अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद देश छोड़ दिया है. वह ओमान में अमेरिकी एयरबेस पर पहुंचे. अटकलें हैं कि वह यहां से अमेरिका जाएंगे.
देश छोड़ने को लेकर हो रही आलोचना के बीच अशरफ गनी ने सोशल मीडिया के जरिए सफाई पेश की है. उन्होंने लिखा है, आज मेरे सामने कठिन विकल्प है. मुझे कठिन फैसला लेना पड़ा. मुझे तालिबान के सामने खड़ा रहना चाहिए. मैंने बीते 20 साल से अपनी जीवन यहां के लोगों को बचाने में बिताया है. मैंने अगर देश नहीं छोड़ा होता तो यहां की जनता के लिए अंजाम बुरे होते. तालिबानियों ने मुझे हटाया है. वो काबुल में यहां के लोगों पर हमले के लिए यहां आए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान ने हिंसा से लड़ाई जीत ली है. अब उनकी जिम्मेदारी है को वो अफगानिस्तान के लोगों की रक्षा करे. उन्होंने लिखा है कि खूनखराबे से बचने के लिए मेरा अफगानिस्तान से जाना ही सही लगा.
उधर, तालिबान के कमांडरों ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पैलेस पर कब्जा जमा लिया है. अफगानिस्तान के स्थानीय मीडिया के मुताबिक तालिबान के डिप्टी लीडर मुल्ला बरादर ने कहा कि उन्हें कभी ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वे इस तरह से वापसी करेंगे. तालिबानी नेता ने कहा कि अब उन लोगों का परीक्षण इस बात पर होगा कि वो कैसे अफगानिस्तान के लोगों के हितों की सुरक्षा करते हैं.
टोलो न्यूज के मुताबिक तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि लूटपाट और आराजकता रोकने के लिए वो काबुल के कुछ हिस्सों में घुसेंगे और सुरक्षाबलों द्वारा खाली की गई चौकियों पर कब्जा जमाएंगे. उन्होंने लोगों से कहा कि काबुल में उनके प्रवेश पर लोगों के डरने की जरूरत नहीं है.
aajtak.in