उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मेट्रो लोगों की लाइफलाइन बन चुकी है. ऐसे में मेट्रो में बढ़ती भीड़ को देखते हुए किसी आतंकी हमले या फिर हाईजैकिंग की परिस्थिति में यात्रियों को सुरक्षित निकालने और आतंकी हमला विफल करने के लिए शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने एंटी हाइजैकिंग ड्रिल में हिस्सा लिया.
ट्रांसपोर्ट नगर के मेट्रो डिपो में लखनऊ मेट्रो के सुरक्षा कर्मचारी, प्रशिक्षु स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स और एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड यानी की एटीएस ने संयुक्त रूप से एंटी हाइजैकिंग ऑपरेशन ड्रिल का आयोजन किया.
इस ड्रिल को आयोजित करने का मुख्य लक्ष्य हाईजैक हुई ट्रेन पर कब्जा करना, ट्रेन के अंदर प्रवेश करना, यात्रियों को सुरक्षित निकालने के साथ आतंकियों पर काबू पाने जैसी परिस्थितियों से निपटना था.
इस ड्रिल में एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड की टीम के साथ खासतौर पर मेट्रो रेल और विभिन्न महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा के लिए बनाई गई नई फोर्स एसएसएफ के प्रशिक्षु जवानों और लखनऊ मेट्रो के सुरक्षा स्टॉफ ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया.
बता दें कि एटीएस जहां उच्च प्रशिक्षित आतंकवाद निरोधी दस्ता है वहीं एसएसएफ के जवानों की ट्रेनिंग सीतापुर में हो रही है जिनकी बाद में तैनाती मेट्रो रेल की सुरक्षा के लिए होगी.
इस ड्रिल के दौरान यूपीएमआरसी के सुरक्षा आयुक्त उमेश चंद्र श्रीवास्तव के साथ, एटीएस के एडिशनल एसपी संजय, और एसएसएफ के इंस्ट्रक्टर भी शामिल थे.
इस ड्रिल के साथ साथ लखनऊ मेट्रो की सुरक्षा और ऑपरेशन स्टॉफ ने एटीएस कमांडो और एसएसएफ की टीम को मेट्रो के सुरक्षा उपकरणों के साथ आपसी समन्वय के बारे में भी जानकारी दी.
शहरी आबादी के बीचोंबीच स्थित होने के कारण सभी मेट्रो रेल सिस्टम को सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है. यही वजह है कि उसके सुरक्षा मानकों को लेकर इस तरह का आयोजन किया गया.
ये भी पढ़ें: