बाबरी मस्जिद, राम मंदिर से लेकर RSS तक... अमेरिकी आयोग ने रिपोर्ट में दोहराईं विवादित बातें

अमेरिका के USCIRF ने एक नई रिपोर्ट जारी कर भारत पर फिर गंभीर आरोप लगाए हैं. रिपोर्ट में बाबरी मस्जिद के ढहाने से लेकर राम मंदिर और RSS तक कई विवादित दावे किए गए हैं, जिन्हें भारत पहले भी पक्षपातपूर्ण बता चुका है.

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यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम ने भारत को लेकर एक नई रिपोर्ट जारी की. यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम ने भारत को लेकर एक नई रिपोर्ट जारी की.

सुबोध कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:22 AM IST

अमेरिका की यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने नई रिपोर्ट जारी कर भारत को फिर कठघरे में खड़ा किया है. रिपोर्ट में बाबरी मस्जिद ढहाने की पुरानी कहानी दोहराई गई है. अयोध्या विवाद के निपटारे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हल्का जिक्र किया गया है और राम मंदिर के निर्माण को 1992 की घटनाओं से जोड़कर पेश किया गया है. आयोग ने RSS को भी निशाने पर लिया है और उस पर धार्मिक नीतियों से लेकर स्कूली किताबों तक कई आरोप लगाए हैं. हालांकि, भारत इन आरोपों को पहले भी पक्षपातपूर्ण, राजनीतिक और तथ्यहीन बता चुका है.

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रिपोर्ट में कहा गया है, 2024 में मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया. बाबरी मस्जिद के खंडहरों पर. 1992 में हिंदू भीड़ ने 16वीं सदी की मस्जिद को ढहा दिया था, यह दावा करते हुए कि यह भगवान राम का जन्मस्थान है. इस घटनाक्रम के बाद दंगों में करीब 2,000 लोग मारे गए थे.

अमेरिकी आयोग ने यह टिप्पणी तब की है जब भारत का सुप्रीम कोर्ट 2019 में अयोध्या विवाद पर अंतिम फैसला दे चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने जमीन पर हिंदू पक्ष का दावा सही माना और विवादित स्थल को राम मंदिर बनाने के लिए एक ट्रस्ट को सौंपने का आदेश दिया.

USCIRF की रिपोर्ट इसी फैसले का जिक्र करते हुए लिखती है- 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि विवादित जमीन एक ट्रस्ट को सौंपी जाएगी, जो वहां एक हिंदू मंदिर का निर्माण करवाएगा.

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RSS पर भी सीधे आरोप

रिपोर्ट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को भी निशाने पर लिया गया है. USCIRF दावा करता है कि संगठन का उद्देश्य- धार्मिक परिवर्तन को रोकना, गोहत्या पर रोक को बढ़ावा देना और स्कूल की पाठ्य पुस्तकों से मुस्लिम शासकों से जुड़े संदर्भ हटवाना जैसे एजेंडों को आगे बढ़ाना है.

भारत पर 'निरंतर निगरानी' का दावा दोहराया

USCIRF पहले भी कई बार भारत के खिलाफ रिपोर्ट जारी कर चुका है. इस ताजा रिपोर्ट में उसने भारत की घरेलू नीतियों, अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित निर्णयों और धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दों पर वही पुराने आरोप दोहराए हैं, जिन्हें भारत सरकार हमेशा 'भ्रामक', 'तथ्यहीन' और 'साबित उद्देश्य से प्रेरित' बता चुकी है.

बाबरी मस्जिद से राम मंदिर तक... पुराना नैरेटिव दोहराया

रिपोर्ट में बाबरी मस्जिद के 1992 के ढहाने का जिक्र किया गया है और उसे सीधे 2024 के राम मंदिर उद्घाटन से जोड़ा गया है. USCIRF ने इसे 'धार्मिक स्वतंत्रता' के संदर्भ में पेश किया है, जबकि भारत इसे न्यायिक और संवैधानिक प्रक्रिया के बाद पूरी तरह निपटा हुआ मामला मानता है.

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