अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट्स पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन की जीत निश्चित दिखाई पड़ रही है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इलेक्टोरल वोट की जंग में जो बाइडेन बहुमत से सिर्फ 6 वोट दूर हैं. ऐसे में जो बाइडेन और कमला हैरिस की जोड़ी व्हाइट हाउस में जाती हुई दिख रही है. भारत को लेकर दोनों के विचार कई बार खुलकर सामने आते रहे हैं, भले ही डेमोक्रेट्स की ओर से भारत को अमेरिका का सच्चा दोस्त बताया गया हो. लेकिन बाइडेन-हैरिस ने कुछ ऐसे बयान दिए हैं, जिनकी भारत में आलोचना हुई है.
जम्मू-कश्मीर के हालात पर टिप्पणी
डेमोक्रेट्स उम्मीदवार जो बाइडेन ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लंबे वक्त तक लॉकडाउन और नेताओं को नजरबंद रखने का विरोध किया था. इसके बारे में उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में भी कई बार बात की थी.
सिर्फ जो बाइडेन ही नहीं बल्कि कमला हैरिस ने भी जम्मू-कश्मीर के मसले पर मुखर होकर राय रखी है. जम्मू-कश्मीर में लंबे वक्त तक नज़रबंदी के मसले पर कमला हैरिस ने बयान में कहा था कि हम उनके साथ खड़े हैं, मानवाधिकार के नियमों का उल्लंघन पूरी तरह गलत है.
CAA-NRC पर रार
भारत में पिछले साल नागरिकता संशोधन एक्ट, नेशनल रजिस्ट्रेशन फॉर सिटीजन को लेकर काफी विवाद हुआ था. देशभर में विरोध प्रदर्शन भी हुआ था, इसपर जो बाइडेन की ओर से टिप्पणी की गई थी. उन्होंने कहा था कि भारत का मूल लोकतांत्रिक और सेक्युलेरिज्म का रहा है, ऐसे में ताजा कानून इनसे मेल नहीं खाता है.
जो बाइडेन से इतर कमला हैरिस भी CAA-NRC के विरोध में आवाज उठा चुकी हैं. जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिकी यात्रा पर थे, तो उन्होंने उस अमेरिकी सीनेटर से मिलने से मना कर दिया था जिन्होंने CAA-NRC का विरोध किया था. इसपर कमला हैरिस ने भारत के विदेश मंत्री की कड़ी आलोचना की थी.
पाकिस्तान के मसले पर नरम रुख
जो बाइडेन ने कई मौकों पर आतंकवाद की कड़ी आलोचना की है और इसके खिलाफ सख्त लड़ाई की बात की है. लेकिन इससे इतर उनका पाकिस्तान के प्रति नरम रुख दिखता रहा है. ओबामा प्रशासन के दौरान जब पाकिस्तान को अमेरिका से आर्थिक मदद मिली, तब बतौर उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने अहम रोल निभाया.
यही कारण रहा कि तब की पाकिस्तान सरकार ने जो बाइडेन ने 2008 में हिलाल ए पाकिस्तान से नवाजा था. ये पुरस्कार पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है.
विवादित बयानों से परे...
हालांकि, जम्मू-कश्मीर से जुड़े विवादित बयानों से इतर जो बाइडेन ने भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों की बात की है. उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच हुई न्यूक्लियर डील में अहम भूमिका निभाई थी. साथ ही प्रचार के दौरान कहा था कि राष्ट्रपति बनने के बाद वो भारत के साथ जारी ट्रेड समेत अन्य कुछ समस्याओं को दूर करेंगे और दोस्ती मजबूत करेंगे.
हालांकि, एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि कुछ बयानों के आधार पर पूरी विदेश नीति का अनुमान लगाना ठीक नहीं होगा. ऐसे में अगर जो बाइडेन और कमला हैरिस सत्ता में आते हैं, तो उनकी विदेश नीति पर हर किसी की नजर होगी.
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