प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल चीन में हैं, उनकी मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई. ये मुलाकात तिआनजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से इतर हुई. इसके अलावा आज एससीओ देश के नेताओं का ग्रुप फोटो सेशन भी हुआ, जिसमें पीएम मोदी, शी जिनपिंग, व्लादिमीर पुतिन और शहबाज शरीफ एक मंच पर नजर आए.
प्रधानमंत्री मोदी आज और कल यानी 1 सितंबर को उत्तरी चीन के तिआनजिन में SCO सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया था कि 'तिआनजिन, चीन पहुंच गया हूं. SCO शिखर सम्मेलन में विचार-विमर्श और विभिन्न विश्व नेताओं से मिलने का इंतजार है.'
पीएम मोदी-जिनपिंग की बैठक रविवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर लगभग 12 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 9:30 बजे) शुरू हुई. मोदी और जिनपिंग की बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब भारत और चीन के रिश्तों में कुछ नरमी आई है. यह पीएम मोदी का सात साल बाद चीन का पहला दौरा है और दस महीनों में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी दूसरी मुलाकात. पिछली मुलाकात रूस के कजान शहर में हुए ब्रिक्स 2024 सम्मेलन के दौरान हुई थी.
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आमतौर पर किसी बहुपक्षीय सम्मेलन में मेजबान देश के साथ द्विपक्षीय बैठक होना असामान्य नहीं है, लेकिन मोदी-शी की मुलाकात इसलिए खास मानी जा रही है क्योंकि हाल ही में अमेरिका और भारत के रिश्तों में खटास आई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. 1 सितंबर को पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भी द्विपक्षीय वार्ता हो सकती है.
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विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार में चुनावों की घोषणा का स्वागत किया और कहा कि वहां शांति और स्थिरता स्थापित करने का एकमात्र रास्ता संवाद ही है.उन्होंने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी की मुलाक़ात म्यांमार के स्टेट सिक्योरिटी एंड पीस कमीशन के चेयरमैन सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से हुई. बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, अपनी नेबरहुड फर्स्ट और एक्ट फास्ट नीतियों के तहत म्यांमार के साथ संबंधों को अत्यधिक महत्व देता है. प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-म्यांमार के बीच विकास साझेदारी पर बल दिया और जारी संपर्क परियोजनाओं के लिए म्यांमार के सहयोग का अनुरोध किया. बैठक में सुरक्षा और सीमा संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा हुई. प्रधानमंत्री ने दोहराया कि म्यांमार में स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए संवाद ही सबसे उपयुक्त माध्यम है.
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आज पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन अपने-अपने घरेलू विकास पर केंद्रित हैं और इस प्रक्रिया में उन्हें प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि साझेदार बनना चाहिए. उन्होंने साझा सहमति जताई कि मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए और स्थिर तथा मित्रतापूर्ण संबंध दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के लिए लाभकारी होंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के इतर नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली से मुलाकात की. इस पर खुशी जताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत और नेपाल के रिश्ते गहरे और विशेष हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिआनजिन में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के इतर मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू से मुलाकात की. पीएम मोदी ने कहा कि भारत का मालदीव के साथ विकास सहयोग दोनों देशों की जनता के लिए अत्यंत लाभकारी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान मिस्र के प्रधानमंत्री मोस्तफ़ा मदबौली से मुलाकात की. इस मौके पर उन्होंने कुछ साल पहले की अपनी मिस्र यात्रा को याद किया और कहा कि भारत-मिस्र की दोस्ती प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको से मुलाकात को लेकर खुशी जताई है. पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश आने वाले समय में आपसी सहयोग से मिलने वाले अवसरों को लेकर आशावादी हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन से मुलाकात की. साथ ही कहा कि इमामोली से बातचीत हमेशा सुखद रहती है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भारत और ताजिकिस्तान के बीच व्यापार और सांस्कृतिक रिश्ते लगातार बढ़ रहे हैं और यह एक सकारात्मक संकेत है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी पत्नी पेंग लियुआन ने रविवार को तिआनजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में आए अंतरराष्ट्रीय मेहमानों के स्वागत में भव्य भोज का आयोजन किया.
पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान जिनपिंग ने कहा कि हमें अच्छे पड़ोसी, भरोसेमंद साझेदार और ऐसे मित्र बनना चाहिए जो एक-दूसरे की सफलता में सहयोगी हों. ड्रैगन (चीन) और एलीफेंट (भारत) का साथ-साथ काम करना दोनों देशों के लिए सही विकल्प है. उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंधों को दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए. इस वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है, ऐसे में रिश्तों को स्थिर और रचनात्मक बनाए रखने की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. जिनपिंग ने दोनों देशों से रणनीतिक संवाद बढ़ाने, आपसी विश्वास मजबूत करने, बहुपक्षीय सहयोग में भागीदारी बढ़ाने और वैश्विक दक्षिण (Global South) की एकजुटता को आगे बढ़ाने का आह्वान किया.
चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत और चीन के लिए दोस्त बनना ही सही विकल्प है, दोनों देशों को सीमा विवाद को आपसी रिश्तों की पहचान नहीं बनने देना चाहिए. एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) शिखर सम्मेलन के इतर हुई इस वार्ता में शी जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि सहयोगी हैं. उन्होंने जोर दिया कि दोनों देश एक-दूसरे के विकास के अवसर हैं, खतरा नहीं.
एससीओ शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने प्रधानमंत्री मोदी का औपचारिक स्वागत किया. इसके बाद एससीओ नेताओं का ग्रुप फोटो सेशन हुआ. इस तस्वीर में पीएम मोदी, शी जिनपिंग, व्लादिमीर पुतिन, शहबाज शरीफ समेत कई नेता एक मंच पर नजर आए.
SCO समिट में शामिल होने चीन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वहां की सरकार ने प्रवास के दौरान विशेष ‘होंगची कार’ उपलब्ध कराई है. यह वही कार है जिसे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग आधिकारिक दौरों पर इस्तेमाल करते हैं. ‘होंगची’, जिसका अर्थ है ‘रेड फ्लैग’, चीन का प्रतिष्ठित लग्जरी ब्रांड है और इसे ‘मेड इन चाइना’ की पहचान माना जाता है. शी जिनपिंग ने भारत के महाबलीपुरम शिखर सम्मेलन के दौरान भी ‘होंगची L5’ कार का इस्तेमाल किया था.
पीएम मोदी ने जिनपिंग के साथ बैठक में आतंकवाद का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया. मोदी ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है और इस चुनौती से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने चीन से भी आग्रह किया कि दोनों देश मिलकर आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई लड़ें. विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, मोदी और शी जिनपिंग ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों और चुनौतियों, खासकर आतंकवाद जैसे विषयों पर साझा समझ बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
चीन के तिआनजिन में चल रहे एससीओ समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच करीब एक घंटे लंबी द्विपक्षीय बैठक हुई. सात साल बाद चीन पहुंचे पीएम मोदी ने इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. बातचीत के दौरान शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के संदर्भ में कहा कि भारत और चीन का दोस्त और अच्छे पड़ोसी बनना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि 'ड्रैगन और हाथी का साथ आना' दोनों देशों और पूरे क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है.
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तिआनजिन में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट से पहले हुई, जो करीब 1 घंटे चली. बैठक में पीएम मोदी ने सीमा पर शांति और स्थिरता, आपसी सहयोग और संबंधों की मजबूती पर जोर दिया. उन्होंने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार जताया और कहा कि कजान में हुई पिछली चर्चा से रिश्तों को सकारात्मक दिशा मिली है. बैठक में बॉर्डर मैनेजमेंट पर सहमति और कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने का भी जिक्र हुआ.
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जिनपिंग ने कहा, 'इस साल चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है. दोनों देशों को अपने रिश्तों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से संभालना होगा. हमें बहुपक्षवाद, बहुध्रुवीय दुनिया और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में ज्यादा लोकतंत्र को बनाए रखने की अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए और एशिया व पूरी दुनिया में शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करना चाहिए.'
शी जिनपिंग ने कहा, 'दुनिया परिवर्तन की ओर बढ़ रही है. चीन और भारत दो सबसे प्राचीन सभ्यताएं हैं. हम दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाले दो देश हैं और ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं. ऐसे में हमारा मित्र होना, अच्छे पड़ोसी बनना और ड्रैगन व हाथी का एक साथ आना बेहद जरूरी है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच तिआनजिन में हुई मुलाकात अब समाप्त हो गई है. बैठक के दौरान शी जिनपिंग ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी, आपसे दोबारा मिलकर बहुत खुशी हुई. मैं SCO शिखर सम्मेलन के लिए चीन में आपका स्वागत करता हूं. पिछले साल कजान में हमारी सफल बैठक हुई थी.' यह बैठक लगभग एक घंटे तक चली. पीएम मोदी के साथ NSA अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिस्री, चीन में भारत के राजदूत प्रदीप रावत, जॉइंट सेक्रेटरी (ईस्ट एशिया) गौरांग लाल दास और पीएमओ से अतिरिक्त सचिव दीपक मित्तल मौजूद थे. वहीं, शी जिनपिंग के साथ विदेश मंत्री वांग यी, प्रधानमंत्री ली कियांग, डायरेक्टर जनरल ऑफिस कैई ची और भारत में चीन के राजदूत शू फेहोंग मौजूद रहे.
प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग के बीच चल रही बैठक अब खत्म हो चुकी है. यह द्विपक्षीय वार्ता करीब 1 घंटे तक चली. मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि 'हम आपसी भरोसे और सम्मान के साथ रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
SCO शिखर सम्मेलन के दौरान शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा प्रबंधन पर सहमति बनी है, कैलाश मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ानों पर भी प्रगति हुई है. इससे 2.8 अरब लोग जुड़े हैं और इसका लाभ पूरी मानवता को मिलेगा. उन्होंने आपसी सम्मान और भरोसे को आगे बढ़ाने पर जोर दिया और चीन को SCO की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी. पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे की संवेदनशीलताओं का सम्मान करते हैं और रिश्तों को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के पहले दिन अज़रबैजान, आर्मेनिया और मालदीव के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. उत्तरी बंदरगाह शहर तिआनजिन में हुई इन बैठकों में शी जिनपिंग ने अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव, आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनियन और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की.
तिआनजिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक शुरू हो गई है. यह बैठक यिंगबिन होटल में चल रही है जो करीब 40 मिनट तक चलेगी.
(इनपुट: प्रणय उपाध्याय)
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन रविवार सुबह चीन के तिआनजिन शहर पहुंच चुके हैं. वह 2025 शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इसी बीच इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने चीन दौरा रद्द कर दिया है क्योंकि जकार्ता की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ उमड़ आई है जो बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा रही है.
चीन दौरे से ठीक पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों पर कड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि इन प्रतिबंधों से रूस की अर्थव्यवस्था मंदी के कगार पर पहुंच गई है, जो यूक्रेन युद्ध की लागत और व्यापारिक रोकथाम से बुरी तरह प्रभावित है. शनिवार को चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ को दिए एक लिखित इंटरव्यू में पुतिन ने कहा कि रूस और चीन वैश्विक व्यापार में 'भेदभावपूर्ण' प्रतिबंधों का विरोध करते हैं. पुतिन रविवार से बुधवार तक चार दिन के चीन दौरे पर रहेंगे, जिसे क्रेमलिन ने 'अभूतपूर्व' बताया है. चीन रूस का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है.
चीन में होने वाले SCO समिट को लेकर अमेरिका चिंतित है. यह मंच हमेशा चीन के प्रभाव में रहा है और पाकिस्तान पर कड़े शब्दों से बचता आया है. इस बार शी जिनपिंग इसे अपनी ताकत दिखाने का जरिया बना रहे हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को BRICS और SCO जैसे मंचों से खतरा इसलिए महसूस हो रहा है क्योंकि रेयर अर्थ पर इन देशों का कब्जा है. दुनिया के आधे से ज्यादा रेयर अर्थ रिजर्व चीन के पास हैं और वही सबसे बड़ा सप्लायर है. अमेरिका ने ब्राजील पर भी 50% टैरिफ लगाया है, जो दूसरे नंबर पर है.
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प्रधानमंत्री मोदी के चीन दौरे पर वहां के सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं. कुछ ने अमेरिका के दबाव के खिलाफ मोदी के रुख की तारीफ की, जबकि कुछ ने भारत पर शक जताकर चीन से गहरे सहयोग की मांग की. यह दिखाता है कि भारत के लिए चीन और अमेरिका के साथ रिश्तों में संतुलन बनाना आसान नहीं है, खासकर जब अमेरिका नई दिल्ली को अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति में अहम मानता है.
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पीएम मोदी के चीन दौरे पर एक्सपर्ट का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये चीन दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब पूरी दुनिया अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ नीतियों से जूझ रही है. ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ के बाद PM मोदी के इस चीन दौरे से भारत ने कूटनीति की नई बिसात बिछाई है. तिआनजिन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वन-टू-वन मीटिंग और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता से तय होगा कि दुनिया की धुरी क्या होगी. अमेरिका और यूरोप इस मीटिंग पर टकटकी लगाए देख रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि पीएम मोदी का ये दौरा सिर्फ बहुपक्षीय बैठक तक सीमित नहीं है. इसमें दुनिया की कूटनीति का नया अध्याय छिपा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार शाम यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत की और कीव तथा मॉस्को के बीच चल रहे युद्ध के ताजा हालात पर चर्चा की. बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने जेलेंस्की का आभार जताया और शांति बहाली तथा शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के लगातार समर्थन को दोहराया. यह बातचीत उस समय हुई जब प्रधानमंत्री मोदी अगले दिन तिआनजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने वाले हैं.
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार शाम जापान के दो दिवसीय दौरे के बाद तिआनजिन पहुंचे, जहां वह SCO शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. उनके स्वागत के लिए एक अनोखा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें चीनी कलाकारों ने सितार, संतूर और तबला जैसे भारतीय शास्त्रीय वाद्य यंत्र बजाए. इसके साथ ही चीनी कलाकारों के एक दल ने भरतनाट्यम नृत्य भी प्रस्तुत किया. उनके होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों की बड़ी संख्या ने 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारों के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.
चीन में होने वाले SCO शिखर सम्मेलन से पहले 19 अगस्त को दिल्ली में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत-चीन सीमा विवाद पर 24वें दौर की वार्ता की थी.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उन 20 से ज्यादा वैश्विक नेताओं में शामिल हैं जो शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. जनसंख्या के लिहाज से अब SCO दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन बन चुका है.