कतर और इजरायल में चल रहे तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कतर को अमेरिका का एक बड़ा सहयोगी बताया है. ट्रंप का बयान इजरायल के लिए एक साफ मैसेज है. डोनाल्ड ट्रंप ने कतर के साथ इजरायल को अपने व्यवहार में सावधानी बरतने की चेतावती दी है.
क्या पिछले हफ़्ते कतर में हमास नेताओं पर हुए इजरायली हमलों के संबंध में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को कोई मैसेज देना है? इस सवाल पर ट्रंप ने जवाब दिया, "मेरा मैसेज है कि उन्हें बहुत-बहुत सावधान रहना होगा. उन्हें हमास के बारे में कुछ करना होगा, लेकिन कतर अमेरिका का एक बड़ा सहयोगी रहा है."
न्यू जर्सी के मॉरिसटाउन एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनका मानना है कि कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी एक शानदार शख्स हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले से खुद को दूर रखने की कोशिश की है. उन्होंने दोहा में इजरायली हमले के कुछ दिनों बाद शुक्रवार को कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जसीम अल थानी की न्यूयॉर्क में डिनर पर मेजबानी की.
नेतन्याहू ने दोहा हमले के बचाव में दिया 9/11 का हवाला
अपने वीडियो संबोधन में नेतन्याहू ने कहा, "11 सितंबर के बाद अमेरिका ने क्या किया? उसने इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को मार गिराने का वादा किया था. दो हफ़्ते बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसमें कहा गया था कि सरकारें आतंकवादियों को पनाह नहीं दे सकतीं. हमने इसी तर्ज पर काम किया."
कतर ने दोहा पर इजरायली हमलों की निंदा करते हुए इसे सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का घोर उल्लंघन और कतर के नागरिकों और कतर में रहने वालों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया.
यह भी पढ़ें: 'कतर में हमास के नेताओं के खात्मे से समाप्त हो सकता है गाजा युद्ध', बोले इजरायली पीएम नेतन्याहू
9 सितंबर को, जब हमास के टॉप लीडर गाजा पट्टी में सीजफायर के अमेरिकी प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा हुए थे, तब इजरायल ने कतर में हमास के राजनीतिक नेतृत्व के मुख्यालय पर हमला किया. अमेरिका के एक सहयोगी देश के क्षेत्र पर इस हमले ने विवाद के बढ़ने संभावना बढ़ा दिया. इसके साथ ही जंग खत्म करने और बंधकों को रिहा करने के मकसद से चल रही बातचीत ठप होने का जोखिम पैदा हो गया.
aajtak.in