रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अब और ज्यादा तीव्र हो चुका है. बातचीत की टेबल पर जरूर दोनों देश आ गए हैं, लेकिन अभी ज्यादा प्रगति होती नहीं दिखी है. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की द्वारा लगातार मांग की जा रही है कि यूक्रेन को नो फ्लाइ जोन घोषित कर दिया जाए. उन्होंने इसे सीधे-सीधे मानव त्रासदी से जोड़ दिया है.
जेलेंस्की ने कहा है कि अगर यूक्रेन को नो फ्लाइ जोन घोषित नहीं किया गया तो मानव त्रासदी के लिए पूरी दुनिया जिम्मेदार रहने वाली है. अपने टीवी संबोधन में यूक्रेन राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा है कि रूस हमारे खिलाफ मिलाइल का इस्तेमाल कर रहा है, हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रहा है, ऐसे में पूरी दुनिया का साथ आना और जरूरी कदम उठाना जरूरी है. उनकी माने तो यूक्रेन पर संकट बहुत बड़ा है, लेकिन अभी तक हार नहीं मानी गई है और आगे भी झुका नहीं जाएगा.
अब यहां पर ये जानना जरूरी हो जाता है कि अगर यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया जाता है, तो ऐसी स्थिति में अगर रूसी विमान यहां पर हमला करने का प्रयास करेंगे, तो नेटो देश द्वारा जवाबी कार्रवाई की जाएगी. ऐसी परिस्थिति में यूक्रेन को रूस के खिलाफ बड़ी मदद मिल जाएगी और उसकी सुरक्षा भी कई गुना बढ़ेगी. लेकिन अभी तक नेटो ने यूक्रेन की इस मांग को नहीं माना है.
राष्ट्रपति जेलेंस्की की मांग ठुकराते हुए NATO महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग (Jens Stoltenberg) ने कहा था कि अगर हम ऐसा करते हैं तो इससे पूरे यूरोप में युद्ध की स्थिति पैदा हो जाएगी. ऐसे में अभी नेटो इस मामले में यूक्रेन की कोई मदद करेगा, मुश्किल लगता है. उसकी तरफ से सिर्फ प्रतिबंधों का दौर देखने को मिल रहा है. कुछ देश हथियार भी सप्लाई कर रहे हैं, लेकिन जैसी उम्मीद जेलेंस्की लगाए बैठे हैं,वो मदद उन्हें नहीं मिल पा रही है.
खबर है कि अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस पोलैंड दौरे पर जाने वाली हैं. वहां पर उनकी तरफ से यूक्रेन संकट पर विस्तार से चर्चा होनी है. खबर है कि यूक्रेन को सैन्य सहायता देने को लेकर भी मंथन हो सकता है.
aajtak.in