चीन पर अमेरिका का सख्त का एक्शन, पांच उत्पादों के आयात पर लगाई रोक

अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने कहा कि झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में चीनी सरकार उइगर लोगों और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का हनन करने में लगी हुई है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो-AP) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो-AP)

aajtak.in

  • वॉशिंगटन,
  • 15 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:11 AM IST
  • लोगों से जबरन काम लेने का जताया संदेह
  • अमेरिकी गृह विभाग ने जारी किया आदेश
  • झिंजियांग में मानवाधिकार हनन का आरोप

कोरोना संकट को लेकर शुरू हुआ तनाव अमेरिका-चीन में बरकरार है. अमेरिका ने इस बीच चीन के पांच उत्पादों पर रोक लगा दी है. अमेरिका ने चीन की कई कंपनियों के सामान के आयात पर रोक लगा दी. अमेरिका को उत्तर-पश्चिमी चीन में जातीय अल्पसंख्यकों पर व्यापक कार्रवाई के हिस्से के रूप में हिरासत में लिए गए लोगों से जबरन श्रम कराने का संदेह है.

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जारी बयान के मुताबिक यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (सीबीपी) ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के उत्पादों पर पांच विदहोल्ड रिलीज ऑर्डर (WRO) जारी किए हैं. अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग का आरोप है कि झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में चीन जबरन श्रमिकों से काम लेता है. लिहाजा उस क्षेत्र के उत्पादित सामानों पर रोक लगाई जाती है.

अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने कहा कि झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में चीनी सरकार उइगर लोगों और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का हनन करने में लगी हुई है. झिंजियांग क्षेत्र में कपड़े, कपास के सामान, कंप्यूटर पार्ट्स और बाल संबंधी उत्पादों को शिप करने वाली कंपनियों का नाम यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के आदेश में शामिल हैं जिनके उत्पादों पर रोक लगाई गई है.

 

चीन ने अमेरिका को बताया खतरा

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इससे पहले, चीन के रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका को वैश्विक व्यवस्था और विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था. चीन की यह टिप्पणी उसकी सैन्य महत्वाकांक्षा को लेकर आई अमेरिकी रिपोर्ट के जवाब में आई थी. चीनी सैन्य घटनाक्रम और लक्ष्यों पर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से अमेरिकी कांग्रेस को वार्षिक तौर पर दी जाने वाली रिपोर्ट दो सितंबर को जारी गई थी. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना से अमेरिका के राष्ट्रीय हितों और अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित व्यवस्था की सुरक्षा को खतरा है. 

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू क्यान का कहना था कि यह रिपोर्ट चीन के लक्ष्यों और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और चीन के 1.4 अरब लोगों के बीच संबंधों को तोड़ती-मरोड़ती है.

 

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