यूक्रेन के हमले में नष्ट हुए रूस के बम बरसाने वाले एयरक्राफ्ट, सैटेलाइट इमेज से हुआ खुलासा

यूक्रेन ने टारगेट के करीब कंटेनरों से लॉन्च किए गए 117 मानव रहित एरियल व्हीकल का उपयोग करके रूस भर में करीब चार एयर बेस को निशाना बनाया. रॉयटर्स द्वारा वेरिफाइड ऑपरेशन के ड्रोन फुटेज से पता चलता है कि करीब दो जगहों पर कई एयरक्राफ्ट पर हमला किया गया.

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क्रेमलिन के अधिकारियों ने शुरू की हमलों की जांच (तस्वीर: रॉयटर्स) क्रेमलिन के अधिकारियों ने शुरू की हमलों की जांच (तस्वीर: रॉयटर्स)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2025,
  • अपडेटेड 8:43 AM IST

पिछले दिनों यूक्रेन (Ukraine) ने ड्रोन के जरिए रूस पर ताबड़तोड़ हमला किया. रॉयटर्स ने तीन ओपन सोर्स विश्लेषकों के हवाले से बताया है कि रूस के अंदर यूक्रेन द्वारा ड्रोन हमला किए जाने के तुरंत बाद ली गई रूसी एयर बेस की सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि कई बम गिराने वाले विमान नष्ट हो गए और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए.

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यूक्रेन ने टारगेट के करीब कंटेनरों से लॉन्च किए गए 117 मानव रहित एरियल व्हीकल का उपयोग करके रूस भर में करीब चार एयर बेस को निशाना बनाया. रॉयटर्स द्वारा वेरिफाइड ऑपरेशन के ड्रोन फुटेज से पता चलता है कि करीब दो जगहों पर कई एयरक्राफ्ट पर हमला किया गया.

तस्वीरों में दिखी डीटेल्स...

कैपेला स्पेस (Capella Space) नाम की सैटेलाइट कंपनी ने रॉयटर्स को साइबेरियाई इलाके इरकुत्स्क के एयरपोर्ट्स में से एक की तस्वीर उपलब्ध कराई है. यह तस्वीर 2 जून को ली गई थी, जो यूक्रेन द्वारा तीन साल से ज्यादा वक्त तक चली जंग में शुरू किए गए सबसे जटिल और प्रभावी अभियानों में से एक के अगले दिन थी.

बादलों की वजह से पारंपरिक सैटेलाइट तस्वीरें धुंधली हो सकती हैं, लेकिन डेटा सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) सैटेलाइट से आता है, जो पृथ्वी पर ऊर्जा किरणों को निर्देशित करता है और प्रतिध्वनि का पता लगाता है, जिससे छोटी-छोटी डीटेल्स की पहचान करना मुमकिन हो जाता है.

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जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफरेशन स्टडीज के अनुसंधान सहयोगी जॉन फोर्ड ने कहा, "दिखाई देने वाले मलबे के आधार पर, हाल ही में सैटेलाइट से मिली इमेजेज और ट्विटर पर पोस्ट किए गए टेलीग्राम से जारी ड्रोन फुटेज की तुलना में, मैं कई एयरक्राफ्ट्स के विनाश को देख सकता हूं."

फोर्ड ने पुष्टि की कि SAR इमेजेज में दो Tu-22 बैकफ़ायर बॉम्बर्स के मलबे जैसे दिखने वाले दृश्य दिखाई दे रहे हैं, जो यूक्रेन पर हमलों में रूस द्वारा इस्तेमाल किए गए लंबी दूरी के जेट हैं. उन्होंने यह भी कहा कि चार Tu-95 भारी बॉम्बर या तो नष्ट हो गए या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए.

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'ऑपरेशन में 41 विमान क्षतिग्रस्त हुए...'

मुरमान्स्क के ओलेन्या बेस के दूसरे एयरफील्ड से फुटेज में दो बॉम्बर्स जलते हुए और तीसरे विमान को एक बड़े विस्फोट से क्षतिग्रस्त होते हुए दिखाया गया. रॉयटर्स ने पुष्टि की कि बमवर्षक विमान Tu-95 थे.

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन ने मरमंस्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाज़ान और अमूर क्षेत्रों में एयरपोर्ट्स को निशाना बनाया था. इसने दावा किया कि हवाई सुरक्षा कुछ इलाकों में हमलों को रोकने में सक्षम थी, लेकिन मरमंस्क और इरकुत्स्क में नहीं, जहां कई विमानों में आग लग गई.

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क्रेमलिन के अधिकारियों ने हमलों की जांच शुरू कर दी है. रूस के टॉप सिक्योरिटी लीडर दिमित्री मेदवेदेव ने चेतावनी दी, प्रतिशोध अपरिहार्य है. यह दिखाता है कि रूस कठोर प्रतिक्रिया देगा.

यूक्रेन की घरेलू खुफिया एजेंसी, SBU ने इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी ली और इसे 'स्पाइडर वेब' कहा. उन्होंने दावा किया कि 41 रूसी विमान इस हमले में मारे गए. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ऑपरेशन की तारीफ करते हुए इसे 'बिल्कुल शानदार' बताया.

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जंग में मशगूल देशों का कितना नुकसान हुआ?

मंगलवार को यूक्रेन की सेना ने रूस के नुकसान पर अपनी रिपोर्ट अपडेट की. शुरुआत में, उन्होंने 12 विमानों के नष्ट होने की जानकारी दी, लेकिन बाद में यह संख्या बढ़कर 41 हो गई. 

यूक्रेनी सेना ने कहा, "तमाम स्रोतों से अतिरिक्त जानकारी संसाधित करने और उसे सत्यापित करने के बाद, हम रिपोर्ट करते हैं कि कुल (रूसी) नुकसान 41 सैन्य विमानों का था, जिसमें रणनीतिक बमवर्षक और अन्य प्रकार के लड़ाकू विमान शामिल थे."

SBU के मुताबिक, इस ऑपरेशन से 7 बिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि रूस के मुख्य हवाई क्षेत्रों में 34 फीसदी क्रूज मिसाइल ले जाने वाले बमवर्षक प्रभावित हुए हैं.

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इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर (ISW) के मुताबिक, यह हमला रूस को अपने एयरस्पेस की सिक्योरिटी को बदलने के लिए मजबूर कर सकता है. ISW ने कहा, "यह ऑपरेशन रूसी अधिकारियों को रूस की वायु रक्षा प्रणालियों को पुनर्वितरित करने पर विचार करने के लिए मजबूर करेगा, जिससे इलाके की बहुत व्यापक सीमा को कवर किया जा सके और संभवतः मोबाइल वायु रक्षा समूहों को तैनात किया जा सके, जो भविष्य में संभावित समान यूक्रेनी ड्रोन हमलों पर अधिक तेज़ी से प्रतिक्रिया कर सकें."

यह ड्रोन हमला 2022 के बाद से यूक्रेन के सबसे प्रभावी और व्यापक अभियानों में से एक था.

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