फ्लिपराची को जानते हैं? वैसे अब ये सवाल बाकी नहीं रह गया है. क्योंकि जब से 'रहमान डकैत' ने काला पठानी पहनकर और दोनों कंधों की ओर शॉल को पटके की तरह डाले हुए, हाथ उठाकर मस्तानी-मर्दानी चाल में एक बहरीनी गाने के साथ एंट्री ली है, माशाल्लाह! वो क्या गजब लगे हैं. इतने कि हॉल वाले बड़े पर्दे से निकलकर रील वाले छोटी स्क्रीन में भी उनकी ही धूम है.
कहीं से भी गुजर जाओ... 'याखी दूस-दूस अइंदी खोश फसला, याखी तफ़ूज़ तफ़ूज़ वल्लाह खोश रक़्सा' यही सुनाई दे रहा है. हालांकि जो यहां लिखा है, वो परफेक्ट लिरिक्स नहीं हैं. क्योंकि असल लिरिक्स तो अरबी में हैं और उसे देवनागरी में लिखना सरल नहीं है.
खैर, तो सवाल ये था कि फ्लिपराची को जानते हैं? तो जवाब ये है कि जिस बहरीनी गीत पर 'रहमान डकैत' बने अक्षय खन्ना टशन दिखा रहे हैं, उसका नाम 'FA9LA' और फ्लिपराची ही वह बहरीनी रैपर हैं, जिन्होंने ये गीत रचा है, लिखा है और गाया भी है.
गाने के अरबी बोल फ्लिपराची के चैनल पर उपलब्ध हैं. इस गाने में जो भाव शामिल है, वह कुछ ऐसा है जैसे किसी को ये कहा जा रहा है कि सारी चिंता-फिक्र छोड़ कर तू नाच ले. और खुल कर डांस कर. जैसे मैं नाच रहा हूं वैसे नाचो. मेरी तरह बढ़िया कमर हिलाओ. ये लो ऐसे मूव्स करो. कुछ यही सब है पूरे गाने में. अरेबिक में जो बात गाने के जरिए कही जा रही है उसका हिंदी तर्जुमा कुछ ऐसा ही है.
साल भर पहले यूट्यूब पर अपलोड हुआ था ऑडियो
दिलचस्प यह है कि 'धुरंधर' में आने से पहले यह गाना अकेला, आजाद पंछी की तरह था. न कोई पिक्चराइजेशन न कोई वीडियो, सिर्फ ऑडियो. बीते साल 2024 में फ्लिपराची के YouTube चैनल पर यह 1 मिनट 47 सेकंड का ऑडियो ट्रैक रिलीज किया गया था. अब तक यह बिना वीडियो के ही था. वहीं से इसे फिल्म में इस्तेमाल के लिए यूज किया गया. अब धुरंधर फिल्म में इस्तेमाल के बाद इसे वीडियो भी मिल गया है. और क्या ही शानदार आला दर्जे का वीडियो मिला है, यो तो आप इसके पॉपुलैरिटी को देखकर समझ ही पा रहे होंगे.

कौन हैं फ्लिपराची?
फ्लिपराची का असल नाम है हुसाम असीम. साल 1987 मनामा, बहरीन में जन्मे हुसाम का स्टेज नेम फ्लिपराची है. उन्होंने साल 2008 में DJ Outlaw की म्यूजिक कंपनी से जुड़कर खलीजी हिप-हॉप को उंचाई देने की नई कोशिश की और इसके जरिए अरब देशों की बोलचाल, स्लैंग, फोक कल्चर और उनके सामाजिक रंग-ढंग रैप का हिस्सा बन रहे हैं. अब उनकी आवाज़ अरब से निकलकर भारत तक पहुंच चुकी है. इस तरह यह दो संस्कृतियों के मेल का हिस्सा बन रही है.
'FA9LA' कोई कोडवर्ड नही बल्कि अरेबिक भाषा का शब्द
अब बात गाने की. ये जो आप टाइटल देख रहे हैं, 'FA9LA' इसे 'एफए नाइन एलए' नहीं पढ़ना है. बल्कि इसे आप पढ़ेंगे 'फस्ला'. ये जो 9 है ये कोई अंक नहीं है, बल्कि अरेबिक में 'साद' के लिए यूज होने वाले अक्षर की बनावट जैसा दिखता है. दरअसल, FA9LA में 9 अरबी भाषा के एक विशेष अक्षर "साद (ص)" का प्रतीक है, जो ज़ोरदार “स” की ध्वनि देता है. अंग्रेज़ी या लैटिन अल्फाबेट में इसकी कोई मौजूदगी नहीं है और इसलिए डिजिटल दुनिया में 9 का अंक बनावट में इससे मेल खाता है तो इसे 9 से दर्शाया जाता है.
अरबी अक्षरों को संख्याओं से दिखाने की यह पद्धति यूथ इंटरनेट यूज़र्स ने शुरू की थी, जिसे आज Arabic Chat Alphabet या Arabizi कहा जाता है. यूएई के सबसे बड़े भाषा संस्थान Eton Institute के अनुसार, जब इंटरनेट आया (1990 के दशक के मध्य से 2000 के शुरुआती सालों तक), तब यूथ ने अरबी ध्वनियों को लैटिन अक्षरों और अंकों से लिखना शुरू किया.
ऐसे समझें 'FA9LA का अर्थ
कई अरबी अक्षरों की ध्वनियां अंग्रेजी में नहीं मिलतीं, इसलिए उन्हें अंकों से दर्शाया जाता है, जैसे अरबी अक्षर ‘हा (ح)’ को दिखाने के लिए 7 का प्रयोग किया जाता है. हालांकि Arabizi का कोई एक मानकीकृत रूप नहीं है, क्योंकि अरबी की कई बोलियां हैं और अलग-अलग जगह ध्वनियों को अलग तरह से लिखा जाता है.
Eton Institute की सूची के अनुसार, 9 = अरबी अक्षर ‘साद (ص)’, यानी तेज़ "स" ध्वनि।
कुछ लोग इसे अरबी अक्षर ‘अइन (ع)’ के लिए भी इस्तेमाल करते हैं.
लेकिन धुरंधर के इनपुट और Kalimah Center के अनुसार FA9LA में 9 “साद (ص)” यानी ‘ज़ोरदार S’ को दिखाने के लिए इस्तेमाल किया गया है, जैसे सबाह (9abah).
यानी, FA9LA वास्तव में Arabizi शैली में लिखा गया FASLA है, जिसमें बीच के ‘S’ पर ज़ोर दिया गया है. बहरीनी अरबी में ‘फसला (fasla)’ का मतलब है—मस्ती का वक्त, पार्टी टाइम, पूरी तरह झूमने का दौर.
तो ये जो गीत है FA9LA ये कोई कोड वर्ड नही है, बल्कि अरबी में फस्ला लिखा हुआ है. यह वही शब्द-परंपरा है जिससे ‘फ़सल’, ‘फ़ासला’ और ‘फ़ैसला’ जैसे शब्द निकले हैं. आखिरी में इसी फस्ला का अर्थ अलगाव या कुछ अलग होने या दिखने से लगाया जाता है. यही फस्ला इस पूरे बहरीनी गीत की आत्मा है.
अब इस पर आते हैं कि 'फस्ला' का अर्थ क्या है?
बहरीनी में ‘फ़स्ला’ का अर्थ एक ऐसी मानसिक अवस्था है, जहां इंसानी दिमाग सामान्य दुनिया के व्यवहार से अलग हो जाता है. ऊर्जा से लबरेज, थोड़ा सनकी और सुपर एक्टिव. तो ऐसा व्यक्ति 'फस्ला' हो जाता है. गीत में एक जगह आता भी है, ' अना फ़स्ला' यानी 'मैं फ़स्ला हूं.' यानी ये खुद को अलग दिखाने का उद्घोष ही तो है.
जो दुनिया के नियमों की परवाह नहीं करता, अपनी ही धुन में मग्न और हर प्रकार की स्थिति से ‘डिस्कनेक्ट’ है. जो भेड़ों की तरह भीड़ में नहीं है. जैसे एक वार से फसल कटकर अलग हो जाती है तो वैसा ही अलग व्यक्ति है 'फस्ला'. इसलिए फस्ला को अलगाव के अर्थ में भी देखा जाता है. लेकिन गाने में इसका मतलब पूरी तरह से आजाद, खुश और अपने में मस्त एक युवा से है. जिसे पहसे से ही एक फस्ला ये कह रहा है आओ, तुम भी फस्ला हो और मेरी तरह नाच लो.
अब गाने का मतलब देखें...
याखी डूस डूस, इंदी खोश फस्ला
याखी तफूज़ तफूज़, वल्लाह खोश रक्सा
दोस्त, ज़ोर से नाचो-नाचो, मेरे पास कमाल का मूव है!
दोस्त, आओ, इस तरह तुम जीतो जाओगे, खुशी से कूदो, कसम से ये कमाल का डांस है!
इंदी लक रक्सा कविया या अल-हबीब
इस्महा सबहा खतबहा नसीब
मिद यदक जिन्क ब्तअतीहा कफ़ व हेज़ जितफ़िक हील खल्लिक शदीद
मेरे पास तेरे लिए एक बेहतरीन डांस मूव है, ओ यार! आ भाई, इधर आ जा न
देख, इसका नाम है "सबहा" है, इसकी सगाई नसीब से तय हो गई है.
तू भी आजा नाच ले यार, खुशी में झूम ले, दुनिया में सबसे ऊपर हो जा.
तो अब जब आप किसी रील या वीडियो में FA9LA गीत सुनें तो पहले तो इसे फस्ला पढ़िएगा और दूसरा इसके बहुत खूबसूरत अर्थ को भी समझिएगा.