
प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस ने एक और आरोपी को एनकाउंटर में मार गिराया. उमेश पाल की हत्या के केस में ये दूसरा एनकाउंटर है. उधर, यूपी एसटीएफ की टीम बाकी शूटरों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है. इस हत्या में बाहुबली अतीक अहमद का नाम सीधे तौर पर जुड़ रहा है, ऐसे में प्रयागराज प्रशासन ने अतीक के करीबियों और हत्याकांड में किसी न किसी तरह से जुड़े लोगों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर भी चलाया है. उमेश पाल की 24 फरवरी को हत्या हुई थी, आईए जानते हैं कि इस केस में अब तक कब कब और क्या क्या हुआ?
24 फरवरी को दिनदहाड़े उमेश पाल का मर्डर:
प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल और उसके एक गनर की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उमेश के दूसरे गनर को भी इस दौरान गोली लगी थी. उमेश पाल राजूपाल हत्याकांड में गवाह थे. उमेश के गाड़ी से उतरते ही बदमाशों ने उनकी पर फायरिंग कर दी थी. इस दौरान उनकी और उनके गनर की गोली लगने से मौत हो गई. बदमाशों ने इस हत्याकांड को 44 सेकेंड में अजाम दिया था.

25 फरवरी को केस दर्ज
- प्रयागराज पुलिस ने उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर 25 फरवरी को मामला दर्ज किया. पुलिस ने अतीक अहमद के साथ ही अतीक के भाई, पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक अहमद के दो बेटों और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. 25 फरवरी को यह मुद्दा यूपी विधानसभा में भी उठा. इस मुद्दे पर विपक्ष ने योगी सरकार पर निशाना साधा. इस पर सीएम योगी ने पलटवार भी किया. उन्होंने कहा कि जिस अतीक अहमद के खिलाफ पीड़ित परिवारों ने मुकदमा दर्ज कराया है. वो समाजवादी पार्टी के द्वारा पोषित माफिया है. माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे.
26 फरवरी- प्रयागराज पुलिस ने अतीक अहमद के दोनों बेटों समेत करीब 14 संदिग्धों को हिरासत में लिया.
27 फरवरी- अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता ने प्रयागराज कोर्ट में अर्जी दाखिल की. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटों को पुलिस शुक्रवार की रात घर से उठाकर ले गई. उनका कोई पता नहीं चल रहा है. उन्होंने बेटों के एनकाउंटर होने की आशंका जताई. इस मामले में शाइस्ता ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की. उधर, सपा विधायक पूजा पाल ने भी सीएम योगी से सुरक्षा की गुहार लगाई.
27 फरवरी- एनकाउंटर में ढेर हुआ अरबाज
यूपी पुलिस को 27 फरवरी को बड़ी कामयाबी मिली. पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में पहला एनकाउंटर किया. पुलिस ने अतीक अहमद के करीबी अरबाज को ढेर कर दिया था. उमेश पाल की हत्या में जिस क्रेटा कार का इस्तेमाल किया गया था, उसे अरबाज ही चला रहा था. अरबाज, अतीक अहमद की गाड़ी भी चलाता था. उमेश पाल की हत्या में जिस क्रेटा कार का इस्तेमाल किया गया, वह भी अरबाज के घर के बाहर मिली थी. पुलिस ने एलएलबी स्टूडेंट सदाकत खान को गिरफ्तार किया. सदाकत के हॉस्टल रूम में ही हत्या की साजिश रची गई थी.

28 फरवरी: प्रयागराज से लखनऊ तक छापेमारी
उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस ने 5 आरोपियों की पहचान की और उन पर 50-50 हजार का इनाम घोषित किया. इतना ही नहीं पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए लखनऊ से प्रयागराज तक छापेमारी की. अतीक अहमद के फ्लैट पर छापेमारी की.
1 मार्च: प्रयागराज में चला बुलडोजर
अतीक अहमद के करीबियों की अवैध संपत्ति पर 1 मार्च से बुलडोजर चलना शुरू हुआ. पुलिस ने दावा किया कि जिस संपत्ति को गिराया, वहां अतीक अहमद की पत्नी और शूटरों के बीच मुलाकात हुई थी. उमेश के साथ मौजूद दूसरे जख्मी गनर की भी मौत हो गई.

2 मार्च : बुलडोजर कार्रवाई रही जारी
प्रयागराज में लगातार तीन दिन तक बुलडोजर की कार्रवाई चली. अतीक के करीबियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया. उधर, प्रयागराज कोर्ट में शाइस्ता की अर्जी पर सुनवाई हुई. इस दौरान पुलिस ने कोर्ट में बताया कि अतीक के बेटे उनकी हिरासत में नहीं हैं.
3 मार्च : शूटरों की हुई पहचान
उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटरों की पहचान हुई. पुलिस ने बताया कि जिस शूटर ने बम फेंके थे, उसका नाम गुड्डू मुस्लिम है. लखनऊ के चर्चित पीटर गोम्स हत्याकांड में भी उसका नाम आया था. गुड्डू बम मारकर हत्या करने के लिए ही जाना जाता है. वह धनंजय सिंह अभय सिंह से लेकर मुख्तार अंसारी के लिए भी काम कर चुका है. अतीक के बेटे असद का नाम FIR में जोड़ा गया. पुलिस के मुताबिक, हत्याकांड में अतीक अहमद का बेटा असद, अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर शामिल हैं. जांच में सामने आया कि हत्या की साजिश गुजरात की साबरमती जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद ने रची थी, जिसे एक प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया. इसी प्लानिंग का हिस्सा रहे सदाकत खान को भी गिरफ्तार किया गया था, वो मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल के कमरा नंबर 36 में रह रहा था.
4 मार्च: अतीक अहमद के दोनों नाबालिग बेटे सुधार गृह भेजे गए
पुलिस ने अतीक अहमद के दोनों नाबालिग बेटे एजम और अबान को बाल सुधार गृह भेजा. पुलिस ने दावा किया कि दोनों लावारिस घूमते मिले. जांच में सामने आया कि उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने के दो घंटे बाद तक शूटर प्रयागराज में ही छिपे रहे. इसके बाद अलग अलग गाड़ियों से फरार हुए. हत्या की वजह सामने आई. पुलिस का कहना है कि उमेश पाल का एक जमीन को लेकर अतीक अहमद के साथ विवाद चल रहा था.
5 मार्च: शूटरों पर बढ़ाया गया इनाम
पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटरों पर ढाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए इनाम किया.

6 मार्च: पहले शूटर का एनकाउंटर
उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी विजय कुमार उर्फ उस्मान चौधरी को पुलिस ने प्रयागराज के कौंधियारा में एनकाउंटर में मार गिराया. उस्मान ने ही उमेश पाल को पहली गोली मारी थी. उस्मान पर 50 हजार का इनाम था. पहले सीसीटीवी फुटेज से उस्मान चौधरी की पहचान नहीं हो पाई थी. इसलिए एफआईआर में उसका नाम नहीं था. सिर्फ अज्ञात में वह था. उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था. जबकि जिन शूटरों की पहचान हो चुकी है, उन पर 2.5 लाख का इनाम घोषित किया गया है.