नेपाल और इंडोनेशिया के बाद अब एक यूरोपीय देश फिलीपींस में भ्रष्टाचार विरोध प्रदर्शन तेज हो रहे हैं. यहां राजधानी में हजारों लोग भ्रष्टाचार और फर्जी बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं के खिलाफ सड़कों पर उतर आए. इन परियोजनाओं पर करदाताओं के अरबों डॉलर खर्च होने का आरोप है. विश्वविद्यालय के छात्र और एक्टिविस्ट कई दिनों से राजधानी में प्रदर्शन कर रहे हैं और 21 सितंबर को पूरे देश में बड़े प्रदर्शन का ऐलान किया है.
राजधानी मनीला में प्रदर्शन शांतिपूर्ण शुरुआत हुई, जिसमें लगभग 50,000 लोग पार्क में इकट्ठा हुए, लेकिन बाद में प्रदर्शन हिंसक हो गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव हुआ. पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, एक पुलिस चौकी का कांच तोड़ दिया और एक ट्रेलर को आग लगा दी. इस दौरान 72 लोग गिरफ्तार किए गए, जिनमें 20 नाबालिग शामिल हैं, जबकि कम से कम 39 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
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बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं में भ्रष्टाचार को लेकर गुस्सा तब बढ़ा जब राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस ने जुलाई में अपने स्टेट ऑफ द नेशन संबोधन में इन परियोजनाओं को उजागर किया.
फिलीपींस की अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर का नुकसान
वित्त मंत्रालय का अनुमान है कि 2023 से 2025 के बीच इन फर्जी परियोजनाओं के कारण फिलीपींस की अर्थव्यवस्था को तीन अरब डॉलर का नुकसान हुआ. ग्रीनपीस का अनुमान इससे भी अधिक, लगभग 27 बिलियन डॉलर है.
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हाउस ऑफ रिप्रेंजेंटेटिव्स भी भ्रष्टाचार के दायरे में
इस महीने की शुरुआत में, एक निर्माण कंपनी के मालिकों ने आरोप लगाया कि लगभग 30 हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के सदस्यों और पब्लिक वर्क्स विभाग के अधिकारियों ने नकद भुगतान लिया.
इस घोटाले के चलते कांग्रेस के दोनों सदनों में नेतृत्व में बदलाव हुए हैं, जिसमें हाउस स्पीकर मार्टिन रोमुअल्डेज़, जो राष्ट्रपति मार्कोस के चचेरे भाई हैं, ने अपनी जिम्मेदारी से इस्तीफा दे दिया. जांच प्रक्रिया अब शुरू हो गई है.
नेपाल में केपी ओली की सरकार गिरी
बीते दिनों नेपाल में युवा नेतृत्व वाले "Gen Z" प्रदर्शनों की एक लहर चली, जिसने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार को गिरा दिया. ये प्रदर्शन शुरू में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ हुए थे, लेकिन बाद में भ्रष्टाचार और समाज के कुछ लोगों की जिम्मेदारी से बचने की छवि के खिलाफ व्यापक जनता का गुस्सा भी व्यक्त करने लगे.
नई सरकार के रूप में, अंतरिम प्रधानमंत्री सुशिला कार्की, जो अपने भ्रष्टाचार विरोधी रिकार्ड के लिए जानी जाती हैं, को सरकार के कामकाज को फिर से स्थापित करने और देश को नई चुनाव प्रक्रिया की ओर ले जाने का जिम्मा दिया गया है. नया चुनाव 5 मार्च 2026 को होने वाला है.
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