हज को लेकर पाकिस्तान के मीडिया आउटलेट्स ने एक ऐसी झूठी खबर चला दी है जिस पर सऊदी अरब ने नाराजगी जाहिर की है. पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में कहा गया कि इस साल हज के लिए जाने वाले पाकिस्तानियों को सऊदी अरब जाने में देरी हो सकती है क्योंकि हजारों पाकिस्तानी हाजियों का पैसा गलत बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो गया है. सऊदी अधिकारियों ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि सऊदी का हज सिस्टम उच्च पारदर्शिता नियमों का पालन करता है.
हज के लिए जाने से पहले हाजियों को एडवांस पेमेंट करना पड़ता है और पाकिस्तान के लोगों ने भी हज पर जाने के लिए एडवांस पेमेंट किया है. पाकिस्तान के मीडिया आउटलेट्स ने ऐसी खबर चलाई कि हाजियों के खर्च के लिए रखा गया लाखों सऊदी रियाल सऊदी अरब के हज मंत्रालय के अकाउंट में जाने के बजाए गलती से पेट्रोलियम उत्पादक देशों के संगठन OPEC के बैंक अकाउंट में चला गया.
इन खबरों को झूठा बताते हुए सऊदी अधिकारियों ने एक बयान में कहा, 'कुछ पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट्स में दावे किए गए कि हज फंड गलत सऊदी खाते में भेज दिया गया है, ये दावे निराधार हैं. ये सब हज अकाउंट मैनेजमेंट सिस्टम और मंत्रालय के आधिकारिक इलेक्ट्रॉनिक हज प्लेटफॉर्म की गलतफहमी से पैदा हुआ है. सऊदी का इलेक्ट्रॉनिक हज प्लेटफॉर्म पारदर्शिता और सटीकता के उच्च मानकों का पालन करता है.'
सऊदी अरब ने 67 हजार पाकिस्तानियों को हज से रोका
सऊदी अधिकारियों की तरफ से यह भी कहा गया कि पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने अपने तीर्थयात्रियों के लिए सभी कॉन्ट्रैक्ट्स को बिना किसी बड़ी दिक्कत के अंतिम रूप दे दिया है लेकिन पाकिस्तान की कई निजी कंपनियां जो हज के लिए लोगों को भेजती हैं, अपने हाजियों का कॉन्ट्रैक्ट सुरक्षित करने की समय सीमा से चूक गईं.
उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से यह समस्या लगातार बनी हुई है जिससे हाजियों के एंट्री की प्रक्रिया अधूरी रह गई है.
पिछले सप्ताह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने धार्मिक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों को उनकी लापरवाही के लिए फटकार लगाई थी. पाकिस्तानी अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इस साल 67,000 पाकिस्तानी हज यात्रा के लिए नहीं जा पाएंगे. शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानियों से कहा है कि इस मामले को वो सऊदी अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे.
सऊदी की स्थानीय मीडिया में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के निजी हज संचालक हज के लिए सभी जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने में नाकाम रहे जिस कारण इस साल 67,000 पाकिस्तानी हज के लिए सऊदी अरब नहीं जा पाएंगे.
हालांकि, पाकिस्तान के निजी हज ऑपरेटरों ने देरी के लिए सऊदी सरकार को दोषी ठहराया है. उनका दावा है कि उन्होने समय सीमा से पहले ही सऊदी को एडवांस पेमेंट भेज दिया था लेकिन सऊदी सॉफ्टवेयर सिस्टम क्रैश हो गया. सऊदी अरब की समय-सीमा के अनुसार हज वीजा जारी करने की अंतिम तिथि 18 अप्रैल थी और 67,000 पाकिस्तानियों को ये वीजा नहीं मिला है जिससे वो हज के लिए नहीं जा पाएंगे.
मुसलमानों के लिए हज क्यों है जरूरी?
हज इस्लाम के पांच पवित्र स्तंभों में से एक माना जाता है और इसे शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हर मुसलमान के लिए जरूरी बताया गया है. हर साल इस्लामिक महीना धुल हिज्जा के दौरान सऊदी अरब के मक्का शहर में हज यात्रा की जाती है. इस बार हज यात्रा 4 जून से शुरू हो सकती है और यह 9 जून को समाप्त हो सकती है. हज पांच दिनों की धार्मिक यात्रा है जिसे पाप धोने और अल्लाह से जुड़ने का जरिया माना जाता है.
हर साल दुनिया भर से लाखों मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं. सऊदी अरब हर देश को उनकी मुस्लिम आबादी के हिसाब से हज कोटा जारी करता है. इस साल भारत से 1,75,025 मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब जा रहे हैं.
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