ईरान की बासिज मिलिशिया के प्रमुख ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों को 'मनोवैज्ञानिक युद्ध' बताकर खारिज कर दिया. अर्द्धआधिकारिक न्यूज एजेंसी 'आईएसएनए' के अनुसार जनरल गुलाम हुसैन गेयपुर ने कहा, ईरान के खिलाफ ट्रंप के बयान मनोवैज्ञानिक युद्ध है. वह ईरान के खिलाफ कार्रवाई करने की स्थिति में नहीं हैं.
उन्होंने ये टिप्पणियां ऐसे समय की जब रविवार को ट्रंप ने हमला बोलते हुए ट्विटर पर लिखा, फिर कभी अमेरिका को मत धमकाना वरना तुम्हें वैसे परिणाम भुगतने पड़ेंगे जैसे कुछ इतिहास में झेले हैं.
ईरान को ट्रंप की चेतावनी- दोबारा अमेरिका को मत धमकाना, वर्ना....
इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ट्रंप को 'शेर की पूंछ से नहीं खेलने' की नसीहत देते हुए कहा था कि ईरान के साथ संघर्ष 'अब तक का सबसे बड़ा युद्ध' होगा.
समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी राजनयिकों के एक समारोह में रूहानी ने कहा था कि उनका देश अमेरिका के साथ शत्रुता की शुरुआत नहीं करना चाहता, लेकिन वह युद्ध करने से हिचकेगा नहीं.
ट्रंप ने रूहानी को रविवार देर रात ट्वीट कर कहा, 'ईरान के राष्ट्रपति रूहानी के लिए : अमेरिका को अब कभी दोबारा धमकाना नहीं, नहीं तो आपको ऐसे परिणाम भुगतने होंगे, जो इतिहास में कभी किसी ने कभी नहीं भुगता होगा. हम अब वह देश नहीं रहे जो आपके हिंसा और मौत के घृणित शब्दों को सुन ले. इसलिए सचेत रहें.'
बता दें कि रूहानी ने कहा था कि अमेरिका के साथ कामकाज का अर्थ आत्मसमर्पण करना और ईरान की उपलब्धियों को खत्म करना नहीं है. ईरान प्रेसीडेंसी की वेबसाइट के अनुसार, रूहानी ने कहा था कि ईरान के दुश्मनों को अवश्य यह समझना चाहिए कि ईरान के साथ युद्ध सबसे घातक युद्ध होगा (मदर ऑफ आल वार्स) और ईरान के साथ शांति सबसे बेहतरीन शांति (मदर्स ऑफ आल पीस) होगी.
वरुण शैलेश