पाकिस्तान: PM इमरान खान को बाइडन के फोन का इंतजार, तंज कसते हुए बोले- वह बिजी आदमी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को बड़ी बेसब्री से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के फोन का इंतजार है. इस साल जनवरी में राष्ट्रपति बनने के बाद से ही बाइडन और इमरान खान के बीच बातचीत नहीं हो सकी है.

Advertisement
पाकिस्तानी पीएम इमरान खान पाकिस्तानी पीएम इमरान खान

aajtak.in

  • इस्लामाबाद,
  • 17 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:32 AM IST
  • बाइडन ने इमरान को अब तक नहीं किया फोन
  • बाइडन से बात करने को लालायित हैं PM इमरान
  • बाइडन से ही पूछे कि वे इतने बिजी क्यों हैंः इमरान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को बड़ी बेसब्री से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के फोन का इंतजार है. इस साल जनवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही बाइडन और इमरान खान के बीच बातचीत नहीं हो सकी है. अब इमरान खान ने एक इंटरव्यू में तंज कसते हुए बाइडन को 'बिजी मैन' बताया है. इंटरनेशनल न्यूज चैनल सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू इमरान खान ने स्वीकार किया कि जब से अफगानिस्तान सरकार में बदलाव हुआ है, उसके बाद भी उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ बातचीत नहीं हुई.

Advertisement

जब PM खान से पूछा गया कि राष्ट्रपति बनने के बाद से बाइडन ने उन्हें क्यों नहीं फोन किया तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि वह व्यस्त शख्स हैं और बाइडन से ही पूछा जाना चाहिए कि इतने बिजी क्यों हैं कि फोन भी नहीं कर सकते.

अमेरिकी विदेश मंत्री ने बोला था पाक पर हमला
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के पिछले दिनों दिए गए संकेत के बाद आई है, जिसमें ब्लिंकन ने पाकिस्तान पर हमला बोला था. उन्होंने संकेत दिए थे कि पाकिस्तान तालिबान के सदस्यों को पनाह देने में शामिल था, जिसमें खूंखार हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादी भी शामिल थे.

ब्लिंकन ने डेमोक्रेटिक सांसद बिल कीटिंग को एक विशेष सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने दशकों से अफगान मामलों में एक सक्रिय और कई नकारात्मक भूमिका निभाई है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री इमरान खान ने उनसे संपर्क न करने के लिए बाइडेन को लेकर निराशा व्यक्त की है. अगस्त महीने में अपने आवास पर विदेशी पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री खान ने कहा था कि वह राष्ट्रपति बाइडन के फोन कॉल का 'इंतजार' नहीं कर रहे हैं.

Advertisement

'राष्ट्रपति बाइडन ने मुझे फोन नहीं किया...'
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "मैं सुनता रहता हूं कि राष्ट्रपति बाइडन ने मुझे फोन नहीं किया. यह उनका काम है. ऐसा नहीं है कि मैं किसी फोन कॉल का इंतजार कर रहा हूं." खान ने बाइडन के राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी थी और द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए नए अमेरिकी प्रशासन के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की थी. उन्होंने कहा, ''वॉशिंगटन पाकिस्तान को केवल उस गड़बड़ को दूर करने के रूप में देखता है जिसे उसने अफगानिस्तान में किया है. लेकिन जब रणनीतिक साझेदारी बनाने की बात आती है तो भारत को तरजीह देता है.''

इंटरव्यू के दौरान इमरान खान ने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ पाकिस्तान का रिश्ता सिर्फ एक फोन कॉल पर निर्भर नहीं है, इसे बहुआयामी होने की जरूरत है. 

'अमेरिकी अधिकारियों को दी थी चेतावनी'
इमरान खान ने यह भी कहा कि उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों को बार-बार चेतावनी दी कि अमेरिका सैन्य रूप से अपने उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर पाएगा और वहां फंस जाएगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका को तालिबान के साथ राजनीतिक रूप से समझौता करने का प्रयास करना चाहिए था. बता दें कि पिछले एक दशक में अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में कई बार उतार-चढ़ाव देखा गया है.

Advertisement

मई 2011 में अमेरिका द्वारा अल-कायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में उसके ठिकाने पर मार गिराने के बाद संबंधों में दरार आ गई थी. इसके अलावा, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को अमेरिकी सुरक्षा सहायता में लगभग 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर को भी सस्पेंड कर दिया था. सार्वजनिक रूप से पाकिस्तानी अधिकारियों पर झूठ बोलने और छलने का आरोप लगाया था और कहा था कि वे तालिबान और अन्य आतंकवादी समूहों को अफगानिस्तान में सीमा पार हमले करने के लिए एक आधार प्रदान करते हैं.

हक्कानी को खान ने बताया पश्तून जनजाति
वहीं, इंटरव्यू में खूंखार आतंकवादी हक्कानी के सवाल पर इमरान खान ने एक ऐसा जवाब दे दिया, जिससे उनकी देश-दुनिया में हंसी उड़ने लगी. इमरान खान ने हक्कानी को जनजाति बताते हुए कहा कि ये पश्तून जनजाति है और अफगानिस्तान में रहते हैं. 40 साल पहले जब अफगान जिहाद शुरू हुआ तो 50 लाख अफ़ग़ान शरणार्थी पाकिस्तान आए. इनमें से कुछ हक्कानी मुजाहिदीन थे और सोवियत से लड़ रहे थे. इनका जन्म पाकिस्तान के अफगान शरणार्थी कैंपों में हुआ है. इस जवाब पर इमरान का काफी मजाक उड़ रहा है.

अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने ट्वीट कर लिखा, ''मेरा सरनेम दिल्ली के परिवार से आया. पश्तून हक्कानी को यह टाइटल पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा में अकोरा खट्टक स्थित दारुल उलूम हक्कानियों में पढ़ने के कारण मिला. जलालुद्दीन और उनके परिवार ज़र्दान ट्राइब से हैं. पश्तूनों में कोई हक्कानी ट्राइब नहीं है. अगर जलालुद्दीन हक्कानी ट्राइब से है तो इमरान खान एचिसन और ऑक्सफोर्ड ट्राइब है.''

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement