संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में दुबई एक्सपो 2020 में इस हफ्ते दुनिया की सबसे बड़ी कुरान के एक हिस्से का अनावरण किया गया. इस दुर्लभ कलाकृति को देखने के लिए एक्सपो में भीड़ जमा हो गई. इस कुरान के शब्दों को लिखने के लिए किसी स्याही का इस्तेमाल नहीं किया गया है बल्कि सोने और एल्युमिनियम के प्रयोग से इसके शब्दों को खूबसूरती से उकेरा गया है. इस कलाकृति को पाकिस्तान के प्रसिद्ध कलाकार शाहिद रसम 10 सालों की मेहनत से तैयार कर रहे हैं.
पाकिस्तानी अखबार, पाकिस्तान टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक बयान में बताया गया कि पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री अब्दुल रज्जाक दाऊद ने संयुक्त अरब अमीरात में पाकिस्तान के राजदूत अफजल महमूद, वरिष्ठ एक्सपो अधिकारियों और राजनयिकों के साथ मिलकर कलाकृति का उद्घाटन किया.
दुबई एक्सपो 2020 के पाकिस्तान पवेलियन में कुरान के हिस्से 'सूरह अल-रहमान' को प्रदर्शित किया गया है. रसम और उनके 200 से अधिक सहयोगी 2017 से कुरान की दुनिया की सबसे बड़ी प्रति तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं. इस कुरान को 2026 में पूरा कर लिया जाएगा.
रसम ने मीडिया से कहा कि ये कलाकृति विभिन्न पहलुओं से अद्वितीय और एकदम नई है. उन्होंने बताया, 'मैंने पवित्र कुरान को रंग या स्याही से नहीं लिखा है. इस्लामिक इतिहास में पहली बार कैनवास पर एल्युमिनियम और गोल्ड चढ़े शब्दों का इस्तेमाल किया गया है.'
कुरान के अध्याय को 6 पन्नों पर लिखा गया है. इस काम को पूरा करने में चार महीनों का लंबा वक्त लगा है. रसम ने कहा कि 'सूरह अल-रहमान' को एक विशेष कैनवास पर उकेरने के लिए 15 किलोग्राम (33 पाउंड) एल्यूमीनियम और 1 किलोग्राम (2.2 पाउंड) से अधिक सोने का इस्तेमाल किया गया है.
ये कैनवास 8.5 फीट (2.6 मीटर) लंबा और 6.5 फीट (2 मीटर) चौड़ा है. इसने मुस्लिमों के पवित्र पुस्तक कुरान की एक और प्रति का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जो 6.5 फीट लंबा और 4.5 फीट (1.4 मीटर) चौड़ा है. 2017 में इसे अफगानिस्तान में बनाया गया था. फिलहाल ये रूस के शहर कजान में कुल शरीफ मस्जिद में रखा गया है.
कराची के रहने वाले कलाकार रसम ने कहा कि उनका काम तुर्की, अरबी और ईरानी कला से प्रेरित है. ये कुरान 550 पन्नों की होगी जिसमें 77,430 शब्द होंगे. इन शब्दों को लिखने में 200 किलोग्राम (440 पाउंड) से अधिक सोना, 2,000 किलोग्राम एल्यूमीनियम और 600 कैनवास रोल का उपयोग किया जाएगा.
रसम ने बताया कि डिजाइन को चमकदार और खूबसूरत बनाने के लिए माणिक, नीलम और पन्ना जैसे कीमती पत्थरों का भी इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके डिजाइन को बनाने के लिए इटली की ग्लेजिंग तकनीक और ऐक्रेलिक रंगों का उपयोग किया गया है क्योंकि ये सैकड़ो वर्षों तक बिना खराब हुए चल सकते हैं.
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