बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टीचर भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू करने का फैसला किया है. इस नीति की वजह से भर्ती में बिहार के निवासियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी. ये बदलाव TRE-4 (Teacher Recruitment Exam-4), TRE-5 से लागू किया जाएगा. ऐसे में सवाल है कि आखिर डोमिसाइल नीति होती क्या है और बिहार में डोमिसाइल को लेकर क्या कहानी रही है...
क्या होती है डोमिसाइल नीति?
डोमिसाइल का मतलब है निवास या घर यानी उस राज्य का निवासी. किसी भी भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू होने का मतलब है कि इस भर्ती में उस राज्य के लोग ही अप्लाई कर सकते हैं और नौकरी देने में सिर्फ उस राज्य के निवासियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी. जो भी संबधित राज्य का वोटर होगा, वो ही इस भर्ती में अप्लाई कर पाएगा. इसके अलावा पैरेंट्स के निवासी होने, पति के निवासी होने, घर होने आदि कई शर्तों से डोमिसाइल की कैटेगरी में शामिल हो सकते हैं.
अगर बिहार की बात करें तो डोमिसाइल नीति लागू होने से जल्द ही होने वाली शिक्षक भर्ती में बिहार के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. बिहार में लंबे समय ये डोमिसाइल का मुद्दा उठाया जा रहा है. तो जानते हैं डोमिसाइल को लेकर अभी तक प्रदेश में क्या क्या हुआ है...
बिहार में क्या है डोमिसाइल की कहानी...
डोमिसाइल का मुद्दा नीतीश कुमार के लिए नया नहीं है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डोमिसाइल नीति लागू करने का वादा किया था. इतना ही नहीं, जब सरकार बनी तो नीतीश कुमार ने इसे लागू भी कर दिया था. मगर ये लंबे समय तक नहीं रह पाया और ढाई साल बाद जुलाई 2023 में इसे खत्म भी कर दिया गया. चुनाव के नजदीक होने के साथ ही दूसरी पार्टियों ने इस मुद्दे को उठाया और इसे लागू करने की मांग की गई.
प्रशांत किशोर से लेकर आरजेडी भी इसे लागू करने की मांग कर रही थी. कहा जा रहा था कि पलायन रोकने और बेरोजगारी के संकट को दूर करने के लिए डोमिसाइल नीति जरूरी है. वहीं, आरजेडी का कहना था कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है तो डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी. वैसे आरजेडी उस वक्त सरकार में थी, जब डोमिसाइल नीति को हटाया गया था. उस वक्त सरकार ने तर्क दिया था कि इस नीति को खत्म करने की वजह ये है कि स्कूलों में मैथ्स और साइंस पढ़ाने के लिए अच्छे टीचर्स नहीं मिल रहे थे.
इसे लेकर ही प्रदेश में लंबे समय तक छात्रों ने आंदोलन भी किया था. इसमें इस बात पर जोर दिया गया था- 'वोट दे बिहारी और नौकरी ले बाहरी, अब ये नहीं चलेगा.'
क्या है टीआरई-4 भर्ती?
प्रदेश में जल्द ही टीआरई-4 भर्ती का आयोजन होगा. कुछ महीने सरकार की ओर से ऐलान किया गया था कि प्रदेश में 70 हजार से अधिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. यह प्रक्रिया TRE 3.0 की तर्ज पर आयोजित की जाएगी, जिसमें लिखित परीक्षा और दस्तावेजों की जांच शामिल होगी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग को सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए BPSC TRE 4 की परीक्षा जल्द कराने के लिए कहा है. बताया जा रहा है कि जल्द ही परीक्षा का आयोजन किया जा सकता है. इसमें टीआरई का मतलब Teacher Recruitment Examination है.