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अचानक 40 साल के बाद पलटा खेल, तेल पर चांदी भारी, एक्सपर्ट्स बोले- नए युग का आगाज

Silver New Record: तमाम एक्सपर्ट्स से इसे नए युग की शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं, उनका कहना है कि चांदी की बढ़ती कीमत एक नया संकेत दे रहा है. बुधवार को चांदी की कीमत MCX पर 204000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई. 

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चांदी की कीमतों में अचानक जोरदार उछाल. (Photo: PTI)
चांदी की कीमतों में अचानक जोरदार उछाल. (Photo: PTI)

किसी को उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी चांदी (Silver) की कीमत 2 लाख रुपये प्रति किलो के पार पहुंच जाएगी. पिछले एक साल से चांदी की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही है. दिसंबर 2024 में चांदी का भाव करीब 90 लाख रुपये किलो था, जहां से भाव डबल हो चुका है. बुधवार को चांदी की कीमत MCX पर 204000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई. 

दरअसल, ग्लोबल मार्केट में चांदी के ताजा भाव ने एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है. पिछले 40 साल में चांदी की कीमत पहली बार कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमत से अधिक हो गई है. तमाम एक्सपर्ट्स से इसे नए युग की शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं, उनका कहना है कि चांदी की बढ़ती कीमत एक नया संकेत दे रहा है. 

बता दें, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी COMEX पर करीब $63.06 प्रति औंस पर चल रही है, जबकि WTI कच्चा तेल लगभग $56.19 प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है. यह चांदी का क्रूड ऑयल से करीब $6 से अधिक प्रीमियम है. इससे पहले इस तरह का अनुपात साल 1979 में देखा गया था. 

चांदी में तगड़ी तेजी की क्या वजह?
विशेषज्ञों का कहना है कि चांदी की बढ़ती कीमत कई कारणों से हुई है. औद्योगिक मांग में लगातार उछाल, निवेशकों की सुरक्षित संपत्तियों की ओर बढ़ती रुचि और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण चांदी की डिमांड बढ़ती जा रही है. खास तौर पर हरित ऊर्जा टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक वाहनों और सोलर पैनल्स में चांदी की बढ़ती मांग ने इस धातु को मजबूत बनाया है.

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कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट

इस बीच ब्रेंड क्रूड ऑयल की कीमत 4 साल में सबसे नीचे पहुंच गई है, बुधवार को Brent Oil का भाव 60 डॉलर से नीचे फिसल गया, इससे पहले फरवरी 2021 में यह कीमत थी. दरअसल, कच्चे तेल की ग्लोबल डिमांड में कमी, ज्यादा सप्लाई और प्रमुख देशों जैसे चीन और यूरोपीय यूनियन में आर्थिक बढ़ोतरी की सुस्ती के कारण तेल की कीमत दबाव में रही है.

हालांकि एक्सपर्ट्स अभी चांदी को लेकर बुलिश हैं, और उनका कहना है कि इस साल चांदी ने पारंपरिक सुरक्षित निवेश के रूप में अपनी साख और मजबूती से बनाई है. लेकिन लगातार तेजी के बाद मुनाफावसूली भी चांदी में संभव है. ऐसे में प्राइस करेक्शन से इनकार नहीं किया जा सकता है. 

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