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प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के बाद शव को स्वीकारा, यौन शोषण के बाद छात्रा ने की थी खुदकुशी

कोयंबटूर में, 12वीं कक्षा की एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में,यौन शोषण के आरोप में स्कूल शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया था. अब स्कूल प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के बाद शोकाकुल परिवार बच्ची का शव ले जाने को राज़ी हो गया.

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शिकायत करने पर भी स्कूल प्रिंसिपल ने कोई कार्वाई नहीं की (सांकेतिक फोटो)
शिकायत करने पर भी स्कूल प्रिंसिपल ने कोई कार्वाई नहीं की (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 12वीं कक्षा में पढ़ती थी 17 साल की छात्रा
  • शिकायत करने पर भी स्कूल प्रबंधन ने नहीं की कार्रवाई

तमिलनाडु के कोयंबटूर में, 11 नवंबर को 12वीं कक्षा की एक छात्रा ने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में, स्कूल के प्रिंसिपल के गिरफ्तारी होने पर शोकाकुल परिवार पोस्टमार्टम के बाद बच्ची का शव ले जाने को राज़ी हो गया है.

स्कूल के शिक्षक ने किया था यौन शोषण 

स्कूल के ही एक शिक्षक के बार-बार यौन उत्पीड़न किए जाने से परेशान 17 साल की छात्रा ने अपने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. छात्रा के दोस्तों और परिजनों ने चिन्मया स्कूल के शिक्षक मिथुन चक्रवर्ती पर आरोप लगाया था. स्कूल शिक्षक मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 और पोक्सो एक्ट की धारा 9एल आर/डब्ल्यू धारा 20 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. 

लेकिन बच्ची के माता-पिता पोस्टमार्टम के बाद बच्ची का शव ले जा ने को रज़ी नहीं थे. उनकी मांग थी कि स्कूल के प्रिंसिपल को भी गिरफ़्तार किया जाए. 

प्रिंसिपल ने नहीं की कोई कार्रवाई

बच्ची की मां के मुताबिक, स्कूल की प्रिंसिपल से शिकायत करने के बावजूद भी, उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की और कथित तौर पर उन्हें ही समझाया कि यह कोई गंभीर बात नहीं है. यह वैसा ही है जैसे बस में सफर करते समय कोई टक्कर मार देता हो.

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छात्रा का शिक्षक से बातचीत का एक ऑडियो क्लिप भी सामने आया था, जिसमें कथित तौर पर शिक्षक को छात्रा से गलत तरीके से बात करते सुना जा सकता है.

माता-पिता की शिकायत और छात्रा के दोस्तों द्वारा उपलब्ध कराए गए व्हाट्सएप चैट और ऑडियो क्लिप के आधार पर, कोयंबटूर आरएस पुरम की ऑल वुमन पुलिस ने पोक्सो धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और मिथुन चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया.

विरोध प्रदर्शन के बाद हुई प्रिंसिपल अरेस्ट

इस घटना के बाद, विभिन्न संगठनों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जिसमें स्कूल की प्रिंसिपल को कथित तौर पर अत्याचार को छिपाने की कोशिश करने के लिए गिरफ्तार करने की मांग की जा रही थी. वहीं छात्रा के परिजनों ने भी छात्रा के शव को तब तक स्वीकारने से मना कर दिया था, जब तक प्रिंसिपल की गिरफ्तारी नहीं कर ली जाती. इस बीच रविवार को, पुलिस ने स्कूल की प्रिंसिपल मीरा जैक्सन को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद परिवार ने छात्रा का अंतिम संस्कार करने के लिए शव को स्वीकार किया. 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी ट्वीट किया था कि कुछ मानव जानवरों की विकृति और क्रूरता ने एक जीवन छीन लिया है. स्कूल प्रशासन को यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि यौन हिंसा न हो. हम दोषियों को गिरफ्तार करेंगे और परिवार को न्याय दिलाएंगे.

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राज्य के शिक्षा मंत्री अंबिल महेश ने परिवार से मुलाकात की और कहा कि जो लोग दोषी हैं उन्हें निश्चित रूप से दंडित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि- "छात्रों की शिकायत सुनने के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन - 14417 है. बच्चे जो कुछ अपने माता-पिता, दोस्तों या शिक्षकों के साथ शेयर नहीं कर सकते, वो यहां कॉल करें और हम उनकी मदद करेंगे. हम संघर्ष कर रहे हैं कि लड़कियां स्कूल जाएं. हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाएगी.''

 

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