Employees Provident Fund (EPFO) की ओर से पीएफ खाते (PF Account) में जमा रकम पर टैक्स को लेकर हाल में गाइडलाइन जारी की गई है. ये गाइडलाइंस खास तौर पर प्राइवेट सेक्टर के ऐसे कर्मचारियों से संबंधित हैं, जिनके पीएफ अकाउंट में सालभर में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा का कंट्रीब्यूशन होता है. सरकारी कर्मचारियों के लिए अंशदान की यह सीमा पांच लाख रुपये की है.
नई गाइडलाइंस में ये है खास
EPFO की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, 2.5 लाख से ज्यादा सालाना कंट्रीब्यूशन वाले पीएफ अकाउंट्स अगर फाइनल सेटलमेंट या ट्रांसफर की स्थिति में नहीं हैं, तो ब्याज क्रेडिट होने के दिन इन अकाउंट्स से टीडीएस की रकम काट ली जाएगी. वहीं, पीएफ अकाउंट के फाइल सेटलमेंट, एग्जेम्टेड एस्टैबलिशमेंट से ईपीएफओ या ईपीएफओ से एग्जेम्टेड एस्टैबलिशमेंट में पीएफ अमाउंट ट्रांसफर किए जाते समय टीडीएस लगेगा.
डेथ होने पर भी लागू होगा टीडीएस
EPFO ने कहा है कि अकाउंट होल्डर की मौत होने पर भी टीडीएस लगेगा. ईपीएफओ ने इसकी वजह बताते हुए कहा है कि ये जीवित सदस्य के लिए है. इसके साथ-साथ भारतीय वर्कर्स की तरह ही इंटरनेशनल वर्कर्स पर भी टीडीएस लागू होगा.
PF Account से PAN लिंक नहीं होने पर..
अगर किसी व्यक्ति का वैलिड PAN Card पीएफ अकाउंट से लिंक है, तो उसे 10 फीसदी की दर से टीडीएस देना होगा. वहीं, अगर पीएफ अकाउंट पैन से लिंक नहीं है तो व्यक्ति को 20 फीसदी की दर से टीडीएस देना होगा. इसका मतलब है कि पीएफ अकाउंट से पैन लिंक नहीं होने पर आपको लगभग दोगुना टैक्स देना होगा.
हालांकि, अगर टीडीएस की रकम 5000 रहती है, तो पीएफ सब्सक्राइबर के अकाउंट में क्रेडिट इंटरेस्ट से कोई कटौती नहीं की जाएगी. हालांकि, सब्सक्राइबर की इंडिविजुअल टैक्स लायबलिटी उसके कुल टैक्स के प्रति बनी रहेगी.
वहीं, नॉन-रेजिडेंट्स के मामले में वैलिड पैन के अकाउंट से लिंक होने या नहीं होने पर 30 फीसदी की टैक्स देनदारी बनी रहेगी.