ईरान पर अमेरिकी हमले से घबराया PAK, शहबाज ने आनन-फानन में बुलाई मीटिंग, मुनीर भी होंगे शामिल

ईरान पर अमेरिका के हमलों ने मध्य-पूर्व में एक और व्यापक युद्ध की आशंका बढ़ा दी है. इसे लेकर ईरान का पड़ोसी पाकिस्तान बेहद चिंतित है और वो इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुला रहा है.

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ईरान संघर्ष से पाकिस्तान घबराया हुआ है (Photo-X) ईरान संघर्ष से पाकिस्तान घबराया हुआ है (Photo-X)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

ईरान पर इजरायल और फिर अमेरिका के हमलों से पड़ोसी पाकिस्तान घबरा गया है. ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों पर अमेरिका के हवाई हमले के बाद पाकिस्तान सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की इमर्जेंसी मीटिंग बुला रहा रहा है. इस बैठक की अध्यक्षता शहबाज शरीफ करेंगे जिसमें पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर भी हिस्सा लेने वाले हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों ने पाकिस्तानी अखबार डॉन को बताया कि एनएससी की बैठक सोमवार शाम को होगी. इस बैठक में सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर भी शामिल होंगे. इस दौरान मुनीर समिति को ट्रंप के साथ अपनी बातचीत का ब्योरा भी देंगे. मुनीर हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर लौटे हैं.

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आसिम मुनीर ने बीते हफ्ते डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी और उनके साथ लंच भी किया था. इसके चार दिन बाद ही अमेरिका ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला कर दिया. पाकिस्तान ने ईरान पर अमेरिकी हमलों की आलोचना की है. ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के साथ फोन पर बातचीत में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी हमले और इजरायली आक्रामकता की कड़ी निंदा की है.

प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया कि इस दौरान पाकिस्तानी पीएम ने ईरान की जनता और सरकार के साथ पाकिस्तान की अटूट एकजुटता की पुष्टि की और जानमाल के नुकसान पर संवेदना जताई.

उन्होंने चिंता जताई कि अमेरिका ने उन परमाणु संयंत्रों पर हमला किया जो अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के संरक्षण में थीं. उन्होंने कहा, 'ये हमले अंतरराष्ट्रीय कानून और IAEA कानून का गंभीर उल्लंघन हैं.'

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एक तरफ ट्रंप के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग, दूसरी तरफ आलोचना

पिछले हफ्ते आसिम मुनीर जब डोनाल्ड ट्रंप से मिले थे तब उनकी मेहमाननवाजी से बेहद गदगद हुए थे. इसके बाद पाकिस्तान ने घोषणा की थी कि वो भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम में ट्रंप के कथित प्रयासों के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करने जा रहा है.

इसके अगले दिन ही शनिवार को ट्रंप प्रशासन ने ईरान पर हमला बोलकर युद्ध को और बढ़ा दिया. ऐसे में कहा जाने लगा कि युद्ध शुरू करने वाले को नोबेल पुरस्कार कैसे दिया जा सकता है. पाकिस्तान में भी सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े हो रहे हैं और लोग सरकार को फैसले पर पुनर्विचार के लिए कह रहे हैं. 

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