कई मोर्चों पर अहम है जयशंकर का अमेरिकी दौरा, मिशन वैक्सीनेशन में भारत को मिल सकता है फायदा

वैक्सीनेशन की इसी रफ्तार को तेज़ी देने के लिए अब सरकार हर मोर्चे पर काम कर रही है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं, जिसे इसी रणनीति का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है.

Advertisement
अमेरिका के दौरे पर हैं विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका के दौरे पर हैं विदेश मंत्री एस. जयशंकर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2021,
  • अपडेटेड 8:40 AM IST
  • कोरोना संकट के बीच एस. जयशंकर का US दौरा
  • मिशन वैक्सीनेशन में मिल सकती है कामयाबी

भारत में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है और इस बीच वैक्सीनेशन का काम हो रहा है. वैक्सीनेशन की इसी रफ्तार को तेज़ी देने के लिए अब सरकार हर मोर्चे पर काम कर रही है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं, जिसे इसी रणनीति का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है. भारत में अभी देशी वैक्सीन के अलावा सिर्फ रूसी वैक्सीन को ही मंजूरी मिली है, ऐसे में अमेरिकी वैक्सीन को मंजूरी मिलने से पहले इस दौरे के अहमियत ज्यादा है. 

Advertisement

फाइज़र और मॉर्डना संग बनेगी बात?
आपको बता दें कि अमेरिका में भी तेज़ी से वैक्सीनेशन का काम हो रहा है. अमेरिका में फाइज़र और मॉर्डना की वैक्सीन लगाई जा रही हैं, भारत में भी इन वैक्सीन को लाने की कोशिश है. हालांकि, अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है. ऐसे में विदेश मंत्री एस. जयशंकर का दौरा इस ओर अहम कदम है. जिसमें फाइज़र, मॉर्डना, जॉनसन एंड जॉनसन जैसे वैक्सीन निर्माताओं से चर्चा हो सकती है. 

ये सभी बड़ी कंपनियां भारत में सीधे केंद्र सरकार को टीका देने के लिए राज़ी हो रही हैं, हालांकि अभी दाम और अन्य मुद्दों पर बातचीत अटकी हुई है.

बाइडेन प्रशासन के दौरान पहला दौरा
कोरोना संकट के बीच अमेरिका में सत्ता परिवर्तन भी हुआ है. जो बाइडेन के कार्यकाल में विदेश मंत्री एस. जयशंकर का पहला अमेरिकी दौरा है. जो बाइडेन ने अपने 100 दिनों के ही कार्यकाल में दो अहम मंत्रियों को भारत भेजा था, साथ ही कोविड संकट के बीच भारत की आगे बढ़कर मदद भी की थी. अमेरिका की ओर से भारत को कोविड संकट के बीच सामग्री के साथ-साथ अन्य कई तरह से मदद की जा रही है. 

Advertisement

कोविड के अलावा भी कई मुद्दे अहम
सिर्फ कोविड ही नहीं बल्कि कई अन्य मसलों पर भी भारत और अमेरिका में चर्चा होगी. जिनमें क्वाड, संयुक्त राष्ट्र, क्लाइमेट चेंज, स्थानीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था से जुड़े मसले अहम होंगे. बता दें कि चीन संकट के वक्त भी अमेरिका ने खुलकर भारत का साथ दिया था. हाल ही में क्वाड देशों की बैठक में भी अमेरिका-भारत ने चीन के प्रति कड़ा रुख अपनाया था.

गौरतलब है कि आंकड़ों के लिहाज से दुनिया में अमेरिका ही कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, लेकिन अब वहां वैक्सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है ऐसे में हालात सुधर रहे हैं. वहीं, भारत ने जहां पहली लहर में दुनिया की मदद की तो दूसरी लहर के दौरान यहां स्थिति गंभीर हो गई थी. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement