तो ओवन में पक जाते! दो पक्षियों को क्षमादान देकर डोनाल्ड ट्रंप ने क्या क्या कहा?

व्हाइट हाउस में थैंक्सगिविंग डे पूरे अमेरिका की तरह नवंबर महीने के चौथे गुरुवार को ही मनाया जाता है. लेकिन व्हाइट हाउस में इस दिन दो मुख्य कार्यक्रम होते हैं, जो सीधे टीवी पर दिखाए जाते हैं. ये हैं नेशनल टर्की प्रजेंटेशन सेरेमनी. इस दिन राष्ट्रपति दो जीवित टर्की को “माफी” देते हैं. दूसरा डिनर का कार्यक्रम होता है.

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थैंक्सगिविंग डे पर अमेरिका में पक्षियों को माफी की परंपरा है. (Photo: AP) थैंक्सगिविंग डे पर अमेरिका में पक्षियों को माफी की परंपरा है. (Photo: AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:40 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो पक्षियों को माफी है. मुर्गे जैसे दिखने वाले ये दो पक्षी गोब्बल और वैड्डल हैं. अगर ट्रंप इन पक्षियों को क्षमादान नहीं देते तो ये दोनों पक्षी अभी व्हाइट हाउस के सदस्यों के डिनर डेबल पर डिश की शक्ल में होते. लेकिन ट्रंप की ओर से इन्हें माफी दिए जाने के बाद अब इन्हें ओवन में नहीं भेजा जाएगा. ये पक्षी टर्की (Turkey) कहे जाते हैं. इनका नाम गोब्बल और वैड्डल है. टर्की पक्षी दिखने में मुर्गों के जैसे ही होते हैं लेकिन आकार में उनसे बड़े होते हैं.

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दरअसल ट्रंप व्हाइट हाउस में ए सालाना कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे. इसे थैंक्सगिविंग डे कहा जाता है. इस कार्यक्रम को 1989 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति एच डब्ल्यू बुश ने शुरू किया था. इसमें 2 टर्की को माफी दिया जाता है. यह सबसे प्रसिद्ध और टीवी पर दिखाई जाने वाली परंपरा है. हर साल अमेरिकी राष्ट्रपति व्हाइट हाउस में दो जीवित टर्की (एक मुख्य, एक बैकअप) को औपचारिक रूप से “माफी” देते हैं. 

इस कार्यक्रम में शामिल होते हुए ट्रंप मजाकिया मूड में नजर आए. दरअसल यह मजाक का फेस्टिवल भी है. ट्रंप ने मजाक करते हुए कहा कि शुरू में वह पक्षियों का नाम बदलकर चक और नैन्सी रखना चाहते थे. साफ तौर पर ट्रंप का इशारा उनके राजनीतिक दुश्मन सीनेट माइनॉरिटी लीडर चक शूमर और पूर्व हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ओर था. ये दोनों ही डेमोक्रेट्स थे. 

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व्हाइट हाउस के रोज गार्डन इवेंट में ट्रंप ने कहा, "लेकिन फिर मुझे एहसास हुआ कि मैं उन्हें माफ़ नहीं करूंगा." 

इन टर्की को थैंक्सगिविंग डिनर में काटा नहीं जाता, बल्कि इन्हें जिंदा रहने दिया जाता है और किसी फार्म या विश्वविद्यालय में भेज दिया जाता है. 

इस परंपरा को आधिकारिक रूप से 1989 में राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश ने शुरू की, लेकिन अनौपचारिक रूप से यह 1947 से (हैरी ट्रूमैन के समय) या उससे भी पहले से चली आ रही है. यह एक हल्का-फुल्का, हास्यपूर्ण समारोह होता है, जिसमें राष्ट्रपति मजाक करते हैं और मीडिया कवरेज बहुत होता है. 

ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में 1600 से ज्यादा माफियां दे चुके हैं. इन पक्षियों का वजन 23 किलोग्राम से ज़्यादा था. इन्हें नॉर्थ कैरोलिना के एक फार्म में पाला गया था और सेरेमनी से पहले की रात इन पक्षियों ने व्हाइट हाउस के पास विलार्ड इंटरकॉन्टिनेंटल होटल के बिस्तरों पर गुजारी. 

 ट्रंप ने कार्यक्रम के दौरान कहा, "गोब्बल मैं तुम्हें बस यह बताना चाहता हूं, बहुत जरूरी बात, तुम्हें बिना किसी शर्त के माफ किया जाता है."
उन्होंने इस पक्षी के पंखों पर हाथ फेरते हुए कहा, "कौन इस खूबसूरत पक्षी को नुकसान पहुंचाना चाहेगा?"

राष्ट्रपति से माफी मिलने के बाद ये दोनों पक्षी एक यूनिवर्सिटी सेंटर में अपनी बची जिंदगी गुजारेंगे.
 

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