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सिर्फ 10 दिन का कोर्स कर ऐसे बनें ड्रोन पायलट, कमा सकते हैं मोटे पैसे!

दुनिया तेजी से बदल रही है. टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है. बदलती दुनिया में युवाओं के लिए कई नए करियर ऑप्शन खुल गए हैं, इसमें ड्रोन पायलट भी शामिल है.

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भारत में ड्रोन पायलट कैसे बनें? (Photo: Pexels)
भारत में ड्रोन पायलट कैसे बनें? (Photo: Pexels)

आज का दौर तकनीक का है. इस बदलते दौर में करियर के कई सारे विकल्प खुल गए हैं. उन्हीं में से एक है ड्रोन पायलट बनना. फिल्मों, खेल के मैदान, शादी और सैन्य जगत में इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन कई क्षेत्रों में कमाल दिखा रहे हैं. लेकिन आपने ये सोचा है कि इसे उड़ाने वाले पायलट कैसे बनते हैं? या इसे उड़ाने के लिए कौन सी डिग्री लेने की जरूरत है.   

ड्रोन टेक्नोलॉजी की बढ़त के साथ ड्रोन पायलट और ऑपरेटर की डिमांड तेजी से बढ़ गई है. ड्रोन का यूज सुरक्षा निगरानी से लेकर फिल्म बनाने तक के लिए किया जाता है. अगर आप भी ड्रोन ऑपरेट करना सीखना चाहते हैं और इस फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो, चलिए जानते हैं इसके बारे में. 

ड्रोन पायलट बनने के लिए योग्यता 

ड्रोन पायलट बनने के लिए बहुत ज्यादा पढ़ाई की जरूरत नहीं होती है. अगर आपने किसी भी स्ट्रीम से 10वीं और 12वीं पास की है, तो भी वह ड्रोन पायलट बन सकते हैं. 

इन कोर्स पर डालें नजर 

भारत सरकार की ओर से Directorate General Of Civil Aviation ने ड्रोन से जुड़े कई नियम बनाए हैं. ऐसे में ड्रोन पायलट बनने के लिए मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट से ही ट्रेनिंग लेना जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि ड्रोन ऑपरेट करना केवल एक शौक नहीं बल्कि जिम्मेदारी होती है. 

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ट्रेनिंग के लिए Directorate General Of Civil Aviation की ओर से मान्यता Remote Pilot Training Organisation (RPTO) को दी गई है. इस ट्रेनिंग के दौरान ड्रोन को उड़ाना, इसके लिए सुरक्षा नियम, आसमान के नियम, मौसम और जोखिम, बैटरी-कैमरा के साथ इमरजेंसी हालातों में ड्रोन को संभालना सीखाया जाता है.

वहीं, अगर आप प्रोफेशनल ड्रोन पायलट बनना चाहते हैं तो उसके लिए DGCA का रिमोट पायलट सर्टिफिकेट लेना जरूरी है. इसे ऑपरेट करने के लिए आपके पास लाइसेंस होना अनिवार्य है और इसकी वैधता करीब 10 साल की होती है. 

ड्रोन पायलट बनने के लिए कौन से कोर्स करते हैं मदद?

वैसे तो आप ड्रोन पायलट बनने के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं और 12वीं पास हैं, लेकिन अगर आप ड्रोन टेक्नोलॉजी और एयरक्राफ्ट के फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो, बी.टेक (B.Tech) इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, B.Tech इन  एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, B.Sc और B.Tech इन एविएशन या डिप्लोमा इन एरोनॉटिक्स/ड्रोन टेक्नोलॉजी की डिग्री हासिल कर सकते हैं. 

RPTO में शामिल हैं ये संस्थान 

भारत में RPTO में जो संस्थान शामिल हैं उनमें IGRUA (उत्तर प्रदेश) , ड्रोन डेस्टिनेशन, गरुड़ एयरोस्पेस, स्काईलार्क ड्रोन्स, द ड्रोन एकेडमी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी का नाम शामिल है. 

कितनी मिलती है सैलरी ?

सैलरी की बात करें तो इस क्षेत्र में शुरुआत करने वाले लोगों को 20 से 40 हजार रुपये प्रति माह तक की सैलरी होती है. वहीं, अनुभवी पायलट 50 से 1 लाख रुपये प्रति माह तक की कमाई करते हैं. 

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