scorecardresearch
 

गीतों और कहानियों से बुनी माला... शिमला की वादियों में बिखरा अभिनेता देवानंद का जादू

शिमला के गेयटी थिएटर में अभिनेता देवानंद की 102वीं जयंती पर थ्री आर्ट्स क्लब और कात्यायनी ग्रुप ने भावपूर्ण कार्यक्रम प्रस्तुत किया. इस आयोजन में देव आनंद के जीवन की अनकही कहानियां और उनके अमर गीतों का संगम दर्शकों को हिंदी सिनेमा के सुनहरे दौर में ले गया.

Advertisement
X
देव आनंद की 102वीं जयंती पर शिमला हुआ विशेष कार्यक्रम
देव आनंद की 102वीं जयंती पर शिमला हुआ विशेष कार्यक्रम

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला का ऐतिहासिक गेयटी थिएटर, वादियों की एक सर्द शाम और सदाबहार अभिनेता रहे देवानंद की 102वीं जयंती. इन तीनों के सम्मिलन से जादू पैदा हुआ उसे शब्दों में बयां कर पाना कुछ मुश्किल ही है, क्योंकि ये अहसास हर उस दर्शक और श्रोता की निजी पूंजी बनकर उनके भीतर समा गया जो इस शाम का गवाह बना.

देवानंद की अनकही कहनियां

इस खास मौके पर एक भावपूर्ण और मनमोहक कार्यक्रम ने दर्शकों को हिंदी सिनेमा के सुनहरे दौर में समेट लिया. थ्री आर्ट्स क्लब और कात्यायनी की संयुक्त प्रस्तुति 'देव आनंद' ने न केवल उनके जीवन की अनकही कहानियां बयां कीं, बल्कि उनके अमर गीतों के जरिये एक जादुई माहौल रच दिया. यह कार्यक्रम न सिर्फ एक स्मृति-समारोह था, बल्कि देव आनंद के दर्शन, उनके रोमांटिक अंदाज और सिनेमाई विरासत को जीवंत करने का एक अनुपम प्रयास साबित हुआ. यह आयोजन 26 सितंबर को अभिनेता देवानंद की 102वीं जयंती के मौके पर हुआ.

Dev Anand

नाटकीय शैली में प्रस्तुति

थ्री आर्ट्स क्लब और कात्यायनी की संयुक्त प्रस्तुति में लेखक-निर्देशक-अभिनेत्री (अभिनेता देवानंद की भांजी) सोहेला कपूर ने श्रोताओं को हिन्दी सिनेमा के सुनहरे दौर में पहुंचा दिया. सोहेला की अंग्रेज़ी में लिखी कहानी का हिंदी रूपातंरण करते हुए अभिनेता निधिकांत पांडेय ने भावपूर्ण तरीके से ढाला और इसे अपने अभिनय से नाटकीय शैली में प्रस्तुत भी किया.

Advertisement

दिलचस्प अंदाज में किस्सों में पिरोए गए जीवन प्रसंग

वो कभी सवाल पूछते तो कभी देव आनंद के दार्शनिक और कलाकार के रूप को जीवंत करते. इस तरह देव आनंद के जीवन और उनकी सिनेमाई यात्रा से जुड़े रोचक प्रसंगों को बड़े दिलचस्प अंदाज़ में पिरोया गया. नाटकीय कहानी के बीच-बीच में देव आनंद के अमर गीतों को पेश किया उनके हमनाम गायक देवानंद झा ने जिससे दर्शक झूम उठे. गेयटी थिएटर में देवानंद झा के साथ कभी लोग गुनगुनाते तो कभी मस्ती भरे गानों पर झूम उठते थे.

कहानी और संगीत का अद्भुत संगम

कार्यक्रम की शुरुआत दिग्गज देव आनंद के लिए, ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में केक काटकर की गई. उसके बाद, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी श्रीनिवास जोशी को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपनी थिएटर यात्रा थ्री आर्ट्स क्लब के 1943 में शुरू होने के साथ ही की थी. कीकली ट्रस्ट को संभालने वाली वंदना भागरा को मंच पर सम्मानित करने के बाद कार्यक्रम शुरू हुआ. कहानी और संगीत के संगम से ऐसा भावपूर्ण वातावरण बना जिसमें दर्शक पूरे समय डूबे रहे और साथ ही तालियों से कलाकारों की हौसला-अफ़ज़ाई भी करते रहे.

Deva Anand

आज भी बरकरार है जादू

कई दर्शक दिल्ली और अन्य जगह से ये कार्यक्रम देखने शिमला पहुंचे थे. कई लोग उनके अंदाज़ में कपड़े पहनकर आए थे और उनके अंदाज़ में बात करते दिखे. दर्शकों की प्रशंसा ने साबित कर दिया कि देव आनंद का जादू आज भी बरक़रार है. निर्माता अनुराधा दर ने बताया कि शिमला से ही 1943 में शुरु हुए थ्री आर्ट्स क्लब ने देव आनंद की 102वीं जयंती पर इस नई प्रस्तुति की शुरुआत की है लेकिन इसे देश में और भी कई जगह प्रस्तुत किया जाएगा.

Advertisement

दर्शकों ने किया विशेष अभिवादन

अंत में जब कलाकारों ने मंच से शुक्रिया अदा किया तो दर्शकों ने खड़े होकर ज़ोरदार तालियों से उनका अभिवादन किया और इस जब वे रुखसत हो रहे थे तो एक आवाज जो उन्हें रोक रही थी, जो शायद उनके दिलों से उठते हुए सभागार में गूंज उठी... अभी न जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नहीं…

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement