MBBS Admission 2024: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने एमबीबीएस पासिंग मार्क्स को 40 प्रतिशत तक कम करने के दिशानिर्देशों को वापस ले लिया है. यह कहते हुए कि एमबीबीएस पासिंग मार्क्स में कट-ऑफ को 40 प्रतिशत तक कम करना करिकुलम बेस्ड मेडिकल एजुकेशन (CBME) गाइडलाइंस में "संभव नहीं" है, एनएमसी ने कहा कि इस मुद्दे पर काफी विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला लिया गया है.
इससे पहले सितंबर में, आयोग ने दो पेपर वाले एमबीबीएस विषयों के लिए उत्तीर्ण अंक घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया था. आयोग ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षाओं में उत्तीर्ण अंकों के संबंध में योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा (सीबीएमई) पाठ्यक्रम दिशानिर्देशों में संशोधन किया था.
1 सितंबर को घोषित संशोधित सीबीएमई दिशानिर्देशों के अनुसार, एनएमसी ने कहा: "जिन विषयों में दो पेपर होते हैं, स्टूडेंट्स को उस विषय में पास होने के लिए कुल मिलाकर (दोनों पेपर एक साथ) न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे."
वहीं किसी विषय में पास होने के लिए एमबीबीएस छात्रों को थ्योरी और प्रैक्टिकल(प्रैक्टिकल में शामिल में प्रैक्टिकल/क्लिनिकल और वाइवा वॉइस) में अलग-अलग यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित परीक्षा में 50% कुल अंक और 60:40 (न्यूनतम) या 40:60 (न्यूनतम) प्राप्त करना चाहिए. ताकि उस विषय में पास घोषित किया जा सके.
अब एनएमसी ने नए संशोधन का जिक्र करते कहा कि इस विषय पर गहन विचार करने के बाद यह फैसला लिया गया है कि इस संबंध में पूर्वव्यापी प्रभाव संभव नहीं है.
अब क्या होगा एमबीबीएस पासिंग क्राइटेरिया?
अब पहले वाले ही एमबीबीएस पासिंग क्राइटेरिया लागू रहेंगे- जिन विषयों में दो पेपर होते हैं, छात्रों को उस विषय में पास होने के लिए कुल मिलाकर (दोनों पेपर के साथ) न्यूनतम 50 प्रतिशत नंबर प्राप्त करने होंगे. दूसरा - एक उम्मीदवार को उस विषय में पास होने के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित परीक्षा में थ्योरी व प्रैक्टिकल (प्रैक्टिकल में शामिल में प्रैक्टिकल/क्लिनिकल और वाइवा वॉइस) में अलग-अलग 50% नंबर प्राप्त करने होंगे.