कनाडा के दिल टोरंटो में खड़ा CN Tower एक समय दुनिया की सबसे ऊंची मानव-निर्मित संरचना हुआ करता था. 1976 में बना यह टावर 553.33 मीटर (1,815 फुट) ऊंचा है. उस समय इतनी ऊंचाई तक पहुंचने वाली ये पहली कंक्रीट संरचना थी. करीब 34 सालों तक (1976–2010) CN Tower ने 'दुनिया की सबसे ऊंची फ्री-स्टैंडिंग स्ट्रक्चर' का रिकॉर्ड अपने नाम रखा, जब तक कि बुर्ज खलीफा (828 m) ने इसे पीछे नहीं छोड़ दिया. हालांकि इसे दुनिया की ऊंची इमारतों में शामिल नहीं किया जाता.
दरअसल, CN Tower एक टेलीकॉम और ऑब्ज़र्वेशन टॉवर है, जिसे आधिकारिक तौर पर कनाडा नेशनल टावर कहा जाता है. ये टावर टोरंटो शहर का एक गौरवशाली प्रतीक है. शहर के बीच में स्थित ये इमारत आसमान को चीरती नजर आती है. हर साल दो मिलियन से ज़्यादा पर्यटकों को आकर्षित करता है और लगभग हर पर्यटक इसे देखने के लिए रुकता है.
CN Tower की खासियत
सीएन टावर सिर्फ़ एक बड़ी इमारत नहीं है बल्कि नीचे से ऊपर तक ये मज़ेदार अनुभव करवाता है. यहां कांच वाली तेज़ रफ्तार लिफ्ट है, जो महज़ 58 सेकंड में ऑब्जरवेशन डेक तक ले जाती है. ये लिफ्ट 22 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से ऊपर चढ़ती है. 346 मीटर (लगभग 113 मंज़िल) की ऊंचाई पर पहुंचते ही टोरंटो और ओंटारियो झील के खूबसूरत नज़ारे दिखाई देते हैं.
ऑब्जरवेशन डेक एक घूमता हुआ रेस्टोरेंट है जहां बैठकर 360-डिग्री का नज़ारा देखा जा सकता है. यहां ताज़ी हवा में बाहर खड़े होकर टोरोंटो का नज़ारा देखा जा सकता है और बच्चों और परिवार के लिए एक इनडोर मनोरंजन क्षेत्र भी है. यहां कांच का फर्श है, जो नीचे शहर की सड़कों को देखने का बिल्कुल अलग मज़ा है. इसके अलावा 356 मीटर की ऊंचाई पर “EdgeWalk” है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा हैंड्स-फ्री बाहरी वॉकवे है. टावर का नाइट लाटनिंग शो हर शाम टोरंटो की स्काईलाइन को रोशन करता है.
‘Tallest Buildings in the World’ की लिस्ट में क्यों शामिल नहीं?
CN Tower इतना ऊंचा है लेकिन इसे दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों की लिस्ट में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि बिल्डिंग्स असल में वो इमारत कहलाती हैं, जिसमें कई मंज़िल हों, लोग रहते या काम करते हों. जैसे- बुर्ज खलीफा, शंघाई टावर, लोटे वर्ल्ड टॉवर. लेकिन टॉवर वो होते हैं, जो मुख्यतः दूरसंचार, प्रसारण या अवलोकन के लिए बना हो. इसमें स्थायी रूप से लोग नहीं रहते. जैसें- सीएन टॉवर, टोक्यो स्काईट्री, कैंटन टॉवर.
CN Tower एक टेलीकॉम और ऑब्ज़र्वेशन टॉवर है, न कि ऑफिस या रिहायशी इमारत.इसलिए ये “Tallest Buildings in the World” (CTBUH की सूची) में नहीं आता, बल्कि “Tallest Towers in the World” (World Federation of Great Towers) की लिस्ट में शामिल है.
ये हैं दुनिया के 10 सबसे ऊंचे टावर (2025 के अनुसार)
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टॉवर |
देश / शहर |
ऊँचाई |
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Tokyo Skytree (2012) |
टोक्यो, जापान |
634 |
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Canton Tower (2010) |
गुआंगझौ, चीन |
600 |
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CN Tower (1976) |
टोरंटो, कनाडा |
553.3 |
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Ostankino Tower |
मॉस्को, रूस |
540 |
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Oriental Pearl Tower |
शंघाई, चीन |
468 |
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Milad Tower |
ईरान |
435 |
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Kuala Lumpur Tower (Menara KL) |
मलेशिया |
421 |
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Tashkent Tower |
उज्बेकिस्तान |
375 |
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Almaty Tower |
कज़ाखस्तान |
372 |
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Berlin TV Tower (Fernsehturm) |
जर्मनी |
368 |
CN Tower तीसरे स्थान पर है और आज भी उत्तरी अमेरिका का सबसे ऊंचा टावर बना हुआ है.
इंजीनियरिंग का नमूना
इस टावर को 1973 से 1976 के बीच सिर्फ 40 महीनों में तैयार किया गया था. उस समय की तकनीक के हिसाब से यह चमत्कार था. ASCE (American Society of Civil Engineers) ने इसे 1995 में “Seven Wonders of the Modern World” में शामिल किया था.
हुमरा असद