्यंजनों के साथ किया गया. इस दौरान तातार परिधान में सजी महिलाओं ने पीएम मोदी का स्वागत किया और उनके हाथ में थीं चक-चक मिठाई और कोरोवाई रोटी. ब्रिक्स सम्मेलन में जब से ये मिठाई परोसी गई हैं, तब से इस मिठाई की काफी चर्चा हो रही है. ये भारतीय मिठाइयों से थोड़ी अलग है.  ये कज़ान की प्रमुख डिशों में से एक है, जहां ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. ऐसे में जानते हैं कि कि आखिर इस मिठाई की क्या कहानी और ये कैसे बनती है...

क्या है चक-चक डिश?

तातारियन डिश चक-चक और कोरोवाई रोटी या केक वहां की संस्कृति का अहम हिस्सा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इसकी तस्वीर शेयर की है, जो दिखने में भारत में बनने वाले लड्डओं की तरह है. भारत में जिस तरह मुरमुरे के लड्डू मिलते हैं, ये मिठाई दिखने में वैसी ही है. ऐसी ही मिठाई भारत के बिहार में मुरही का लाई, बंगाल में मुरा-आर-मोआ और ओडिशा में मुआ होती है.

ये रतलामी सेव के जैसी शेप में गेहूं के आटे के तले टुकड़ों से बनती है. चक-चक तातारस्तान और बश्कोर्तोस्तान के क्षेत्रों का मीठा पकवान है, जिसे तातारस्तान की राष्ट्रीय मिठाई माना जाता है.

चक चक

चक-चक तैयार करने के लिए एक खमीरी आटे को आम तौर पर विभिन्न आकृतियों में काटा जाता है, जो अक्सर लड्डू की तरह दिखते हैं. पहले आटे के इन टुकड़ों को तब तक तेल में डीप फ्राई किया जाता है जब तक कि वे बाहर से कुरकुरे और सुनहरे न हो जाएं. तले हुए टुकड़ों को फिर से एक जगह किया जाता है और इसके बाद चीनी, शहद और पानी से बने गर्म सिरप से भिगोया जाता है. 

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येकातेरिनबर्ग में रहने वाली एमिलिया ने इंडिया टुडे डिजिटल को बताया, 'चक-चक न सिर्फ पार्टियों में एक मुख्य व्यंजन है, बल्कि शादियों सहित पारंपरिक समारोहों में भी इसकी अहम भूमिका है. चक-चक एक मजबूत और बड़े परिवार का भी प्रतीक है.' येकातेरिनबर्ग रूस के ट्रांस-साइबेरियन क्षेत्र का एक शहर है. 

क्या होती है कोरोवाई?

अगर कोरोवाई की बात करें तो ये आमतौर पर गेहूं के आटे से बनी गोल, सजी हुई रोटी होती है. देखने में आपको ये केक जैसी लगेगी. कोरोवाई को बनाने में आटे की कई परत का इस्तेमाल किया जाता है. इस रोटी को रूस में मेहमानों को दिया जाता है और शादी के बाद न्यू कपल के सिंबल के रुप में भी इसे बांटा जाता है.  

इस रोटी का फूलों के पैटर्न से सजाया भी जाता है. बता दें कि इस रोटी का ऑरिजन पूर्वी स्लैविक लैंड से है. यहां के लोग पहले सूरज की पूजा करते थे और सूरज के गोल होने की वजह से वो इस रोटी को भी गोल ही बनाते थे. इस रोटी को एकता, समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और छुट्टियों से पहले भी इसे बनाया जाता है. 

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