जिस अलमारी के सामने से सालेह ने दिया था वीडियो संदेश, वहां पहुंचा तालिबान! फोटो वायरल

वायरल तस्वीर के जरिए दावा किया जा रहा है कि तालिबान पंजशीर के उस किताबों की अलमारी तक पहुंचा गया है, जहां से पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने वीडियो संदेश जारी किया था.

Advertisement
वायरल तस्वीर वायरल तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST
  • सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल
  • वायरल तस्वीर के जरिए किया दावा

अफगानिस्तान में तालिबानी राज की भले वापसी हो चुकी है, लेकिन पंजशीर के शेर उसकी नाक में दम किए हुए हैं. पंजशीर घाटी में अफगान नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स ने तालिबान के खिलाफ पूरी तरह मोर्चा खोले हुए है. इस बीच एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है.

वायरल तस्वीर के जरिए दावा किया जा रहा है कि तालिबान पंजशीर के उस किताबों की अलमारी तक पहुंचा गया है, जहां से पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने वीडियो संदेश जारी किया था. वैसे तालाबिन की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि उसने पंजशीर पर कब्जा कर लिया है, लेकिन अमरुल्लाह सालेह और अहमद मसूद अब तक उसके दावे को खारिज करते आए हैं.  

Advertisement

सालेह के बड़े भाई की हत्या

कहा जा रहा है कि गुरुवार रात को तालिबान और नॉदर्न अलायंस के बीच हिंसक झड़प हुई थी. उस घटना में ही अमरुल्लाह सालेह के बड़े भाई को मार गिराया गया. तालिबान  के लड़ाकों ने रोहुल्लाह सलेह को काफी टॉर्चर किया था. हालांकि भाई की हत्या पर अमरुल्लाह सालेह की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिल रही है.

वहीं, रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान ने गुरुवार रात को पंजशीर घाटी में रोहुल्लाह को पहले टॉर्चर किया और बाद में बेरहमी से उनकी हत्या कर दी. रोहुल्ला के भतीजे इब्दुल्ला ने बताया कि तालिबानी कह रहे थे कि उनका शरीर 'सड़ना' चाहिए. 

पाकिस्तान लगातार साजिश रच रहा है

पाकिस्तान लगातार साजिश रचते हुए सालेह को मारने की कोशिश कर रहा है, जिससे जल्द-से-जल्द पंजशीर पर तालिबानियों का कब्जा हो सके. पंजशीर के कई जिलों को अफगान नेशनल रेसिस्टेंस फोर्स ने फिर से अपने कब्जे में ले लिया है. ये जिले पारियान, अबशार और दारा जिले हैं. इन जिलों पर  इन जिलों पर रेसिस्टेंस फोर्स के लड़ाकों का पूरी तरह से कब्जा है.  

Advertisement

शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन नहीं

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया है. उसने इसे पैसों और संसाधनों की बर्बादी बताया है. पहले माना जा रहा था कि 11 सितंबर को शपथ ग्रहण समारोह रखा जा सकता है, जिसमें पाकिस्तान, चीन समेत कई देशों को न्योता भेजा सकता है, लेकिन फिर अमेरिका में 20 सालों पहले हुए आतंकी हमले की बरसी होने के चलते इसे टाल दिया गया. अब यह रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि तालिबान सरकार कोई भी ऐसा आयोजन नहीं करने जा रही है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement