UGC alert: विदेशी विश्वविद्यालयों से डुअल डिग्री, ज्वॉइंट डिग्री या ऑनलाइन डिग्री कोर्स करने वाले भारतीय छात्र सावधान! विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अपने से गैर मान्यता प्राप्त विदेशी विश्वविद्यालयों की डिग्री को मान्यता नहीं देगा. साथ ही यूजीसी ने विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर कोर्स कराने वाली एडटेक कंपनियों और कॉलेजों को भी चेतावनी दी है. यूजीसी ने दोहराया है कि इनमें से कोई भी डिग्री वेलिड नहीं होगी और छात्रों को ऐसे कोर्स में एडमिशन लेने के प्रति आगाह किया है.
यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने कहा, "ये देखा गया है कि आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं होने के बावजूद कई हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स (HEIs) और कॉलेजों ने विदेशी-आधारित शैक्षणिक संस्थानों या प्रदाताओं के साथ समझौता करके छात्रों को विदेशी डिग्री दे रहे हैं. इस तरह के किसी भी प्रकार के कोलेब्रेशन या अरेंजमेंट्स को यूजीसी की मान्यता प्राप्त नहीं है. साथ ही, वे डिग्रियां भी अमान्य हैं."
यूजीसी सचिन ने ये भी कहा कि संज्ञान में ये भी आया है कि कुछ एडटेक कंपनियां न्यूज पेपर्स, सोशल मीडिया और टेलीविजन में विज्ञापन दे रही हैं, कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ मिलकर ऑनलाइन मोड में डिग्री और डिप्लोमा प्रोग्राम पेश कर रही हैं. ध्यान रहे, ऐसी किसी फ्रेंचाइजी अरेंजमेंट्स की परमिशन नहीं है और ऐसे किसी भी प्रोग्राम या डिग्री को यूजीसी की मान्यता नहीं होगी.
सलाह और चेतावनी
यूजीसी ने इन नियमों का पालन नहीं करने वाली डिफॉल्ट कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी. इसने छात्रों और जनता को सतर्क रहने की सलाह दी, इस बात पर जोर दिया कि यूजीसी मान्यता के बिना वाले पाठ्यक्रमों, कार्यक्रमों या डिग्रियों को अपने जोखिम और परिणामों पर आगे बढ़ाया जाएगा.
दरअसल, यूजीसी ने हाल ही में भारत में चल रहे विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों को नियंत्रित करने के मकसद से दो महत्वपूर्ण नियमों की जानकारी दी है. इन विनियमों में सहयोगात्मक शैक्षणिक कार्यक्रम और देश के अंदर विदेशी संस्थानों के लिए कैंपस की स्थापना शामिल है.
यूजीसी अधिनियम, 1956 (संशोधित) के तहत, पहला विनियमन, जिसका नाम 'यूजीसी विनियम 2022 (ट्विनिंग प्रोग्राम, जॉइंट डिग्री और डुअल डिग्री प्रोग्राम ऑफर करने वाले भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच शैक्षणिक सहयोग) है. दूसरा विनियमन, जिसका टाइटल 'यूजीसी विनियम 2023 (भारत में विदेशी उच्च शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन) है. यूजीसी ने इन नियमों में कड़े दिशानिर्देशों पर जोर दिया है, जो दर्शाता है कि कोई भी विदेशी उच्च शिक्षा संस्थान आयोग की मंजूरी के बिना भारत में कोई भी कार्यक्रम संचालित नहीं कर सकता है.