Omicron: अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने शुरू किया ओमिक्रॉन के लिए तैयार वैक्सीन का ट्रायल

दुनियाभर में ओमिक्रॉन के कहर के बीच फाइजर (Pfizer) ने उम्मीद जगाई है. इस अमेरिकी दवा कंपनी ने बायोएनटेक के साथ मिलकर नए वैरिएंट के खिलाफ तैयार वैक्सीन का ट्रायल करना शुरू कर दिया है.

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Omicron वैक्सीन को लेकर फाइजर और बायोएनटेक ने ट्रायल शुरू किया. (सांकेतिक तस्वीर) Omicron वैक्सीन को लेकर फाइजर और बायोएनटेक ने ट्रायल शुरू किया. (सांकेतिक तस्वीर)

aajtak.in

  • न्यूयॉर्क,
  • 26 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:30 AM IST
  • देश-दुनिया में तेजी से बढ़ रही है ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या
  • अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने बनाई है ओमिक्रॉन के लिए वैक्सीन

कोरोना वायरस ने दुनियाभर में दहशत फैला रखी है. साथ ही इसका नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तो तीसरी लहर का कारण बन चुका है. इस तेजी से फैलने वाले वैरिएंट को लेकर हेल्थ एक्स्पर्ट्स लगातार नए-नए उपाय खोजने में जुटे हैं. इसी बीच अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर (Pfizer) ने Covid-19 से लड़ने के लिए तैयार की गई अपनी मूल वैक्सीन और ओमिक्रॉन के लिए बनाई वैक्सीन पर रिसर्च शुरू कर दी है.

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फाइजर और उसके साझेदार बायोएनटेक ने यह जानकारी दी है. बता दें कि कोरोना वायरस के वैक्सीन निर्माता ओमिक्रॉन से मुकाबला करने के लिए अपने टीके में बदलाव कर रहे हैं ताकि ग्लोबल लेवल पर जरूरी बदलाव का फैसला आने की स्थिति में तैयार रहा जा सके.

एक रिसर्च के मुताबिक, डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन से उन लोगों में भी संक्रमण की अधिक संभावना है जिन्हें वैक्सीन लगा चुकी है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वैक्सीन में बदलाव की जरूरत है.

अमेरिका में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि मौजूदा वैक्सीन लोगों को कोरोना के गंभीर लक्षण और मौत से सुरक्षा प्रदान कर रही है. साथ ही अमेरिका और अन्य जगहों पर हुए अध्ययन यह स्पष्ट करते हैं कि बूस्टर डोज से सुरक्षा कवच मजबूत होता है और संक्रमण के हल्के लक्षण से बचने की संभावना बढ़ती है.

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फाइजर की वैक्सीन रिसर्च चीफ कैथरीन जैनसन ने बताया, हमें समय के साथ वैक्सीन से मिली इम्युनिटी के कम होने और भविष्य में ओमिक्रॉन और नए वैरिएंट्स से निपटने में मदद करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है.

नई अमेरिकी रिसर्च के लिए 18 से 55 साल के 1,420 हेल्दी लोगों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है ताकि अपडेट की गई वैक्सीन का बूस्टर के तौर पर परीक्षण किया जा सके. इस दौरान रिसर्च करने वाले टीका सुरक्षा में आने वाली कमी की जांच करेंगे और पता लगाएंगे कि मूल वैक्सीन की तुलना में अपडेट की गई वैक्सीन प्रतिरोधक क्षमता या इम्यून सिस्टम को कैसे बढ़ाती है.

रिसर्च के दौरान पहले ग्रुप में करीब 600 वॉलिंटियर जिन्हें तीन से छह महीने पहले फाइजर के मूल टीके की दो खुराक दी गई थी, उनको को एक या दो ओमिक्रॉन आधारित बूस्टर डोज दी जाएगी, जबकि दूसरे ग्रपु में ऐसे 600 लोग जिन्हें पहले ही तीन रेगुलर डोज दिए जा चुके हैं, उन्हें चौथी खुराक के तहत रेगुलर वैक्सीन या ओमिक्रॉन आधारित टीके की खुराक दी जाएगी. इसमें कुछ वैक्सीन न लगवाने वाले वॉलिंटियर्स को भी रखा जाएगा, जो कि ओमिक्रॉन के लिए बनाई गई वैक्सीन की तीन डोज लेंगे. 

 

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