बिहार विधानसभा चुनाव खत्म हुए, नतीजे आ गए और अब नई सरकार बनने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इसी के साथ दूसरे प्रदेशों से अपने-अपने गांव लौटे मजदूर अब वापस काम के लिए निकल पड़े हैं. समस्तीपुर स्टेशन से गुजरने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों में भारी दिख रही है.
समस्तीपुर स्टेशन पर भारी भीड़ देखने को मिली. जयनगर-नई दिल्ली जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस जैसे ही प्लेटफॉर्म पर पहुंची, उसके जनरल और स्लीपर कोच पहले से ही खचाखच भरे हुए थे.
यात्री ट्रेन के गेट पर बैठे हुए दिखाई दिए, जबकि कई लोग ट्रेन में घुसने की जगह न मिलने पर खिड़कियों से अंदर चढ़ते नजर आए. कुछ यात्री जिनमें प्रवासी मजदूर ज्यादा थे, ट्रेन के बाथरूम में खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर दिखे.

दिव्यांग बोगी में भी बड़ी संख्या में लोग चढ़ गए थे. जीआरपी ने डिब्बे को खाली कराने की कोशिश की, लेकिन मजदूरों की मजबूरी और उनकी हालत देख पुलिसकर्मी भी असहाय नजर आए.
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कई लोगों के सामने ये भी मजबूरी थी कि देर से पहुंचेंगे तो काम भी नहीं मिलेगा. ट्रेन के अंदर की भीड़ ऐसी थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं थी. जयनगर, मधुबनी और दरभंगा से आने वाली ट्रेनों में भी स्थिति कमोबेश यही रही, जो समस्तीपुर पहुंचते-पहुंचते पूरी तरह हाउसफुल हो चुकी थीं.

स्टेशन पर मौजूद कई प्रवासी मजदूरों ने रोजगार को लेकर अपनी पीड़ा बयां की. एक मजदूर ने कहा कि बिहार से पलायन रोकने के लिए सरकार को कई फैक्ट्रियां लगानी होंगी. कई मजदूरों ने कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे लंबे समय तक बिना काम के घर पर रुक सकें.
काम की तलाश में तमाम लोग दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात जैसे राज्यों में जा रहे हैं. ट्रेन के आने से पहले ही प्लेटफॉर्म पर बड़ी संख्या में यात्री जमा थे. जैसे ही स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म पर रुकी, यात्रियों की भीड़ डिब्बों की ओर टूट पड़ी. धक्का-मुक्की के बीच कई यात्री गिरते-पड़ते ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते दिखे.