रोहिंग्या शरणार्थियों की नाव नदी में पलटी, बच्चों समेत 8 लोगों की मौत, कई लापता

बताया जा रहा है कि ये नाव काफी छोटी थी. इसका इस्तेमाल मछुआरे मछली पकड़ने के लिए करते हैं, जिसमें लोगों के बैठने की क्षमता काफी कम है.

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बच्चों को बाहर लाते रोहिंग्या बच्चों को बाहर लाते रोहिंग्या

जावेद अख़्तर

  • ढाका, बांग्लादेश ,
  • 16 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 3:54 PM IST

म्यांमार से बाहर किए जा रहे रोहिंग्या लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब म्यांमार से रोहिंग्या शरणार्थियों को बांग्लादेश ले जा रही एक नाव पलटने से 8 लोगों की मौत हो गई. जबकि दर्जनों अब भी लापता हैं. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं.

यह नाव म्यांमार और बांग्लादेश को अलग करने वाली नफ नदी के किनारे पर डूबी है. अनुमान है कि नाव में 50 लोग सवार थे. बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के एरिया कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल एस. एम. आरिफ-उल-इस्लाम ने बताया कि नौका में अनुमानित तौर पर पचास से ज्यादा लोग सवार थे. उन्होंने बताया कि आठ शव बह कर नदी के तट पर आ गए जबकि 21 लोग सुरक्षित बच गए हैं. उन्होंने ये भी बताया कि मरने वालों में अधिकतर बच्चे हैं.

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क्षमता से अधिक सवार थे लोग

बताया जा रहा है कि ये नाव काफी छोटी थी. इसका इस्तेमाल मछुआरे मछली पकड़ने के लिए करते हैं, जिसमें लोगों के बैठने की क्षमता काफी कम है. लेकिन जब म्यांमार से रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहर निकाला गया तो बांग्लादेश की सीमा में पहुंचने के लिए नाव पर काफी लोग अपने परिवारों के साथ सवाल हो गए. बताया जा रहा है कि नाव ओवरलोड होने के चलते नदी में पलट गई, जिससे कई लोग डूब गए.

बॉर्डर गार्ड ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि यह नाव बांग्लादेश के तट से करीब 200 मीटर दूर डूबी. इससे करीब एक सप्ताह पहले नफ नदी के मुहाने पर रोहिंग्या समुदाय के सदस्यों से भरी एक और नाव भी डूब गई थी. बता दें कि म्यामांर में सेना की कार्रवाई के बाद से करीब पांच लाख मुस्लिम शरणार्थी बांग्लादेश चले गए हैं. अभी तक करीब एक दर्जन नौकाएं डूबने से लगभग 200 लोगों की मौत हो चुकी है.

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