रूसी प्रधानमंत्री मेदवेदेव का इस्तीफा, पुतिन ने मिशुस्टिन का नाम बढ़ाया आगे

रूस के प्रधानमंत्री दमित्री मेदवेदेव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सौंपा है.

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ पीएम दमित्री मेदवेदेव (फाइल फोटो-PTI) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ पीएम दमित्री मेदवेदेव (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:21 PM IST

  • रूस के प्रधानमंत्री दमित्री मेदवेदेव ने पद से दिया इस्तीफा
  • मंत्रिंडल के काम से संतुष्ट नहीं थे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

रूस के प्रधानमंत्री दमित्री मेदवेदेव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सौंपा है. वहीं, एजेंसियों के हवाले से खबर है कि राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री पद के लिए टैक्स चीफ मिशुस्टिन का नाम आगे बढ़ाया है.

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इससे पहले रूस के पीएम दमित्री मेदवेदेव ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. ताश न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव ने बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अपना इस्तीफा सौंपा है.

रूसी समाचार एजेंसियों ने का दावा है कि पुतिन ने मेदवेदेव को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद कहा किन इस बात से असंतुष्टि जाहिर की है कि उनका मंत्रिमंडल अपने सभी लक्ष्यों को पूरा करने में असफल रहा.

रूसी मीडिया का दावा है कि व्लादिमीर पुतिन दमित्री मेदवेदेव को राष्ट्रपति सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में नामित करने की योजना बनाई है. दमित्री मेदवेदेव, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पुराने सहयोगी रहे हैं . साल 2012 से ही मेदवेदेव लगातार प्रधानमंत्री के पद पर कार्यरत रहे हैं. दमित्री मेदवेदेव 2008 से 2012 तक राष्ट्रपति का पद भी संभाल चुके हैं.

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नए मंत्रिमंडल के गठन तक काम करते रहेंगे सदस्य

व्लादिमीर पुतिन ने मेदवेदेव के मंत्रिमंडल के सदस्यों से नए मंत्रिमंडल के गठन होने तक अपने पद पर काम करते रहने को कहा है. दमित्री मेदवेदेव के इस्तीफे के बाद बुधवार को राष्ट्रपति पुतिन ने राष्ट्र के पहले वार्षिक भाषण को संबोधित भी किया.

अपने कार्यकाल को बढ़ाना चाहते हैं पुतिन!

इस भाषण में पुतिन ने यह प्रस्ताव रखा कि रूसी संविधान में संशोधन किया जाए जिससे ही प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों की शक्तियों में विस्तार किया जा सके. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस प्रस्तावित कदम को पुतिन के वर्तमान कार्यकाल के 2024 में समाप्त होने के बाद सत्ता में बने रहने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है.

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