Russia Ukraine News: यूक्रेन में रूस का हमला दूसरे दिन भी जारी है. यूक्रेन की राजधानी कीव तक रूस के सैनिक पहुंच गए हैं. लेकिन आर्मी एक्शन के बीच यूक्रेन और रूस दोनों में ही प्रदर्शन भी तेज हो चुके हैं. दोनों ही देशों में नागरिक अपनी-अपनी सरकार के खिलाफ खड़े हो चुके हैं. जंग के बीच आखिर ये प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं? यह जानना भी जरूरी है.
रूस की बात करें तो उसकी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव तक पहुंच गई है. रूस की तरफ से यूक्रेन पर हवाई, जमीनी और पानी के रास्ते से भी हमले हो रहे हैं. यूक्रेन का दावा है कि रूसी हमले में यूक्रेन के 137 नागरिक मारे गए हैं, वहीं 316 लोग जख्मी हो गए हैं. इस बीच अहिंसा की वकालत करने वाले समूह और रूसी नागरिक पुतिन सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं. उनका कहना है कि यूक्रेन पर हमला रोका जाना चाहिए.
रूस के 54 शहरों में जंग का विरोध
सोशल मीडिया के जरिए शुरू हुआ विरोध धीर-धीरे रूस में 54 शहरों तक पहुंच गया. इसमें मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग और येकातेरिनबर्ग भी शामिल हैं. इन अलग-अलग शहरों से 1745 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसमें से 957 प्रदर्शनकारी तो सिर्फ मॉस्को से पकड़े गए हैं. प्रदर्शनकारियों का यहां तक कहना है कि जिन्होंने इस जंग को शुरू किया है उनको वे लोग वोट नहीं करेंगे. दूसरी तरफ पुतिन ने धमकी दी है कि इस तरह के प्रदर्शनों में लोग शामिल ना हों.
रूस में युद्ध को रोकने के लिए सिग्नेचर अभियान भी चलाया जा रहा है. इसमें एक दिन में 3,30,000 लोगों ने युद्ध को रोकने की वकालत की है. इसमें 250 से ज्यादा पत्रकार, इतना ही वैज्ञानिक, नगर पालिका परिषद के सदस्य आदि शामिल हैं. कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सरकार के फंड से चल रही जगह पर अबतक नौकरी कर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.
यूक्रेन में क्यों हो रहा विरोध
यूक्रेन में जो लोग अपनी सरकार का विरोध कर रहे हैं वे रूस के समर्थक हैं. साल 2014 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तब रूस समर्थित विद्रोहियों ने यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में एक अच्छे खासे इलाके पर कब्जा कर लिया था. तब से ही इन विद्रोहियों की यूक्रेन की सेना से भिड़ंत होती रही है. टकराव टालने के लिए मिन्स्क का शांति समझौता भी हुआ था, लेकिन स्थिति फिर भी नहीं बदली. पुतिन का कहना है कि इसी वजह से अब रूस ने सैन्य कार्रवाई की है. विद्रोही लोग लगातार यूक्रेन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे हैं. अब युद्ध में वे लोग रूसी सेना के साथ हैं.
ये रूसी समर्थित लोग डोनबास के इलाके में मौजूद हैं. यहीं पर दोनेस्स्क और लुहान्स्क क्षेत्र पड़ते हैं. इन्हीं दोनों को रूस ने बीते दिनों अलग देश की मान्यता दी थी.
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