तुर्किए ने एक बड़ी जासूसी साज़िश पकड़ी है, जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन पर आरोप है कि वे संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई की खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहे थे.
तुर्किए के इस्तांबुल में चीफ़ प्रॉसिक्यूटर ऑफिस ने बताया कि यह पूरा नेटवर्क तुर्किए के अहम सरकारी पदों पर बैठे लोगों की निजी जानकारी निकालने की कोशिश कर रहा था. मतलब टारगेट सीधे बड़े अधिकारी थे, जो सरकार के लिए अहम काम संभालते हैं.
जांच में पता चला कि इन आरोपियों ने तुर्किए में एक टेलिकॉम कंपनी से GSM मोबाइल नंबर लिया और उसे यूएई भेज दिया. इसी नंबर से फर्जी ऑनलाइन प्रोफाइल बनाए गए, जैसे नकली अकाउंट या नकली पहचान, ताकि सरकारी अधिकारियों से दोस्ती या संपर्क बनाकर उनकी जानकारी निकाली जा सके.
कौन-कौन लोग थे टार्गेट पर?
रक्षा उद्योग से जुड़े लोग यानी डिफेंस सेक्टर के अधिकारी, विदेश मंत्रालय की एक खास फोन लाइन और कई विदेशी दूतावासों के प्रतिनिधि. इन सभी की जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही थी.
अधिकारियों के मुताबिक, कुल चार लोग इस पूरे ऑपरेशन में शामिल थे. इनका काम साफ-साफ बंटा हुआ था – तुर्की में जाकर मोबाइल लाइन खरीदना, फिर उसे यूएई भिजवाना और आपस में लगातार कॉन्टैक्ट में रहना, ताकि ऑपरेशन आराम से चलता रहे.
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छापेमारी के दौरान तीन संदिग्धों को पकड़ लिया गया, लेकिन चौथा आरोपी इस समय तुर्की के बाहर है. उसके खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है, यानी जैसे ही वह हाथ लगेगा, उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा.
यह पूरा मामला तुर्की की सुरक्षा एजेंसियों के लिए बहुत गंभीर माना जा रहा है, क्योंकि जो डेटा निशाना पर था, वह सीधे ऊंचे स्तर के सरकारी अधिकारियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी थी.
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